फेय ने अपने पेट पर के निशान को छुआ। पेट के कैंसर को हटाने के लिए उसे एक और सर्जरी करवाना पड़ा था। इस बार डॉक्टरों ने उसके पेट का कुछ हिस्सा निकाला और एक दांतेदार निशान छोड़ दिया जो उनके काम के दायरे को प्रकट किया। उसने अपने पति से कहा, “निशान या तो कैंसर के दर्द को या चंगाई के शुरुआत को प्रदर्शित करता हैं। मैं अपने घावों को चंगाई के चिन्ह के रूप में चुनती हूं।

याकूब को भी परमेश्वर के साथ पूरी रात मल्लयुद्ध करने के बाद इसी प्रकार के चुनाव का सामना करना पड़ा । दिव्य हमलावर ने याकूब के कूल्हे को सॉकेट(socket) से उखाड़ दिया, जिससे याकूब थक गया और ध्यान देने योग्य लंगड़ाता हुआ रह गया। महीनों बाद, जब याकूब ने अपने कोमल कमर का मालिश किया, तो मैं सोचता हूँ कि उसने किस चीज पर विचार किया?

क्या वह धोखे के वर्षों के लिए पछतावे से भरा था जिसने यह विनाशक युद्ध को मजबूर किया? दिव्य दूत ने उससे सत्य निकाल लिया था, और उसे तब तक आशीर्वाद देने से इनकार किया जब तक याकूब ने उसे स्वीकार नहीं किया कि वह कौन है। उसने यह स्वीकार किया कि वह याकूब था, “एड़ी पकड़ने वाला” (उत्पत्ति 25:26 देखें)। उसने लाभ प्राप्त करने के लिए अपने भाई एसाव और ससुर लाबान के साथ छल किया और उन्हें धोखा दिया। दिव्य मल्लयोद्धा ने कहा कि याकूब का नया नाम “इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्‍वर से और मनुष्यों से भी युद्ध करके प्रबल हुआ है।” (पद.28)।

याकूब का लंगड़ाना उसके धोखे के पुराने जीवन की मृत्यु और परमेश्वर के साथ उसके नए जीवन की शुरुआत को दर्शाता है। याकूब का अंत और इस्राएल का आरंभ। उसके लंगड़ाहट ने उसे परमेश्वर पर निर्भर होने के लिए प्रेरित किया, जो अब उसके अंदर और उसके द्वारा शक्तिशाली रूप से आगे बढ़ रहा था।