आपका क्या नाम है?
अपने पहले पति की मृत्यु के बाद जीना ने दूसरी शादी कर ली। उनके नए पति के बच्चों ने उन्हें कभी स्वीकार नहीं किया, और अब जब उनका भी निधन हो गया है, तो वे उनसे नफरत करते हैं क्योंकि वह उनके बचपन के निवास स्थान में रह रही है। उनके पति ने उन्हें प्रावधान के लिए एक मामूली राशि छोड़ी; उनके बच्चों का कहना है कि वह उनकी विरासत चुरा रही है। जीना स्वाभाविक रूप से निराश है, और वह कड़वी हो गयी है।
नाओमी का पति परिवार को मोआब ले गया, जहाँ वह और उसके दो पुत्र मर गए। वर्षों बाद, नाओमी सिर्फ़ अपनी बहू रूत के साथ खाली हाथ बेतलेहेम लौट आई। नगर में हलचल मच गई और उन्होंने पूछा, “क्या यह नाओमी है?” (रूत 1:19) उसने कहा कि उन्हें उस नाम का उपयोग नहीं करना चाहिए, जिसका अर्थ है "मेरा सुखद।" उन्हें उसे "मारा" कहना चाहिए, जिसका अर्थ है "कड़वा", क्योंकि "मैं भरी पूरी चली गई थी, परन्तु यहोवा ने मुझे छूछी करके लौटाया हैI" (पद. 20-21)
क्या आपका नाम “कड़वा” होने की कोई संभावना है? आप अपने मित्रों, परिवार या गिरते स्वास्थ्य से निराश हुए हैं। आप कुछ बेहतर पाने के पात्र थे। परन्तु आपको वह नहीं मिला। अब आप कड़वे हो गए हो।
नाओमी बेतलेहेम में कड़वी होकर लौटी, परन्तु वह लौट आई। आप भी घर आ सकते हैं। बेतलहम में पैदा हुए रूत के वंशज यीशु के पास आओ। उसके प्रेम में विश्राम करो।
समय के साथ, परमेश्वर ने नाओमी की कड़वाहट को उसकी सिद्ध योजना की आनन्दपूर्ण पूर्ति से बदल दिया (4:13-22) वह आपकी कड़वाहट को भी बदल सकता है। उसके पास घर आओ।
आनंद चुनें
सामान खरीदते हुये कीथ अच्छा महसूस नही कर रहा था। उनके हाथ पार्किंसंस रोग के पहले लक्षणों से कांप रहे थे। उसके जीवन की गुणवत्ता कितनी जल्दी कम होने लगी? उसकी पत्नी और बच्चों के लिए इसका क्या अर्थ होगा? कीथ की उदासी, हँसी से टूट गई—व्हीलचेयर में बैठे, हंसते हुए अपने बेटे को एक आदमी ने आलू के ऊपर धकेल दिया। उस आदमी ने झुक कर अपने बेटे से धीमी आवाज में कुछ कहा जो अपना मुस्कुराना बंद नहीं कर सका। उसकी हालत कीथ की तुलना में काफी खराब थी फिर भी वह और उसके पिता,जहां भी हो सकता था खुशी पा रहे थे ।
अपने मुकदमे के परिणाम की प्रतीक्षा करते हुये, जब प्रेरित पौलुस जेल से या घर में नजरबंद होकर लिख रहा था, तो लगता था कि प्रेरित पौलुस को आनन्दित होने का कोई अधिकार नहीं था (फिलिप्पियों 1 12–13)। उस समय सम्राट नीरो था, जो एक दुष्ट व्यक्ति था, जो हिंसा और क्रूरता के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध था, इसलिए पौलूस के चिंतित होने का कारण था। वह यह भी जानता था कि ऐसे उपदेशक थे जो उसकी अनुपस्थिति का फायदा उठाकर अपने लिए गौरव हासिल कर रहे थे। उन्होंने सोचा था कि वे पौलुस के लिए “ मुसीबत खड़ी कर सकते हैं” जब वह कैद में था (पद 17)।
तौभी पौलुस ने आनन्दित होना चुना (पद 18–21), और उसने फिलिप्पियों से उसके उदाहरण का अनुसरण करने के लिए कहा: “प्रभु में सदा आनन्दित रहो। मैं फिर कहता हूंरू आनन्दित रहो!” (4:4) । हमारी स्थिति अंधकारमय लग सकती है, फिर भी यीशु इस समय हमारे साथ है, और उसने हमारे गौरवशाली भविष्य की गारंटी दी है। मसीह, जो अपनी कब्र से बाहर निकल आया, अपने अनुयायियों को अपने साथ रहने के लिए, उठाने के लिए वापस आएगा। जब हम इस नए साल की शुरुआत करते हैं, हम आनन्दित हों!
पापियों के लिए एक अस्पताल
यदि आप नेदरलैंड्स के रोएरमंड(Roermond) में प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक कब्रिस्तानों के किनारे लम्बी पुरानी ईंट की दीवार के पास टहल रहे हों, तो आपको एक अजीब दृश्य देखने को मिलेगा l दीवार के दोनों ओर दो कब्रों पर समान विशाल हेडस्टोंस(headstones—कब्र के सिरहाने के पत्थर) हैं : एक प्रोटेस्टेंट पति के लिए और एक उसकी कैथोलिक पत्नी के लिए l उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान सांस्कृतिक नियमों के अनुसार उन्हें अलग-अलग कब्रिस्तानों में दफनाया जाना आवश्यक था l हालाँकि, वे अपने अन्त/होनी/fate को स्वीकार नहीं करते l उनकी असामान्य हेडस्टोन(headstone) इतने ऊंचे है कि वे दीवार से ऊपर हैं ताकि ऊपर केवल एक या दो फुट की हवा उन्हें अलग कर सके l प्रत्येक के ऊपर, एक गढ़ा हुआ(sculptured) हाथ दूसरे की ओर बढ़ा हुआ है, दोनों ही एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए हैं l इस जोड़े ने मौत के बाद भी अलग होने से इनकार कर दिया l
श्रेष्ठगीत प्रेम की सामर्थ्य को समझाता है l सुलैमान कहता है, “प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है”(8:6) l सच्चा प्यार शक्तिशाली, और अनवरत है l “यह ज्वाला अग्नि की दमक है”(पद.6) l सच्चा प्यार कभी समर्पण नहीं करता, शांत नहीं किया जा सकता और नष्ट नहीं होता l सुलैमान लिखता है, “पानी की बाढ़ से भी प्रेम नहीं बुझ सकता”(पद.7) l
“परमेश्वर प्रेम है”(1 यूहन्ना 4:16) l हमारा सबसे मजबूत प्रेम हमारे प्रति उसके अनवरत प्रेम का एक खंडित प्रतिबिम्ब मात्र है वह किसी भी सच्चे प्यार का अंतिम श्रोत है, कोई भी प्यार जो बांधे रहता है l
चरित्र परिवर्तन
परिवार सत्रहवीं सदी के व्याकरणविद्(grammarian-व्याकरण जाननेवाला) डॉमिनिक बहॉर्स के बिस्तर के आसपास इकठ्ठा हुआ, जो मृत्यु शय्या पर था l जब उन्होंने अंतिम साँसें लीं, कहते हैं कि उन्होंने कहा, “मैं मरने वाला हूँ या मैं मरने जा रहा हूँ; कोई भी अभिव्यक्ति सही है l” अपनी मृत्यु शय्या पर व्याकरण की परवाह कौन करेगा? एक मात्र वही व्यक्ति जिसने जीवन भर व्याकरण की परवाह की l
जब तक हम बुढ़ापे तक पहुँचते हैं, हम काफी हद तक अपने तरीकों में तैयार को चुके होते हैं l हमारे पास अपने विकल्पों को उन आदतों में बदलने के लिए जीवन भर का समय रहा होगा जो अच्छे या बुरे चरित्र में बदल(calcify) जाती है l हम वही हैं जो बनने के लिए हमने चुना है l
जब हमारा चरित्र युवा और लचीला है तो ईश्वरीय आदतें विकसित करना आसान होता है l पतरस आग्रह करता है, “तुम सब प्रकार का यत्न करके अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ, और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ”(2 पतरस 1:5-7) l इन गुणों का अभ्यास करें, और “तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनंत राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे”(पद.11) l
पतरस की सूची में कौन से गुण आपमें सबसे अधिक जीवित हैं? किन गुणों पर अभी भी काम रहने की ज़रूरत है? हम वास्तव में नहीं बदल सकते जो हम बन गए हैं, लेकिन यीशु बदल सकता है l उससे आपको बदलने और सशक्त बनाने के लिए कहें l यह एक धीमी, कठिन यात्रा हो सकती है, लेकिन यीशु हमें वही देने में माहिर है जिसकी हमें ज़रूरत है l उससे अपने चरित्र को बदलने के लिए कहें ताकि आप अधिक से अधिक उसके जैसे बन सकें l
धीरज में सबक
बॉब सालेम के पास अपने नाक से या यूँ कहें कि चेहरे पर चम्मच लगाकर मूंगफली को पाइक पीक(Pike Peak—एक पर्वत चोटी) तक धकेलने की स्पीड रिकॉर्ड है l उन्होंने पर्यटकों की रुकावट से बचने के लिए रात में काम करते हुए सात दिनों में यह उपलब्धि हासिल की l बॉब इस स्टंट/stunt को पूरा करने वाले चौथे व्यक्ति है, यानी तीन अन्य बेहद धैर्यवान लोगों ने इसे किया है l
हम कह सकते हैं कि धैर्य की उनकी ज़रूरत स्वयं-प्रदत्त(self-inflicted) थी, लेकिन जीवन में अक्सर ऐसा नहीं होता है l यह आत्मा का फल है(गलातियों 5:22) और “सिद्ध . . . और किसी बात की घटी न होने वाले” बनने के लिए एक आवश्यक गुण है l जब आस-पास के सभी लोग पूरी तरह दहशत में हों तो धैर्यवान लोग स्थिर और शांत रहते हैं l वे चाहते हैं कि स्थिति अलग हो, लेकिन उन्हें इसकी ज़रूरत नहीं है l वे बुद्धिमानी से कार्य करने के लिए ईश्वर पर भरोसा करते हुए मार्ग पर बने रहते हैं (पद.5) l
धैर्य के साथ समस्या यह है कि इसे सीखने का केवल एक ही तरीका है l याकूब कहता है, “तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है”(पद.3) l इस तरह का जांच बड़े और छोटे तरीकों से होता है l मैं इसे एक हवाई अड्डे से लिख रहा हूँ l मेरी रात के 11.00 बजे की उड़ान में 2.00 बजे तक का विलम्ब हुआ, फिर उड़ान रद्द कर दी गयी l एक रात बिना सोए रहने के बाद, मैं कॉफ़ी पी रहा हूँ और उम्मीद कर रहा हूँ कि किसी समय इसे घर पर बनाऊंगा l मुझे हवाई अड्डे पर नींद भरा पूरा दिन बर्बाद करना पसंद नहीं है, लेकिन मेरा प्यारा पिता मुझे धैर्य रखना सिखा रहा है l
मैं प्रार्थना करता हूँ कि आज का मेरा पाठ समाप्त हो जाए, लेकिन कौन जानता है? अगली उड़ान के लिए अतिरिक्त सूची की जांच करने का समय है l
धीरज में सबक
बॉब सालेम के पास अपने नाक से या यूँ कहें कि चेहरे पर चम्मच लगाकर मूंगफली को पाइक पीक(Pike Peak—एक पर्वत चोटी) तक धकेलने की स्पीड रिकॉर्ड है l उन्होंने पर्यटकों की रुकावट से बचने के लिए रात में काम करते हुए सात दिनों में यह उपलब्धि हासिल की l बॉब इस स्टंट/stunt को पूरा करने वाले चौथे व्यक्ति है, यानी तीन अन्य बेहद धैर्यवान लोगों ने इसे किया है l
हम कह सकते हैं कि धैर्य की उनकी ज़रूरत स्वयं-प्रदत्त(self-inflicted) थी, लेकिन जीवन में अक्सर ऐसा नहीं होता है l यह आत्मा का फल है(गलातियों 5:22) और “सिद्ध . . . और किसी बात की घटी न होने वाले” बनने के लिए एक आवश्यक गुण है l जब आस-पास के सभी लोग पूरी तरह दहशत में हों तो धैर्यवान लोग स्थिर और शांत रहते हैं l वे चाहते हैं कि स्थिति अलग हो, लेकिन उन्हें इसकी ज़रूरत नहीं है l वे बुद्धिमानी से कार्य करने के लिए ईश्वर पर भरोसा करते हुए मार्ग पर बने रहते हैं (पद.5) l
धैर्य के साथ समस्या यह है कि इसे सीखने का केवल एक ही तरीका है l याकूब कहता है, “तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है”(पद.3) l इस तरह का जांच बड़े और छोटे तरीकों से होता है l मैं इसे एक हवाई अड्डे से लिख रहा हूँ l मेरी रात के 11.00 बजे की उड़ान में 2.00 बजे तक का विलम्ब हुआ, फिर उड़ान रद्द कर दी गयी l एक रात बिना सोए रहने के बाद, मैं कॉफ़ी पी रहा हूँ और उम्मीद कर रहा हूँ कि किसी समय इसे घर पर बनाऊंगा l मुझे हवाई अड्डे पर नींद भरा पूरा दिन बर्बाद करना पसंद नहीं है, लेकिन मेरा प्यारा पिता मुझे धैर्य रखना सिखा रहा है l
मैं प्रार्थना करता हूँ कि आज का मेरा पाठ समाप्त हो जाए, लेकिन कौन जानता है? अगली उड़ान के लिए अतिरिक्त सूची की जांच करने का समय है l
परिवार से बढ़कर
जोन को एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पूर्ण प्रोफेसर के रूप में स्थापित किया गया था l उसका बड़ा भाई डेविड प्रसन्न था, लेकिन, जैसा कि भाई करते हैं, वह जोन को चिढ़ाने से खुद को नहीं रोक सका कि जब वे लड़के थे तो कैसे उसने उसे कुश्ती में जमीं पर गिरा दिया था l जोन जीवन में बहुत आगे बढ़ गया था, लेकिन वह हमेशा डेविड का छोटा भाई रहेगा l
परिवार को प्रभावित करना कठिन है—भले ही आप मसीहा(Messiah) हों l यीशु नासरत के लोगों के बीच बड़ा हुआ था, इसलिए उन्हें यह विश्वास करने में कठनाई हुयी कि वह विशेष था l फिर भी वे उससे चकित हुए l “कैसे सामर्थ्य के काम इसके हाथों से प्रगट होते हैं? क्या यह वही बढ़ई नहीं, जो मरियम का पुत्र . . . है? (मरकुस 6:2-3) l यीशु ने उनसे कहा, “भविष्यद्वक्ता अपने देश, और अपने कुटुम्ब, और अपने घर को छोड़ और कही भी निरादर नहीं होता” (पद.4) l ये लोग यीशु को अच्छी तरह से जानते थे, लेकिन वे विश्वास नहीं कर सकते थे कि वह परमेश्वर का पुत्र था l
शायद आपका पालन-पोषण एक धार्मिक घर में हुआ हो l आपकी आरंभिक यादों में चर्च जाना और भजन गाना शामिल है l यीशु को हमेशा परिवार जैसे महसूस हुआ है l यदि आप उस पर विश्वास करते हैं और उसका अनुसरण करते हैं, तो यीशु आपका परिवार है l वह “[हमें] भाई-बहन कहने से नहीं लजाता” (इब्रानियों 2:11) l परमेश्वर के परिवार में यीशु हमारा बड़ा भाई है (रोमियों 8:29)! यह एक बड़ा विशेषाधिकार है, लेकिन हमारी निकटता उसे सामान्य बना सकती है l सिर्फ इसलिए कि कोई व्यक्ति परिवार है इसका मतलब यह नहीं है कि वह विशेष नहीं है l
क्या आप खुश नहीं है कि यीशु परिवार है, और परिवार से भी बढ़कर? जैसा कि आप आज उसका अनुसरण करते हैं, वह और अधिक व्यक्तिगत और अधिक विशेष हो जाए l
क्या मैं किसी का हूँ?
अभिनेत्री सैली फील्ड को आखिरकार वह महसूस हुआ जिसकी हम सभी को चाहत थी। जब उन्होंने 1985 में दूसरा ऑस्कर जीता, तो उन्होंने अपने स्वीकृति भाषण में कहा: " मैंने हर चीज से बढ़कर आपका सम्मान चाहा है।” पहली बार मुझे यह महसूस नहीं हुआ। लेकिन इस बार मुझे ये महसूस हो रहा है, और मैं इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकती कि आप मुझे पसंद करते हैं, अभी, आप मुझे पसंद करते हैं।
उनकी इस स्वीकृति से एक इथियोपियाई किन्नर भी आश्चर्यचकित रह गया। एक गैर-यहूदी नास्तिक व्यक्ति और एक किन्नर के रूप में, उसे मंदिर के भीतरी आंगनों में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था (इफिसियों 2:11-12; व्यवस्थाविवरण 23:1 देखें)। फिर भी वह शामिल होने के लिए उत्सुक था। फिलिप्पुस ने उसे यरूशलेम की एक और असंतोषजनक तीर्थयात्रा से लौटते हुए पाया (प्रेरितों 8:27)।
इथियोपियाई व्यक्ति यशायाह को पढ़ रहा था, जिसमें वादा किया गया था कि जो खोजे मेरी वाचा को पालते हैं, उनके विषय यहोवा यों कहता है कि मैं अपने भवन और अपनी शहर- पनाह के भीतर उनको ऐसा नाम दूंगा जो पुत्र- पुत्रियों से कहीं उत्तम होगा; मैं उनका नाम सदा बनाए रखूंगा और वह कभी न मिटाया जाएगा। (यशायाह 56:4-5)। यह कैसे हो सकता है? तब फिलिप्पुस ने “उसे यीशु के विषय में शुभ सन्देश सुनाया,” और उस मनुष्य ने उत्तर दिया, “देखो, यहाँ पानी है। मेरे बपतिस्मा लेने में क्या बाधा आ सकती है?” (प्रेरितों 8:35-36)।
वह पूछ रहा था, क्या मुझे सचमुच अंदर आने की इजाजत है? क्या मैं किसी का हूँ? फिलिप्पुस ने उसे एक संकेत के रूप में बपतिस्मा दिया कि यीशु ने हर बाधा को तोड़ दिया था (इफिसियों 2:14)। यीशु उन सभी को गले लगाते हैं और एकजुट करते हैं जो पाप से दूर हो जाते हैं और उस पर भरोसा करते हैं। वह आदमी “आनन्द करता हुआ अपने रास्ते चला गया” (प्रेरितों 8:39)। वह अंततः और पूरी तरह से किसी का हो गया।
अपने स्वर्गीय पिता को बुलाना
अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की घोषणा के कुछ मिनट बाद, ग्रैंडव्यू, मिसौरी में एक छोटे से क्लैपबोर्ड घर (क्लैपबोर्ड घरों की दीवारें लकड़ी के लंबे संकीर्ण टुकड़ों से ढकी होती हैं),में एक फोन बज उठा। एक नब्बे वर्षीय महिला ने फोन उठाया । उसके मेहमान ने उसे यह कहते हुए सुना, “हैलो। . . . हाँ, मैं बिलकुल ठीक हूँ। हाँ, मैंने रेडियो सुना है । . . . अब यदि हो सके तो तुम आकर मुझसे मिलो। . . . अलविदा।" बुजुर्ग महिला अपने मेहमान के पास लौट आई। “वह [मेरा बेटा] हैरी था। हैरी एक अद्भुत व्यक्ति है। . . . मुझे पता था कि वह फोन करेगा. जो कुछ होता है उसके ख़त्म होने के बाद वह हमेशा मुझे फ़ोन करता है।” चाहे हम कितने ही निपुण क्यों न हों, चाहे कितने ही बूढ़े क्यों न हों, हम अपने माता-पिता को बुलाने के लिए तरसते हैं। उनके सकारात्मक शब्दों को सुनने के लिए, "शाबाश!", हम बेहद सफल हो सकते हैं, लेकिन हम हमेशा उनके बेटे या बेटी बने रहेंगे।
दुर्भाग्यवश, हर किसी का अपने सांसारिक माता-पिता के साथ इस तरह का रिश्ता नहीं होता है। लेकिन यीशु के माध्यम से, हम सभी परमेश्वर को अपने पिता के रूप में पा सकते हैं। हम जो मसीह का अनुसरण करते हैं, परमेश्वर के परिवार में लाए गए हैं, क्योंकि " तुम्हें लेपालकपन की आत्मा मिली है" (रोमियों 8:15)। अब हम "परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के सह-वारिस" हैं (पद 17)। हम एक दास के रूप में परमेश्वर से बात नहीं करते हैं, लेकिन अब हमें उस अंतरंग नाम का उपयोग करने की स्वतंत्रता है जो यीशु ने अपनी निराशाजनक जरूरत के समय इस्तेमाल किया था, "अब्बा, पिता" (पद 15; मरकुस 14:36 भी देखें)। क्या आपके पास समाचार है? क्या आपकी ज़रूरतें हैं? उसे बुलाओ जो तुम्हारा अनन्त घर है।