जब मेरी सबसे बड़ी बहन के बायोप्सी(ख़ास चिकित्सीय जाँच) ने फरवरी 2017 के अंतिम दिनों में कैंसर प्रगट कर दिया, मैंने अपनी सहेलियों से कहा, “अभी से शुरू करते हुए – मुझे अपनी बहन कैरोलिन के साथ अधिकाधिक समय व्यतीत करना होगा l” कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि मेरी भावनाएं उस खबर के प्रति एक अनावश्यक प्रतिक्रिया थी l परन्तु दस महीनों के भीतर उनकी मृत्यु हो गयी l और उनके साथ घंटों बिताने के बावजूद, जब हम किसी से प्रेम करते हैं हमारे हृदयों के पास प्रयाप्त प्रेम करने के लिए प्रयाप्त समय कभी नहीं है l
प्रेरित पतरस ने आरम्भिक कलीसिया में यीशु के अनुयायियों को “एक दूसरे से अधिक प्रेम” (1 पतरस 4:8) रखने का आह्वान किया l वह सताव के अंतर्गत दुःख उठा रहे थे और उनके लिए अपने मसीही समुदाय में अपने भाइयों और बहनों से पहले से अधिक प्रेम करना ज़रूरी था l क्योंकि परमेश्वर ने उनके हृदयों में अपना प्रेम उंडेला था, बदले में वे भी दूसरों को प्रेम करना चाहेंगे l उनका प्रेम प्रार्थना, उदार आतिथ्य, और कोमल और सच्चे संवाद द्वारा प्रगट होना था – सबकुछ परमेश्वर द्वारा दी गयी सामर्थ्य में (पद.9-11) l अपने अनुग्रह के द्वारा, परमेश्वर ने उनको लाभहीन तरीके से उसके नेक उद्देश्य के साथ परस्पर सेवा करने का वरदान किया था l ताकि “सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो” (पद.11) l यह परमेश्वर की सामर्थी योजना है जो वह हमारे द्वारा पूरी करता है l
हमें दूसरों की और उनको हमारी ज़रूरत है l हम प्रेम करने के लिए परमेश्वर से जितना भी समय या जितने भी संसाधन प्राप्त किये हैं उनका उपयोग करें – अभी से l
परमेश्वर की सेवा में कुछ भी छोटा नहीं है l फ्रांसिस डी सेल्स