हम कौन हैं
मैं वह समय कभी नहीं भूल सकता जब मैं अपनी होनेवाली पत्नी को अपने परिवार से मिलाने ले गया l आँखों में चमक के साथ, मेरे दो बड़े भाई-बहनों में उससे पूछा, “आपने इस लड़के में क्या देखा?” उसने मुस्कराते हुए आश्वास्त किया कि परमेश्वर के अनुग्रह से मेरा पालन पोषण एक ऐसे पुरुष के रूप में हुआ है जिससे वह प्रेम करती थी l
मुझे वह अकलमंद उत्तर पसंद था क्योंकि वह यह भी प्रतिबिंबित करता है कि किस तरह, मसीह में, प्रभु हमारे अतीत से अधिक देखता है l प्रेरितों 9 में, वह हनन्याह को शाऊल को चंगा करने भेजता है, जो कलीसिया को सतानेवाला एक जाना हुआ व्यक्ति था जिसे परमेश्वर ने दृष्टिहीन कर दिया था l हनन्याह इस सेवा को पाकर संदेह करके बोला कि शाऊल यीशु के विश्वासियों को सताने और यहाँ तक कि मारने के लिए भी घेर रहा था l परमेश्वर ने हनन्याह से इस बात पर ध्यान नहीं देने को कहा कि अतीत में शाऊल कौन था परन्तु इस पर कि वह क्या बन गया था : एक सुसमाचार प्रचारक जो उस समय के ज्ञात संसार को सुसमाचार सुननेवाला था, जिसमें गैरयहूदी (वे जो यहूदी नहीं थे) और राजा भी सम्मिलित थे (पद.15) l हनन्याह ने शाऊल को एक फरीसी और सनानेवाले के रूप में देखा, परन्तु परमेश्वर ने उसे प्रेरित पौलुस और सुसमाचार प्रचारक देखा l
हम कितनी बार खुद को केवल उस रूप में देखते हैं जैसे हम रहे हैं – अपने समस्त असफलताओं और कमियों के साथ l परन्तु परमेश्वर हमें नई सृष्टि के रूप में देखता है, हम कौन थे नहीं परन्तु हम यीशु में क्या हैं और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य द्वारा हम क्या बन रहे हैं l हे परमेश्वर, हमें खुद को और दूसरों को इस प्रकार देखना सिखाएं!
नवीनीकरण के लिए तैयार
जर्मनी में सेना में रहते हुए, मैंने एक बिलकुल नयी 1969 मॉडल वोक्सवगेन बीटल(कार) खरीदी l कार सुन्दर थी! बाहरी गहरा हरा रंग आंतरिक भूरे रंग का पूरक था l परन्तु वर्षों के बीतने के साथ, परिवर्तन आरंभ हो गया, जिसमें एक दुर्घटना भी था जिसने पायदान और और एक दरवाजे को नष्ट कर दिया l और मैं अधिक कल्पना करके, सोच सकता था, “मेरी सबसे अच्छी कार नवीनीकरण की सही उम्मीदवार थी!” और अधिक पैसे के साथ, मैं उसे हटा भी सकता था l परन्तु ऐसा नहीं हो सका l
धन्यवाद हो कि सिद्ध परिकल्पना और असीमित श्रोतों का परमेश्वर इतनी आसानी से जीर्ण और टूटे लोगों के विषय हार नहीं मानता है l भजन 85 नवीनीकरण के लिए सही उम्मीदवारों का और योग्य परमेश्वर का वर्णन करता है जो नया कर सकता है l हालात संभवतः सत्तर वर्षों के निर्वासन(परमेश्वर के विरुद्ध बलवा करने पर उनको प्राप्त दंड) के बाद इस्राएलियों के लौट आने के बाद की है l पीछे मुड़कर, वे उसका अनुग्रह देख पा रहे थे – जिसमें उसकी क्षमा भी थी (पद.1-3) l वे परमेश्वर से उसकी सहायता मांगने के लिए प्रेरित थे (पद.4-7) और उनको उससे अच्छी वस्तुओं की अपेक्षा थी (पद.8-13) l
हममें से कौन कभी-कभी प्रताड़ित, घायल, और टूटा हुआ महसूस नहीं करता है? और कभी-कभी हमारे द्वारा खुद की हानि करने के कारण ऐसा होता है l परन्तु इसलिए कि प्रभु नवीनीकरण और क्षमा का परमेश्वर है, उसके निकट दीनता से आनेवाले कभी भी आशाहीन नहीं हैं l खुली बाहों के साथ वह उसकी ओर लौटने वालों का स्वागत करता है, और ऐसा करनेवाले, उसकी बाहों में सुरक्षा पाते हैं l
सब कुछ मुफ्त में
हेरोइन(मादक पदार्थ) की लत मार्मिक रूप से दुखद है l इसका उपयोग करनेवाले इसके प्रति रोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, इस प्रकार मादक पदार्थ के उस ऊँचे स्तर के लिए उन्हें और अधिक नशा करना पड़ता है l जल्द ही वे जितना नशीला पदार्थ लेते हैं ये उनकी मृत्यु के लिए पर्याप्त से अधिक होता है l जब नशेड़ी सुनते हैं कि कोई एकाएक अधिक नशा करने से मर गया है, ज़रूरी नहीं उनका पहला विचार डर होगा परन्तु “वह मुझे कहाँ मिल सकता है?”
सी.एस. ल्युईस अपनी पुस्तक स्क्रूटेप लेटर्स में परीक्षा की कला की शैतान की व्याख्या के प्रति अपने कल्पनाशील अवलोकन में इस गिरते बिगाड़ के विषय चेतावनी देते हैं l थोड़ी अभिलाषा के साथ आरम्भ करें – यदि संभव है तो परमेश्वर की अच्छी अभिलाषाओं में से एक से – और परमेश्वर ने जिस तरह निषेध किया है उस प्रकार से पेश करें l जब कोई व्यक्ति मुँह मारता है, उसे थोड़ा दें यद्यपि उसे अधिक पाने का प्रलोभन दें l “हमेशा कम होनेवाली अभिलाषा के लिए हमेशा बढ़नेवाली तृष्णा,” का प्रबंध करें, जब तक कि अंत में हमें “उस व्यक्ति की आत्मा न मिल जाए और उसके बदले उसे कुछ न दें l”
नीतिवचन 7 यौन पाप की परीक्षा के सम्बन्ध में इस विनाशक चक्र का वर्णन करता है l यौन परमेश्वर का अच्छा उपहार है, परन्तु जब हम विवाह के बाहर इसके आनंद को खोजते है हम “बैल” के जैसे होते हैं जो “कसाई-खाने को” जाता है (पद.22) l हमसे मजबूत लोगों ने हानिकारक शीर्ष बिन्दुओं को पाने का प्रयास करके खुद को बर्बाद किया है, इसलिए “सुनो” और “तेरा मन [गलत] मार्ग की ओर न फिरे” (पद.24-25) l पाप आकर्षक और लत लगाने वाला हो सकता है, परन्तु इसका अंत मृत्यु है (पद. 27) l परमेश्वर की सामर्थ्य में – पाप की परीक्षा से दूर रहकर, हम उसमें सच्चा आनंद और परिपूर्णता प्राप्त कर सकते हैं l
परमेश्वर के लिए परिश्रम
जितनों की परवरिश विलियम कैरी (1761-1834) के साथ उस इंग्लिश गाँव में हुयी शायद वे सोचते थे कि वह अधिक उपलब्धि हासिल नहीं कर पाएगा, परन्तु आज उसे आधुनिक मिशंस का पिता कहा जाता है l जुलाहे माता-पिता से जन्मा, वह बहुत सफल शिक्षक या मोची नहीं बन सका, जब वह स्वयं यूनानी, इब्री, और लतीनी भाषा सीखा रहा था l अनेक वर्षों के बाद, उसने भारत में मिशनरी बनने के अपने सपने को पहचाना l परन्तु उसने अनेक वर्षों तक कठिनाईयों का सामना किया, जिसमें उसके बच्चे की मृत्यु हुयी, पत्नी मानसिक समस्याओं में रही और वह जिनके बीच में सेवा करता था उनसे कोई प्रतिउत्तर प्राप्त नहीं किया l
किस बात ने उसे कठिनाईयों के मध्य सेवा करने की उर्जा दी जब उसने पूरी बाइबल को छह और उसके कुछ हिस्सों को अन्य उन्तीस भाषाओं में अनुवाद किया l “मैं परिश्रम कर सकता हूँ,” उसने कहा l “मैं किसी भी निश्चित लक्ष्य/उद्य्यम में दृढ रह सकता हूँ l” हर तरह की प्ररिक्षाओं का सामना करते हुए उसने परमेश्वर की सेवा जारी रखी l
मसीह के प्रति यह निरंतर निष्ठा ही है जिसके विषय इब्रानियों का लेखक सलाह देता है l वह अपने पाठकों से जब वे परमेश्वर का आदर करने का प्रयास कर रहे हैं उनसे “आलसी [नहीं बनने] (इब्रानियों 6:12) का आह्वान करता है, परन्तु अंत तक पूरी आशा के लिए . . . प्रयत्न [करने को कहता है] (पद.11) l उसने उनको आश्वस्त किया कि परमेश्वर “तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल [नहीं सकता है], . . . जो तुम ने उसके नाम के लिए . . . दिखाया [है] (पद.10) l
विलियम कैरी के जीवन के अंतिम वर्षों में, उसने स्मरण किया कि किस प्रकार निरंतर परमेश्वर ने उसकी ज़रूरतों को पूरी किया l “वह कभी भी अपने वादे में चूका नहीं, इसलिए मैं भी उसकी सेवा में कभी विफल नहीं हूँगा l” परमेश्वर हमें भी प्रतिदिन उसकी सेवा करने में सामर्थी बनाए l