बारबरा की परवरिश 1960 के दशक में ब्रिटिश सरकार की देखरेख में हुयी, परन्तु जब वह सोलह साल की हुयी, वह और उसका नवजात पुत्र, साइमन, बेघर हो गए l राज्य उसके लिए उस उम्र में प्रबंध करने के लिए अब और बाध्य नहीं था l बारबरा ने इंग्लैंड की रानी से सहायता मांगी और उत्तर प्राप्त की! रानी ने सहानुभूतिपूर्वक बारबरा के लिए एक घर का प्रबंध कर दिया l

इंग्लैंड की रानी के पास बारबरा की सहायता करने के लिए सही संसाधन थे, और उसकी सहानुभूतिपूर्ण सहायता परमेश्वर की सहायता का एक छोटा प्रतिरूप हो सकता है l स्वर्ग का राजा हमारी सभी ज़रूरतें जानता है और प्रमुखता से हमारे जीवनों में अपनी योजनाएं पूरी करता है l करते समय, हालाँकि, वह चाहता है हम उसके पास जाएँ, उसके साथ प्रेमी सम्बन्ध के तौर पर  – अपनी ज़रूरतें और दूसरी चिंताएं साझा करें l

इस्राएलियों ने छुटकारे की अपनी ज़रूरत को परमेश्वर के पास लेकर आए l वे मिस्री दासत्व के बोझ के नीचे दुःख उठा रहे थे और उन्होंने सहायता मांगा l वह उनकी सुनकर उसने अपनी प्रतिज्ञा को याद किया : “परमेश्वर ने इस्राएलियों पर दृष्टि करके उन पर चित्त लगाया” (निर्गमन 2:15) l उसने मूसा से उसके लोगों को छुटकारा देने को कहा और घोषणा की कि वह एक बार फिर उनको छुड़ाकर “एक अच्छे और बड़े देश में, जिसमें दूध और मधु की धाराएं बहती है” पहुँचाएगा (3:8) l

हमारा राजा पसंद करता है कि हम उसके पास जाएँ! वह बुद्धिमानी से हमारी ज़रूरतों का प्रबंध करता है, ज़रूरी नहीं कि जो हमारी इच्छा है l उसके श्रेष्ठ, प्रेमी प्रबंध में विश्राम करें l