बोगोटा के एक गरीब पड़ोस में एक ऊंची सड़क पर कबाड़ी का घर है l उसके विषय एक भी चीज़ विशेष नहीं है l फिर भी कोलोम्बिया की राजधानी में यह विनम्र मकान 25,000 पुस्तकों की एक मुफ्त पुस्तकालय है – अनावश्यक साहित्य जिसे जोस अल्बर्टो गुटीरेज़ ने अपने समुदाय के निर्धन बच्चों के साथ साझा करने के लिए इकठ्ठा किया है l
साप्ताहिक “पुस्तकालय समय” में स्थानीय बच्चे इस घर में इकठ्ठा होते हैं l हर एक कमरे में जाकर, जो पुस्तकों से भरे हुए हैं, बच्चे इस विनम्र घर को आदरणीय जोस के घर से अधिक मानते हैं – यह एक अमूल्य खज़ाना है l
मसीह के प्रत्येक विश्वासी के लिए भी यह सच है l हम सादी मिटटी से रचे गए हैं – जिसमें दोष/दरारें हैं और आसानी से टूट जाते हैं l परन्तु हम परमेश्वर के निवास हैं जिसमें समर्थ करनेवाला आत्मा रहता है, जो हमें दुखित, टूटे संसार में मसीह का सुसमाचार ले जाने के योग्य बनता है l यह साधारण, निर्बल लोगों के लिए बड़ा उत्तरदायित्व है l
“हमारे पास वह धन मिटटी के बरतनों में रखा है कि यह असीम सामर्थ्य हमारी ओर से नहीं, वरन् परमेश्वर ही की ओर से ठहरे” (2 कुरिन्थियों 4:7), प्रेरित पौलुस ने प्राचीन शहर कुरिन्थुस में अपनी मंडली से कहा l वे लोग अलग-अलग समुदाय से और उस क्षेत्र के अलग-अलग हिस्से से थे, इसलिए पौलुस ने कहा, कि शायद उनमें से अनेक “अपने विषय . . . प्रचार करने” की परीक्षा में पड़े होंगे” (पद.5) l
इसके बदले, पौलुस ने कहा, उस अमूल्य व्यक्ति के विषय दूसरों को बताएं जो हमारे अन्दर रहता है l यह वही है और उसकी श्रेष्ठ सामर्थ्य है जो साधारण जीवनों को अमूल्य धन में परिवर्तित कर देता है l
यीशु, अपने आत्मा की सामर्थ्य से मेरे साधारण जीवन को भर दें l