ऐन वोस्कईम्प की पुस्तक वन थाउजेंड गिफ्ट्स  पाठकों को प्रभु ने उनके लिए क्या किया है, प्रतिदिन खोजने के लिए उत्साहित करती है l उसमें, वह रोजाना बड़ी और छोटी दोनों उपहारों में परमेश्वर की प्रचुर उदारता, जिसमें बरतन धोने वाले सिंक में साधारण बुलबुलों से लेकर पापियों के (और बाकी हम सब!) के अतुलनीय उद्धार की बात करती है l ऐन का तर्क है कि धन्यवाद ही वह कुंजी है जो जीवन के सबसे अशांत क्षणों में भी परमेश्वर को देखती है l

अय्यूब ऐसे “अशांत क्षणों” के जीवन के लिए लोकप्रिय है l वास्तव में, उसकी हानि गहरी और बहुत थी l अपने सभी पशुओं को खोने के कुछ ही क्षण बाद, उसे उसी समय अपने दसों बच्चों की मृत्यु का समाचार मिलता है l अय्यूब का अत्यधिक दुःख उसके प्रतिउत्तर में दिखाई देता है : वह “बागा फाड़, सिर [मुड़वाता है]” (1:20) l उसके दर्द भरे शब्द मुझे सोचने पर मजबूर करते हैं कि अय्यूब कृतज्ञता के अभ्यास को जानता था, क्योंकि वह स्वीकार करता है कि परमेश्वर ने उसे वह सब कुछ दिया था जो वह खो चुका था (पद.21) l इस तरह के अपमानजनक दुःख के बीच में वह और किस प्रकार उपासना कर सकता था?

दैनिक कृतज्ञता का अभ्यास हानि के मौसम में महसूस किये जानेवाले दुःख के परिणाम को मिटा नहीं सकता है l जिस तरह पुस्तक वर्णन करता है अय्यूब अपने दुःख में होकर प्रश्न और  सामना करता रहा l किन्तु अपने लिए परमेश्वर की भलाइयाँ पहचानने पर – यहाँ तक कि छोटे तरीकों में भी – हम जीवन के अंधकारमय समयों में भी शक्तिशाली परमेश्वर के सामने उपासना में घुटना टेकने के लिए तैयार होते हैं  l