स्थानीय समाचार-पत्र का अनुच्छेद छोटा था, परन्तु दिल को छू लेने वाला था। सुदृढ़ पारिवारिक सम्बन्धों पर विश्वास पर आधारित एक कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात जेल के कुछ कैदियों को उनके परिवारों से मिलने का एक सुअवसर प्रदान किया गया था। कुछ कैदियों ने तो अपने बच्चों को सालों से नहीं देखा था। एक शीशे की खिड़की से बात करने के स्थान पर वे अपने प्रियों को छू और गले से लगा सकते थे। जब वे परिवार निकट आए तो आँसू बहने लगे और ज़ख्म चंगे होने शुरू हो गए।
अधिकत्तर पाठकों के लिए, यह मात्र एक कहानी थी। परन्तु इन परिवारों के लिए एक-दूसरे को थामना एक जीवन परिवर्तक घटना थी-और कुछ के लिए क्षमा करने और पुनर्मेल की प्रक्रिया आरम्भ हो गई थी।
परमेश्वर का हमारे पापों को क्षमा करना और पुनर्मेल का प्रस्ताव देना, उसके पुत्र के द्वारा ही सम्भव हुआ और यह मसीही विश्वास का एक तथ्य मात्र होने से कहीं अधिक है। समाचार पत्र के पुनर्मेल का वह अनुच्छेद हमें याद दिलाता है कि यीशु का बलिदान संसार के लिए मात्र एक सर्वोत्तम समाचार ही नहीं, परन्तु आपके और मेरे लिए भी है।
कईबार हम उस अपराध के द्वारा दबे होते हैं, जो हम ने किया होता है, परन्तु यही वह समाचार है जिसे हम हताशा के साथ थामे रख सकते हैं। तभी परमेश्वर की कभी न समाप्त होने वाली दया का तथ्य एक व्यक्तिगत समाचार बन जाता है: यीशु के हमारे लिए मरने के कारण हम पिता के समक्ष साफ़-सुथरे बन कर आ सकते हैं, “हिम से भी श्वेत” (भजन संहिता 51:7) । ऐसे समयों में, जब हम जानते हैं कि हम उसकी दया के योग्य नहीं हैं तो हम एक ही बात को थाम सकते हैं, जिस पर हम निर्भर हो सकते हैं: परमेश्वर की करुणा और बड़ी दया (पद 1) ।
क्षमा मात्र एक बड़ी खबर ही नहीं है। यह तो एक अद्भुत व्यक्तिगत समाचार है!