हेरोइन(मादक पदार्थ) की लत मार्मिक रूप से दुखद है l इसका उपयोग करनेवाले इसके प्रति रोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, इस प्रकार मादक पदार्थ के उस ऊँचे स्तर के लिए उन्हें और अधिक नशा करना पड़ता है l जल्द ही वे जितना नशीला पदार्थ लेते हैं ये उनकी मृत्यु  के लिए पर्याप्त से अधिक होता है l जब नशेड़ी सुनते हैं कि कोई एकाएक अधिक नशा करने से मर गया है, ज़रूरी नहीं उनका पहला विचार डर होगा परन्तु “वह मुझे कहाँ मिल सकता है?”

सी.एस. ल्युईस अपनी पुस्तक स्क्रूटेप लेटर्स में परीक्षा की कला की शैतान की व्याख्या के प्रति अपने कल्पनाशील अवलोकन में इस गिरते बिगाड़ के विषय चेतावनी देते हैं l थोड़ी अभिलाषा के साथ आरम्भ करें – यदि संभव है तो परमेश्वर की अच्छी अभिलाषाओं में से एक से – और परमेश्वर ने जिस तरह निषेध किया है उस प्रकार से पेश करें l जब कोई व्यक्ति मुँह मारता है, उसे थोड़ा दें यद्यपि उसे अधिक पाने का प्रलोभन दें l “हमेशा कम होनेवाली अभिलाषा के लिए हमेशा बढ़नेवाली तृष्णा,” का प्रबंध करें, जब तक कि अंत में हमें “उस व्यक्ति की आत्मा न मिल जाए और उसके बदले उसे कुछ न दें l”

नीतिवचन 7 यौन पाप की परीक्षा के सम्बन्ध में इस विनाशक चक्र का वर्णन करता है l यौन परमेश्वर का अच्छा उपहार है, परन्तु जब हम विवाह के बाहर इसके आनंद को खोजते है हम “बैल” के जैसे होते हैं जो “कसाई-खाने को” जाता है (पद.22) l हमसे मजबूत लोगों ने हानिकारक शीर्ष बिन्दुओं को पाने का प्रयास करके खुद को बर्बाद किया है, इसलिए “सुनो” और “तेरा मन [गलत] मार्ग की ओर न फिरे” (पद.24-25) l पाप आकर्षक और लत लगाने वाला हो सकता है, परन्तु इसका अंत मृत्यु है (पद. 27) l परमेश्वर की सामर्थ्य में – पाप की परीक्षा से दूर रहकर, हम उसमें सच्चा आनंद और परिपूर्णता प्राप्त कर सकते हैं l