परमेश्वर आपको नाम से बुलाते हैं
नतालिया शिक्षा प्राप्त करने के वादे के साथ एक अलग देश में गई। लेकिन जल्द ही उसके नए घर में पिता ने उसका शारीरिक और यौन शोषण करना शुरू कर दिया। उसने उसे बिना वेतन के अपने घर और बच्चों की देखभाल करने के लिए मजबूर किया। उसने उसे बाहर जाने या फोन का इस्तेमाल करने से मना कर दिया। वह उसकी गुलाम बन गयी थी ।
हाजिरा अब्राम और सारै की मिस्री दासी था। किसी ने भी उसका नाम नहीं लिया, उन्होंने उसे “मेरी दासी” या “तेरी दासी” कहा (उत्पत्ति 16:2, 5–6)। वे केवल उसका उपयोग करना चाहते थे ताकि उन्हें एक उत्तराधिकारी मिल सके।
परमेश्वर कितना अलग है! प्रभु का दूत पवित्रशास्त्र में पहली बार प्रकट होता है जब वह रेगिस्तान में गर्भवती हाजिरा से बात करता है। दूत या तो परमेश्वर का दूत है या स्वयं परमेश्वर है। हाजिरा का मानना है कि वह परमेश्वर है, क्योंकि वह कहती है, “मैंने अब उसे देखा है जो मुझे देखता है” (पद 13)। यदि दूत परमेश्वर है, तो वह संभवतः पुत्र भी हो सकता है, वह जो परमेश्वर को हमारे सामने प्रकट करता है, प्रारंभिक पूर्व–अवतार रूप में प्रकट होता है। वह उसका नाम बताता है, “सारै की दासी हाजिरा तू कहां से आई है, और कहां को जाती है? (पद 8)
परमेश्वर ने नतालिया को देखा और उसके जीवन में देखभाल करने वाले लोगों को लाया जिन्होंने उसे बचाया। वह अब नर्स बनने के लिए पढ़ाई कर रही है। परमेश्वर ने हाजिरा को देखा और उसका नाम लेकर बुलाया। और परमेश्वर आपको देखता है, आपको नज़रअंदाज़ किया जा सकता है या इससे भी बदतर, आपके साथ दुर्व्यवहार किया जा सकता है। पर यीशु आपको नाम से बुलाते हैं। उसके पास दौड़ कर जाओ।
शरण देनेवाले लोग
फिल और सैंडी, शरणार्थी बच्चों की कहानियों से प्रभावित होकर उनमें से दो को अपने हृदय और घर में स्थान दिया l हवाई अड्डे पर उन्हें लेने के बाद, वे चुपचाप घर लौटे l क्या वे इसके लिए तैयार थे? वे एक ही संस्कृति, भाषा या धर्म को साझा नहीं करते थे, लेकिन वे इन अनमोल बच्चों के शरणस्थान बन गए थे l
रूत की कहानी से बोअज़ भावुक हो गया l उसने सुना था कि कैसे वह नाओमी का सहयोग करने के लिए अपने लोगों को छोड़ी थी और जब रूत उसके खेत में बीनने को आई, तब बोअज़ ने उसके लिए आशीष की यह प्रार्थना की, “यहोवा तेरे कार्य का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे” (रूत 2:12) l
रूत ने बोअज़ को उसकी आशीष स्मरण करायी जब एक रात उसने उसकी नींद को बाधित किया l अपने पैरों के निकट हलचल से जागते हुए, बोअज़ ने पूछा, “तुम कौन हो?” रूत ने उत्तर दिया, “मैं तो तेरी दासी रूत हूँ; तू अपनी दासी को अपनी चद्दर ओढ़ा दे, क्योंकि तू हमारी भूमि छुड़ानेवाला कुटुम्बी है” (3:9) l
चद्दर और पंखों के लिए समान इब्रानी शब्द है l बोअज़ ने रुत से विवाह करके उसे शरण दी, और उनके परपोते दाऊद ने इस्राएल के परमेश्वर की प्रशंसा में उनकी कहानी को दोहराया : “हे परमेश्वर, तेरी करुणा कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखों के तले शरण लेते हैं” (भजन 36:7) l
आत्मा में स्वतंत्र
न ऑरविल और न ही विल्बर राइट के पास पायलट का लाइसेंस था। न ही दोनों कॉलेज गए थे। वे साइकिल मैकेनिक थे जिनके पास एक सपना था और उड़ने का कोशिश करने का साहस था। 17 दिसंबर, 1903 को, उन्होंने अपने राइट फ़्लायर को चार अलग-अलग उड़ानों में चलाया। सबसे लंबा समय केवल एक मिनट तक चला, लेकिन इसने हमारी दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया।
न ही पतरस और न ही युहन्ना के पास प्रचार करने का लाइसेंस था। न ही दोनों सेमिनरी गए थे। वे मछुआरे थे, यीशु के आत्मा से भरे हुए, साहसपूर्वक सुसमाचार को प्रकट किया: “और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सके।” (प्रेरितों 4:12)।
राइट ब्रदर्स के पड़ोसियों ने उनके उपलब्धि का तुरंत सराहना नहीं किया। उनके गृहनगर के अखबार ने उनकी कहानी पर विश्वास नहीं किया, और कहा कि भले ही सच हो, सार्थक होने के लिए उड़ान बहुत संक्षिप्त था। जनता के यह पहचानने से पहले कि उन्होंने वास्तव में क्या किया है, उन्हें अपने विमानों को उड़ाने और परिष्कृत करने में कई और साल लग गए।
धार्मिक अगुवे पतरस और यूहन्ना को पसंद नहीं करते थे, और उन्होंने उन्हें आदेश दिया कि वे दूसरों को यीशु के बारे में बताना बंद करें। पतरस ने कहा, बिल्कुल नहीं। “क्योंकि यह तो हम से हो नहीं सकता, कि जो हमने देखा और सुना है, वह न कहें।” (पद 20)।
हो सकता है कि आप स्वीकृत सूची में न हों। शायद आप उन लोगों द्वारा तिरस्कृत हैं जो सूची में हैं। यदि आपके पास यीशु का आत्मा है, तो आप उसके लिए साहसपूर्वक जीने के लिए स्वतंत्र हैं!
दुश्मनों पर अंगारों का ढेर लगाना
डैन को उसी जेल प्रहरी से रोजाना मार–पीट सहन करनी पड़ती थी। उसने महसूस किया कि यीशु ने उसे इस आदमी से प्यार करने के लिए बाध्य किया है, इसलिए एक सुबह, पिटाई शुरू होने से पहले, डैन ने कहा, “महोदय, अगर मैं जीवन भर आपको हर दिन देखने जा रहा हूं, तो आइये हम दोस्त बन जायें।” गार्ड ने कहा, “नहीं, हम कभी दोस्त नहीं हो सकते।” पर डैन ने अपनी बात पर जोर दिया और अपना हाथ बढ़ाया।
पहरेदार कुछ भी नहीं बोल सका और शान्त खड़ा रहा। वह कांपने लगा, फिर उसने डैन का हाथ पकड़ लिया और छोड़ा नहीं। उसकी आंखों से आँसू बहने लगे। उसने कहा, “डैन, मेरा नाम रोसोक है। मैं आपका दोस्त बनना पसंद करूँगा।” उस दिन या फिर कभी बाद में भी गार्ड ने डैन को नहीं पीटा।
पवित्रशास्त्र हमें बताता है “यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे भोजन खिलाना, यदि वह प्यासा हो तो उसे पानी पिला। ऐसा करने से तू उसके सिर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल देगा”नीतिवचन 25:21—.22। कोयले की कल्पना मिस्र के एक अनुष्ठान (रिवाज़)को दशौती है जिसमें एक दोषी व्यक्ति अपने सिर पर गर्म अंगारों का कटोरा लेकर अपना पश्चाताप दिखाता है। इसी तरह, हमारी दयालुता हमारे शत्रुओं के चेहरे को शर्मिंदगी से लाल कर सकती है, जो उन्हें पश्चाताप की ओर ले जा सकती है।
आपका दुश्मन कौन है ?आप किसे नापसंद करते हैं? डैन ने पाया कि मसीह की दया इतनी प्रबल थी कि वह किसी भी हृदय को बदल सकती थी — उसके शत्रु का और उसके स्वयं का। हम भी ऐसा कर सकते हैं।
यह अभी खाली है
मेरे भाइयों और हमारे परिवारों ने हमारे माता–पिता के सामान को हमारे बचपन के घर से हटाने में सारा दिन बिताया। दोपहर में देर से, हम आखिरी बार सामान उठाने के लिए वापस गए और यह जानते हुए कि हम अपने पारिवारिक घर में आखिरी बार हैं हमने पीछे के बरामदे में एक तस्वीर खिंचवाने का फेसला किया। मैं आँसुओं को छिपाने की कोशिश कर रहा था कि मेरी माँ ने मेरी ओर मुड़कर कहा, “अब यह सब खाली है।” इसने मुझे पूरी तरह से भावनातमक तरह से हिला दिया । चौवन साल की यादें समेटे वह घर अब सूना है। मैं इसके बारे में न सोचने की कोशिश करता हूं।
मेरे दिल का दुख यिर्मयाह के विलापगीत के पहले शब्दों के साथ गूँजता है— “जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली है” (1:1); एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि यरूशलेम नगरी अपने बहुत से अपराधों के कारण सूनी थी (पद 5)। परमेश्वर ने अपने लोगों को बाबुल में बंधुआई में भेजा क्योंकि उन्होंने उसके विरुद्ध विद्रोह किया और पश्चाताप करने से इनकार कर दिया (पद 18)। मेरे माता–पिता पाप के कारण आगे नहीं बढ़ रहे थे, कम से कम खुले दिल से तो नहीं । परन्तु अदन की वाटिका में आदम के पाप के बाद से, प्रत्येक व्यक्ति के जीवनकाल में उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई है। जैसे–जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे लिए यह असामान्य नहीं है कि हम छोटे घरों में रहें जिनका रख–रखाव आसान हो।
मैं उन यादों के लिए शुक्रगुजार हूं जिन्होंने हमारे साधारण घर को खास बनाया। दुख दर्द प्यार की कीमत है। मुझे पता है कि अगली अलविदा मेरे माता–पिता के घर के लिये नहीं, बल्कि मेरे माता–पिता के लिए होगी। और मैं रोता हूं, मैं यीशु को आने के लिए पुकारता हूं, कि वह आये और इस अलविदा को समाप्त करे, और सभी चीजों को बहाल करे । मेरी आशा उस पर है।
यीशु उत्तर है
यह कहानी बताई जाती है कि अल्बर्ट आइंस्टीन के व्याख्यान दौरे पर एक और पड़ाव के बाद, उनके ड्राईवर ने उल्लेख किया कि उन्होंने उनके भाषण के बारे में पर्याप्त सुना है जो वह दे सकते थे। आइंस्टीन ने सुझाव दिया कि वे अगले कॉलेज में जगह बदल लें, क्योंकि वहां किसी ने उनकी तस्वीर नहीं देखी थी। ड्राईवर सहमत हो गया और एक अच्छा व्याख्यान दिया। फिर आया सवाल-जवाब का दौर। एक आक्रामक जिज्ञासु के लिए, ड्राइवर ने उत्तर दिया, "मैं देख सकता हूं कि आप एक शानदार प्रोफेसर हैं, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि आप एक इतना सरल प्रश्न पूछेंगे कि मेरा ड्राइवर भी इसका उत्तर दे सकता है।" तब उनके "ड्राइवर" - अल्बर्ट आइंस्टीन ने स्वयं इसका उत्तर दिया! इस प्रकार मजेदार लेकिन काल्पनिक कहानी समाप्त होती है।
दानियेल के तीन दोस्त सही मायने में खतरे में थे। राजा नबूकदनेस्सर ने धमकी दी कि यदि वे उसकी मूर्ति की पूजा नहीं करेंगे तो वे उन्हें धधकते भट्ठी में फेंक देंगे। उसने पूछा, “कौन सा देवता तुझे मेरे हाथ से छुड़ा सकेगा?” (दानिय्येल 3:15)। मित्रों ने फिर भी झुकने से इनकार कर दिया, इसलिए राजा ने भट्ठी को सात गुना अधिक गर्म किया और उन्हें उसमें झोंक दिया।
वे अकेले नहीं गए। एक "स्वर्गदूत" (पद. 28), शायद स्वयं यीशु, उनके साथ आग में शामिल हो गया, उन्हें नुकसान से बचाते हुए और राजा के प्रश्न का निर्विवाद उत्तर प्रदान करते हुए (पद. 24-25)। नबूकदनेस्सर ने "शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर" की प्रशंसा की और स्वीकार किया कि "कोई अन्य देवता इस प्रकार नहीं बचा सकता" (पद. 28-29).
कई बार, हम अपने सिर के ऊपर परेशानी महसूस कर सकते हैं। लेकिन यीशु उनके साथ खड़ा है जो उसकी सेवा करते हैं। वह हमें ले जाएगा।
जाने देना
ऑगस्टाइन की आत्मकथात्मक स्वीकारोक्ति यीशु के लिए उनकी लंबी और घुमावदार यात्रा का वर्णन करती है। एक अवसर पर, वह सम्राट के लिए चापलूसी भरा भाषण देने के लिए महल में जा रहे थे। वह अपनी भ्रामक तालियों की पंक्तियों पर चिंतन ही कर रहे थे जब उनका ध्यान एक नशे में धुत भिखारी पर गया जो "मजाक कर रहा था और हंस रहा था"। उन्होंने महसूस किया कि नशे में उस व्यक्ति के पास पहले से ही वह क्षणभंगुर खुशी थी जो की उसका कुटिल जीवन देने पाता है, और वो भी कुछ ज्यादा प्रयास किए बिना । इसलिए ऑगस्टाइन ने सांसारिक सफलता के लिए प्रयास करना बंद कर दिया।
लेकिन वह अभी भी वासना के गुलाम थे। वह जानते थे कि वह पाप से मुड़े बिना यीशु की ओर नहीं मुड़ सकते, और वह अभी भी यौन अनैतिकता से जूझ रहे थे। इसलिए उसने प्रार्थना की, “मुझे पवित्रता प्रदान करो। . . लेकिन अब तक नहीं।"
ऑगस्टाइन ठोकर खाते चले, उद्धार और पाप के बीच जूझते रहे, जब तक अंतः उनके लिए यह बहुत हुआ। दूसरों से प्रेरित होकर जो यीशु की ओर फिरे थे, उन्होंने बाइबिल में रोमियों 13:13-14 पढ़ा। “आइए शालीनता से व्यवहार करें . . . न रंगरेलियों और मतवालेपन में, न व्यभिचार में। . . . बल्कि प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और यह न सोचो कि शरीर की लालसाओं को कैसे तृप्त किया जाए।”
उनके लिए यह काम कर गया। परमेश्वर ने ऑगस्टाइन की वासना की जंजीरों को तोड़ने के लिए उन प्रेरित शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें ले आए “पुत्र के राज्य में . . . जिसमें हमें छुटकारा अर्थात् पापों की क्षमा मिली है" (कुलुस्सियों 1:13-14)। ऑगस्टाइन एक बिशप बन गए जो प्रसिद्धिता और वासना की परीक्षा में बने रहे, लेकिन अब वह जानते थे कि जब उसने पाप किया तो उसे किसकी ओर देखना है। वह यीशु की ओर मुड़े। क्या आप मुड़े है ?
हम अकेले नहीं हैं
फ्रेड्रिक ब्राउन की लघु रोमांचक कहानी “नॉक”(दस्तक/Knock) में उन्होंने लिखा, पृथ्वी (गृह/planet) पर का आखिरी आदमी एक कमरे में अकेला बैठा थाl दरवाजे पर दस्तक हुयीl” हाँ! वे कौन हो सकते हैं,और वे क्या चाहते हैं? उसके लिए कौन रहस्यमय प्राणी आया है? आदमी अकेला नहीं है l
हम भी नहीं हैं l
लौदीकिया की कलीसिया ने अपने द्वार पर दस्तक सुनीI (प्रकाशितवाक्य 3:20) उनके लिए कौन सा अलौकिक प्राणी आया था? उसका नाम यीशु था, “प्रथम और अंतिम . . . जो जीवता हैI” (1:17-18) उसकी आखें आग की तरह प्रज्वलित थीं, और उसका मुख “ऐसा प्रज्वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है” (पद.16) जब उसके सबसे अच्छे मित्र यूहन्ना ने उसकी महिमा की एक झलक देखी, तो वह “उसके पांवों पर मुर्दा सा गिर पड़ा” (पद.17) मसीह में विश्वास का आरम्भ परमश्वर के भय से होती हैl
हम अकेले नहीं हैं,और यह सुकून देने वाला भी हैl यीशु “परमेश्वर की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है,और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है”(इब्रानियों 1:3) फिर भी मसीह हमें मारने के लिए नहीं बल्कि हमसे प्रेम करने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करता हैl उसका निमंत्रण सुने, “यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ” (प्रकाशितवाक्य 3:20) हमारा विश्वास डर से शुरू होता है—दरवाजे पर कौन है?—और यह एक स्वागत और मजबूत आलिंगन में समाप्त होता है l यीशु हमेशा हमारे साथ रहने की प्रतिज्ञा करता है, भले ही हम पृथ्वी पर अंतिम व्यक्ति हों l ईश्वर का धन्यवाद हो, हम अकेले नहीं हैं l
आपका क्या नाम है?
अपने पहले पति की मृत्यु के बाद जीना ने दूसरी शादी कर ली। उनके नए पति के बच्चों ने उन्हें कभी स्वीकार नहीं किया, और अब जब उनका भी निधन हो गया है, तो वे उनसे नफरत करते हैं क्योंकि वह उनके बचपन के निवास स्थान में रह रही है। उनके पति ने उन्हें प्रावधान के लिए एक मामूली राशि छोड़ी; उनके बच्चों का कहना है कि वह उनकी विरासत चुरा रही है। जीना स्वाभाविक रूप से निराश है, और वह कड़वी हो गयी है।
नाओमी का पति परिवार को मोआब ले गया, जहाँ वह और उसके दो पुत्र मर गए। वर्षों बाद, नाओमी सिर्फ़ अपनी बहू रूत के साथ खाली हाथ बेतलेहेम लौट आई। नगर में हलचल मच गई और उन्होंने पूछा, “क्या यह नाओमी है?” (रूत 1:19) उसने कहा कि उन्हें उस नाम का उपयोग नहीं करना चाहिए, जिसका अर्थ है "मेरा सुखद।" उन्हें उसे "मारा" कहना चाहिए, जिसका अर्थ है "कड़वा", क्योंकि "मैं भरी पूरी चली गई थी, परन्तु यहोवा ने मुझे छूछी करके लौटाया हैI" (पद. 20-21)
क्या आपका नाम “कड़वा” होने की कोई संभावना है? आप अपने मित्रों, परिवार या गिरते स्वास्थ्य से निराश हुए हैं। आप कुछ बेहतर पाने के पात्र थे। परन्तु आपको वह नहीं मिला। अब आप कड़वे हो गए हो।
नाओमी बेतलेहेम में कड़वी होकर लौटी, परन्तु वह लौट आई। आप भी घर आ सकते हैं। बेतलहम में पैदा हुए रूत के वंशज यीशु के पास आओ। उसके प्रेम में विश्राम करो।
समय के साथ, परमेश्वर ने नाओमी की कड़वाहट को उसकी सिद्ध योजना की आनन्दपूर्ण पूर्ति से बदल दिया (4:13-22) वह आपकी कड़वाहट को भी बदल सकता है। उसके पास घर आओ।