मैं वह समय कभी नहीं भूल सकता जब मैं अपनी होनेवाली पत्नी को अपने परिवार से मिलाने ले गया l आँखों में चमक के साथ, मेरे दो बड़े भाई-बहनों में उससे पूछा, “आपने इस लड़के में क्या देखा?” उसने मुस्कराते हुए आश्वास्त किया कि परमेश्वर के अनुग्रह से मेरा पालन पोषण एक ऐसे पुरुष के रूप में हुआ है जिससे वह प्रेम करती थी l

मुझे वह अकलमंद उत्तर पसंद था क्योंकि वह यह भी प्रतिबिंबित करता है कि किस तरह,   मसीह में, प्रभु हमारे अतीत से अधिक देखता है l प्रेरितों 9 में, वह हनन्याह को शाऊल को चंगा करने भेजता है, जो कलीसिया को सतानेवाला एक जाना हुआ व्यक्ति था जिसे परमेश्वर ने दृष्टिहीन कर दिया था l हनन्याह इस सेवा को पाकर संदेह करके बोला कि शाऊल यीशु के विश्वासियों को सताने और यहाँ तक कि मारने के लिए भी घेर रहा था l परमेश्वर ने हनन्याह से इस बात पर ध्यान नहीं देने को कहा कि अतीत में शाऊल कौन था परन्तु इस पर कि वह क्या बन गया था : एक सुसमाचार प्रचारक जो उस समय के ज्ञात संसार को सुसमाचार सुननेवाला था, जिसमें गैरयहूदी (वे जो यहूदी नहीं थे) और राजा भी सम्मिलित थे (पद.15) l हनन्याह ने शाऊल को एक फरीसी और सनानेवाले के रूप में देखा, परन्तु परमेश्वर ने उसे प्रेरित पौलुस और सुसमाचार प्रचारक देखा l

हम कितनी बार खुद को केवल उस रूप में देखते हैं जैसे हम रहे हैं – अपने समस्त असफलताओं और कमियों के साथ l परन्तु परमेश्वर हमें नई सृष्टि के रूप में देखता है, हम कौन थे नहीं परन्तु हम यीशु में क्या हैं और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य द्वारा हम क्या बन रहे हैं l हे परमेश्वर, हमें खुद को और दूसरों को इस प्रकार देखना सिखाएं!