अपने दसवें जन्मदिन पर चाची सेलेना द्वारा भेजा गया चश्मा लगाकर ज़ेवियर मेक्युरी रो पड़ा l रंग दृष्टिहीन जन्मा, ज़ेवियर ने संसार को केवल स्लेटी, सफ़ेद, और काले रंग में ही देखा था l अपने एनक्रोमा चश्मे(विशेष प्रकार का चश्मा) से, हालाँकि, ज़ेवियर ने पहली बार रंग देखा l अपने चारों ओर की ख़ूबसूरती को देखकर उसके उल्लास और उन्माद ने उसके परिवार को महसूस कराया मानो उन्होंने आश्चर्यकर्म देखा हो l

परमेश्वर की रंगीन चमक ने प्रेरित यूहना के भीतर भी शक्तिशाली प्रतिक्रिया उत्पन्न कर दी (प्रकाशितवाक्य 1:17) l पुनरुथित मसीह की सम्पूर्ण महिमा का सामना करने के बाद, यूहन्ना ने देखा कि “एक सिंहासन स्वर्ग में रखा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है l जो उस पर बैठा है वह यशब और माणिक्य-सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत-सा एक मेघधनुष दिखाई देता है . . . उस सिंहासन में से बिजलियाँ और गर्जन निकलते हैं” (प्रकाशितवाक्य 4:2-5) l

किसी और समय, यहेजकेल ने भी इसी प्रकार का दर्शन देखा जिसमें “नीलम का बना हुआ सिंहासन था,” जिसके ऊपर मनुष्य के समान कोई दिखाई दे रहा था जो “कमर से लेकर ऊपर की ओर . . . झलकाया हुआ पीतल-सा दिखाई पड़ा, और उसके भीतर और चारों ओर आग-सी दिखाई” पड़ती थी (यहेजकेल 1:26-27) l इस तेजस्वी आकृति के चारों ओर मेघधनुष-सा प्रकाश था (पद.28) l

एक दिन हम आमने-सामने पुनरुथित मसीह के साथ मुलाकात करेंगे l ये दर्शन हमें उस वैभव की एक हलकी झलक देते हैं जो हमारा इंतज़ार कर रही है l जब हम यहाँ पर और अभी परमेश्वर की रचना की ख़ूबसूरती का उत्सव मनाते हैं, काश हम प्रगट होनेवाली महिमा की बाट जोहते हुए अपना जीवन बिताएं l