Month: दिसम्बर 2018

संदेशवाहक

मेरे पास आपके लिए एक खबर है, बुरी खबर, या चुनौती देनेवाली खबर l पुराना नियम में, परमेश्वर ने अपने नबियों द्वारा आशा या न्याय का समाचार दिया l किन्तु निकटता से देखने पर, उन न्याय के शब्दों के पीछे भी पश्चाताप, चंगाई, और पुनर्स्थापन था l

मलाकी 3 में दोनों ही प्रकार की खबर है जब प्रभु ने एक संदेशवाहक भेजने की प्रतिज्ञा की जो उसके लिए मार्ग तैयार करेगा l यूहन्ना बपतिस्मादाता ने एक सच्चे संदेशवाहक, यीश की घोषणा की (देखें मत्ती 3:11) – “वाचा का वह दूत” (मलाकी 3:1) जो परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को पूरी करेगा l किन्तु वह “सोनार की आग और धोबी के साबुन” की तरह कार्य करेगा (पद.2), क्योंकि वह उसके वचन में विश्वास करनेवालों को पवित्र करेगा l प्रभु ने अपने लोगों की भलाई के लिए अपनी प्रेमपूर्ण चिंता के कारण अपने लोगों को शुद्ध करने के लिए अपना वचन भेजा l

परमेश्वर का सन्देश प्रेम, आशा, और छुटकारे का है l उसने अपने पुत्र को एक संदेशवाहक बनने के लिए भेजा जो हमारी भाषा बोलता है – कभी-कभी सुधार का समाचार, किन्तु हमेशा आशा की l हम उसके सन्देश पर भरोसा कर सकते हैं l

सभी बातें नयी

कबाड़खाना मुझ में कुतूहल पैदा करते हैं l मुझे कारों पर कार्य करना पसंद है, इसलिए मैं अपने घर के निकट एक कबाड़खाना में जाता हूँ l यह एकांत स्थान है, जहां हवा टूटी और त्यागे हुए कबाड़ के बीच से फुसफुसाती है, जो कभी किसी की मूल्यवान सम्पति थी l कुछ टूट गए, कुछ पुराने, और दूसरे अपनी उपयोगिता को पार किये हुए l कारों की पंक्तियों के बीच से गुज़रता हुआ, कभी-कभी कोई कार मेरे नजरों में आ जाती है, और मैं उसके रोमांच के विषय सोचने लगता हूँ जिसमें से वह अपने “जीवन काल” में गुज़री होगी l अतीत के एक द्वार की तरह, हरेक कार के पास बताने के लिए एक कहानी है – मनुष्य की आधुनिकतम मॉडल की तीव्र उत्कंठा और समय के अपरिहार्य भाग के पीछे भागना l

किन्तु मैं ख़ास तौर से किसी पुराने हिस्से में नया जीवन खोजना चाहता हूँ l जब भी मैं कुछ त्यागी हुयी वस्तु उठाता हूँ और इसको एक ठीक किये गए वाहन में नया जीवन देता हूँ, यह समय और गिरावट के विरुद्ध एक छोटी विजय महसूस होती है l

यह मुझे बाइबल के अंत में यीशु के शब्दों पर विचार करने पर विवश करता है : “देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूँ” (प्रकाशितवाक्य 21:5) l ये शब्द परमेश्वर द्वारा सृष्टि की नवीनीकरण का सन्दर्भ देता है, जिसमें विश्वासियों को सम्मिलित किया गया है l पहले से, यीशु को ग्रहण करनेवाले उसमें “नयी सृष्टि” हैं (2 कुरिन्थियों 5:17) l

एक दिन हम उसके साथ अनन्त दिनों की प्रतिज्ञा में प्रवेश करेंगे (यूहन्ना 14:3) l उम्र और बीमारी वहाँ नहीं होगी, और हम अनंत जीवनकाल के रोमांच में निरंतर रहेंगे l हममें से प्रत्येक के पास बताने के लिए क्या कहानी होगी – हमारे उद्धारकर्ता की छुटकारा देने वाले प्रेम की और अमर विश्वासयोग्यता की l

जब परमेश्वर नहीं कहता है

जब मुझे अठारह वर्ष की आयु में सेना में शामिल किया गया, क्योंकि यह सिंगापुर के सभी पुरुषों के लिए अनिवार्य है, मैंने ईमानदारी से आसान नियुक्ति के लिए प्रार्थना की l शायद एक लिपिक या ड्राईवर l ख़ास तौर से मजबूत नहीं होने के कारण, मेरी आशा थी कि मुझे युद्ध प्रशिक्षण की कठोरता से नहीं गुज़ारना पड़ेगा l किन्तु एक शाम बाइबल पढ़ते समय, एक पद स्पष्ट दिखाई दिया : “मेरा अनुग्रह तुम्हारे लिए पर्याप्त है . . . “ (2 कुरिन्थियों 12:9) l

मेरा दिल बैठ गया – किन्तु ऐसा होना नहीं चाहिए था l परमेश्वर ने मेरी प्रार्थना सुन ली l एक कठिन जिम्मेदारी मिलने पर भी, वह मेरे लिए प्रबंध करेगा l

फिर मेरी नियुक्ति बख्तरबंद पैदल सैनिक के रूप में हुयी, मुझे ऐसे काम करने पड़े जो मुझे पसंद नहीं थे l मैं अब पीछे मुड़कर, परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि परमेश्वर ने मेरी इच्छा पूरी नहीं की l प्रशिक्षण ने मुझे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत किया और वयस्कता में प्रवेश करने में दृढ़ किया l

यशायाह 25:1-5 में, इस्राएल का दण्ड और तत्पश्चात शत्रुओं से छुटकारे की घोषणा करने के बाद, नबी परमेश्वर की योजनाओं की प्रशंसा करता है l यशायाह इस बात पर ध्यान देता है कि ये सभी “आश्चर्यकर्म,” “प्राचीन काल से” नियोजित हैं (पद.1), फिर भी इसमें  कठिन समय सम्मिलित है l

परमेश्वर का इनकार सुनना कठिन हो सकता है, और जब हम कुछ अच्छे के लिए प्रार्थना करते हैं तब और भी कठिन – जैसे किसी को संकट से छुड़ाने के लिए l ऐसे समय में हमें परमेश्वर की अच्छी योजनाओं को थामे रहना है l शायद हम नहीं समझेंगे क्यों, किन्तु उसके प्रेम, भलाई, और विश्वासयोग्यता में भरोसा करते रहें l

छुटकारा का अच्छा दिन

2006 से लोगों का एक समूह नए साल के आसपास एक असामान्य घटना का उत्सव मानता है l उसे छुटकारे का अच्छा दिन (Good Riddance Day) कहा जाता है l लतीनी अमरीकी परंपरा पर आधारित, व्यक्ति पिछले साल के अप्रिय, शर्मनाक यादों और बुरे मुद्दों को एक ओद्योगिक- शक्तिशाली कतरनी मशीन में डाल देते हैं l या कुछ एक बड़े हथौड़े से अपने छुटकारे की वस्तुओं को हटाते हैं l

भजन 103 का रचयिता लोगों को अप्रिय यादों से छुटकारा पाने के पार जाने की सलाह देता है l वह हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर हमारे पापों से हमें छुड़ाता है l परमेश्वर के विशाल प्रेम प्रगट करने के प्रयास में, भजनकार शब्द चित्रों का उपयोग करता है l उसने परमेश्वर के प्रेम की विशालता की तुलना स्वर्ग और पृथ्वी के मध्य करता है (पद.11) l उसके बाद भजनकार स्थानिक शब्दों में उसकी क्षमा के विषय बातचीत करता है l जितनी दूरी पर सूर्योदय होता है से लेकर जहां सूर्यास्त होता है, प्रभु ने अपने लोगों के पापों को उतनी दूर कर दिया है (पद.12) l भजनकार की इच्छा थी कि परमेश्वर के लोग जाने कि उसका प्रेम और क्षमा अनंत और पूर्ण है l परमेश्वर ने अपने लोगों को पूर्ण क्षमा देकर उनके पापों की सामर्थ्य से उन्हें छुड़ाया है l

सुसमाचार! हमें छुटकारे के दिन के अनुभव के लिए नए साल तक इंतज़ार नहीं करना होगा l यीशु में विश्वास करके, जब हम अपने पापों को मानकर उनसे मन फिरा लेते हैं, वह उनसे छुटकारा देकर उन्हें समुद्र की गहराई में फेंक देता है l आज छुटकारा का अच्छा दिन हो सकता है!

सर्वोच्च स्थान

मेरे पति ने एक मित्र को चर्च बुलाया l आराधना के बाद उनके मित्र ने कहा, “मुझे गीत और वातावरण अच्छे लगे, किन्तु मुझे समझ में नहीं आता l आप यीशु को आदर का इतना ऊँचा स्थान क्यों देते हैं?” मेरे पति ने तब उसे समझाया कि मसीहियत मसीह के साथ एक रिश्ता है l उसके बिना, मसीहियत अर्थहीन हो जाता है l यीशु ने हमारे जीवनों में जो किया है उसी कारण हम इकठ्ठा होते और उसकी स्तुति करते हैं l

यीशु कौन है और उसने क्या किया है? प्रेरित पौलुस ने इस प्रश्न का उत्तर कुलुस्सियों 1 में दिया है l किसी ने परमेश्वर को नहीं देखा है, किन्तु यीशु उसे प्रतिबिंबित करने और प्रगट करने आया (पद.15) l परमेश्वर का पुत्र होकर, यीशु, हमारे लिए मृत्यु सहने और हमें पाप से छुड़ाने आया l पाप ने हमें परमेश्वर की पवित्रता से अलग कर दिया है, इसलिए किसी सिद्ध के द्वारा ही मेल हो सकता था l वही यीशु था (पद.14,20) l अर्थात्, यीशु ने हमें वह दिया जो कोई नहीं दे सकता था – परमेश्वर और अनंत जीवन तक पहुँच (यूहन्ना 17:3) l

क्यों वह इतने आदर के उच्च स्थान के योग्य है? उसने मृत्यु को पराजित किया l उसने अपने प्रेम और बलिदान से हमारे हृदयों को जीत लिया l वह हमें प्रतिदिन नयी सामर्थ्य देता है l वह हमारे लिए सब कुछ है?

हम उसकी महिमा करते हैं क्योंकि वह उसके योग्य है l हम उसे ऊँचा उठाते हैं क्योंकि वही उसका सही स्थान है l हम उसे अपने हृदयों में सर्वोच्च स्थान दें l

मात्र एक और दिन?

क्रिसमस एवरी डे  में, विलियम डीन होवेल्स एक छोटी लड़की की कहानी बताता है जिसकी इच्छा पूरी होती है l एक लम्बे, भयानक वर्ष के लिए यह वास्तव में हर दिन क्रिसमस है l तीन दिनों के बाद 24 दिसम्बर से 6 जनवरी का समय फीका पड़ने लगा है l जल्द ही मिश्री किसी को भी अच्छी नहीं लग रही है l टर्की पक्षी दुर्लभ हो गया है और मनमानी कीमत पर बिक रहा  है l उपहार धन्यवाद के साथ अब स्वीकारे नहीं जा रहे हैं और यहाँ वहाँ उनके ढेर लगे हैं l लोग एक दूसरे पर नाराज़ होते है l

शुक्र है कि, होवेल की कहानी सिर्फ एक व्यगात्मक कहानी है l लेकिन यह कितना अविश्वसनीय आशीष है कि बावजूद इसके कि हम उसे सम्पूर्ण बाइबल में देखते हैं, क्रिसमस उत्सव का विषय हमें कभी भी नहीं थकाता है l

यीशु के अपने पिता के पास स्वर्गारोहित होने के बाद, येरुशलम में मंदिर के निकट प्रेरित पतरस ने एक भीड़ को संबोधित किया कि यीशु ही वह था जिसके विषय मूसा ने कहा था, “प्रभु परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिए मुझ सा एक भविष्यवक्ता उठाएगा” (प्रेरितों 3:22; व्यवस्थाविवरण 18:18) l अब्राहम को परमेश्वर का वादा, “तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे घराने आशीष पाएंगे” (प्रेरितों 3:25, उत्पत्ति 22:18) l पतरस ने ध्यान दिया, “जितने भविष्यवक्ता बोले उन सब ने इन दिनों का सन्देश दिया है” – उद्धारकर्ता का आगमन (प्रेरितों 3:24) l

हम क्रिसमस की भावना को उत्सव के समापन के बहुत बाद तक जीवित रख सकते हैं l बाइबल की सम्पूर्ण कहानी में मसीह को देखकर यह सराहना कर सकते हैं कि क्रिसमस केवल एक दिन से कहीं अधिक है l

ठन्डे मौसम की बर्फ

सर्दियों में, मैंने अक्सर संसार को प्रातःकाल के बर्फ में लिपटा हुआ और शांत पाकर उसकी खूबसूरती से चकित हूँ l बसंत की आंधी की तरह बड़ी आवाज़ के साथ नहीं जो रात में अपनी उपस्थिति दर्शाती है, किन्तु बर्फ शांति से गिरती है l

“सर्दियों के बर्फ गीत में” (Winter Snow Song), में ऑड्रे एस्साद गाते हैं कि यीशु आंधी की तरह शक्ति के साथ पृथ्वी पर आ सकता था, किन्तु इसके बदले वह सर्दियों के बर्फ की तरह शांत और धीरे से मेरी खिड़की के बाहर आया l

यीशु का आना बहुतों को आश्चर्यचकित कर दिया l एक महल में जन्म लेने के बदले, वह एक विपरीत स्थान में जन्म लिया, बैतलहम के बाहर एक दीन निवास l और वह एक चरनी में सोया, केवल वही उसके लिए था (लूका 2:7) l उच्च अधिकारी और सरकारी अधिकारी उससे मिलने नहीं आए, साधारण चरवाहों ने उसका स्वागत किया (पद.15-16) l धन की कमी के कारण, यीशु के माता-पिता दो पक्षियों के सस्ते बलिदान भी चढ़ाने में असमर्थ थे जब उन्होंने उसको मंदिर में प्रस्तुत किया (पद.24) l

यीशु का संसार में प्रवेश करने वाला सरल तरीका नबी यशायाह का पूर्वाभास है, जिसने आनेवाले उद्धारकर्ता की नबूवत की थी कि “न वह चिल्लाएगा (यशायाह 42:2) न ही वह सामर्थ्य में आकर एक नरकट को तोड़ेगा या एक टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा (पद.3) l इसके बदले परमेश्वर की शांति की पेशकश के साथ वह हमें कोमलता से अपनी ओर खींचेगा l ऐसी शांति जो चरनी में जन्मे उद्धारकर्ता की अनपेक्षित कहानी पर विश्वास करनेवाले के लिए अभी भी उपलब्ध है l

उस पर विचार करें

लन्दन में ऑस्वाल्ड चैम्बर्स के बाइबल ट्रेनिंग कॉलेज (1911-15) के वर्षों के दौरान, वे अक्सर अपने व्याख्यानों के मध्य विद्यार्थियों को बातों से चौंका देते थे l एक युवती ने समझाया कि क्योंकि अगले भोजन के समय चर्चा रखी गयी थी, अक्सर चैम्बर पर प्रश्नों और आपत्तियों की बमबारी की जाती थी l उसने याद किया कि ऑस्वाल्ड सरल मुस्कराहट के साथ कहते, “बस इसे अभी छोड़ दें; यह आपके पास बाद में लौटेगा l” उसने उन्हें उन मुद्दों पर सोचने और परमेश्वर को अपनी सच्चाई प्रगट करने की अनुमति देने को कहा l

ध्यान केन्द्रित करना और उसके विषय गहराई से विचार करना ही सोचना है l बैतलहम में यीशु के जन्म की घटनाओं के बाद, स्वर्गदूतों और चावाहों की उपस्थिति के बाद जो  उद्धारकर्ता को देखने आए थे, “मरियम ने सब बातें मन में रखकर सोचती रही” (लूका 2:19) l नया नियम का विद्वान डब्ल्यू. ई. वाइन कहता है कि “सोचने” का अर्थ है “एक साथ फेंक देना, वार्तालाप करना, विचार करने के लिए एक वस्तु को दूसरे के साथ रखना” (Expository Dictionary of New Testament Words) l

जब हम समझने का प्रयास करते हैं कि हमारे जीवनों में क्या हो रहा है, हमारे पास मरियम का अद्भुत उदाहरण है कि परमेश्वर और उसकी बुद्धि को खोजने का क्या अर्थ होता है l

जब हम, उसकी तरह, अपने जीवनों में परमेश्वर का मार्गदर्शन स्वीकार करते हैं, हमारे पास सजोने और अपने मन में विचार करने के लिए उसके प्रेमी मार्गदर्शन की बहुत सी नयी बातें होती हैं l

अधिकता में या दुःख में

ऐन वोस्कईम्प की पुस्तक वन थाउजेंड गिफ्ट्स  पाठकों को प्रभु ने उनके लिए क्या किया है, प्रतिदिन खोजने के लिए उत्साहित करती है l उसमें, वह रोजाना बड़ी और छोटी दोनों उपहारों में परमेश्वर की प्रचुर उदारता, जिसमें बरतन धोने वाले सिंक में साधारण बुलबुलों से लेकर पापियों के (और बाकी हम सब!) के अतुलनीय उद्धार की बात करती है l ऐन का तर्क है कि धन्यवाद ही वह कुंजी है जो जीवन के सबसे अशांत क्षणों में भी परमेश्वर को देखती है l

अय्यूब ऐसे “अशांत क्षणों” के जीवन के लिए लोकप्रिय है l वास्तव में, उसकी हानि गहरी और बहुत थी l अपने सभी पशुओं को खोने के कुछ ही क्षण बाद, उसे उसी समय अपने दसों बच्चों की मृत्यु का समाचार मिलता है l अय्यूब का अत्यधिक दुःख उसके प्रतिउत्तर में दिखाई देता है : वह “बागा फाड़, सिर [मुड़वाता है]” (1:20) l उसके दर्द भरे शब्द मुझे सोचने पर मजबूर करते हैं कि अय्यूब कृतज्ञता के अभ्यास को जानता था, क्योंकि वह स्वीकार करता है कि परमेश्वर ने उसे वह सब कुछ दिया था जो वह खो चुका था (पद.21) l इस तरह के अपमानजनक दुःख के बीच में वह और किस प्रकार उपासना कर सकता था?

दैनिक कृतज्ञता का अभ्यास हानि के मौसम में महसूस किये जानेवाले दुःख के परिणाम को मिटा नहीं सकता है l जिस तरह पुस्तक वर्णन करता है अय्यूब अपने दुःख में होकर प्रश्न और  सामना करता रहा l किन्तु अपने लिए परमेश्वर की भलाइयाँ पहचानने पर - यहाँ तक कि छोटे तरीकों में भी – हम जीवन के अंधकारमय समयों में भी शक्तिशाली परमेश्वर के सामने उपासना में घुटना टेकने के लिए तैयार होते हैं  l