मेरे पिता ने कहा, “एक वृक्ष को देखना और अस्पष्ट हरियाली की जगह अलग-अलग पत्तियों को देखना अद्भुत है!” मैं और अच्छे तरीके से बता नहीं सकता था l मैं उस समय अठारह वर्ष का था और चश्मा पहनने की अपनी नयी ज़रूरत को पसंद नहीं करता था, किन्तु मेरे चश्मे ने मेरे देखने का तरीका बदल दिया, धुंधले को सुन्दर बना दिया!

वचन को पढ़ते समय, मैं कुछ पुस्तकों को उसी तरीके से देखता हूँ जैसे चश्मे के बिना पेड़ों को देखना है l कुछ अधिक देखने के लिए नहीं है l परन्तु बारीकियों पर ध्यान देने से एक अरुचिकर परिच्छेद भी सुन्दरता को प्रगट कर देता है l

ऐसा मेरे निर्गमन पढ़ने के समय हुआ l मिलापवाला तम्बू – इस्राएलियों के मध्य उसका अस्थायी निवास – बनाने के लिए परमेश्वर का निर्देश धुंधला अरुचिकर वर्णन दिखाई देता है l परन्तु मैं अध्याय 25 के अंत में ठहर गया जहां परमेश्वर ने दीवट के लिए निर्देश दिया l वह “चोखे सोने” से बनाया गया था जिसमें उसका आधार, डंडी, पुष्पकोष, गाठ और फूल सम्मिलित थे (पद.31) l गाठों को “बादाम के फूल” के आकार का होना था (पद.34) l

बादाम के पेड़ असाधारण होते हैं l और परमेश्वर ने अपने निवासस्थान में उसी प्राकृतिक सुन्दरता को शामिल किया!

पौलुस ने लिखा, “उसके [परमेश्वर के] अनदेखे गुण, अर्थात् उसकी सनातन सामर्थ्य और परमेश्वरत्व’ सृष्टि में दिखाई देते और समझे जाते हैं (रोमियों 1:20) l परमेश्वर की सुन्दरता को देखने के लिए, कभी-कभी हमें सृष्टि को देखना होगा, और जो बाइबल में अरुचिकर परिच्छेद महसूस हो, उसे एक नए लेंस के द्वारा देखना होगा l