आयरलैण्ड के डबलिन में सैंट पैट्रिक कैथेड्रल(प्रधान गिरजाघर) के अन्दर, एक दरवाज़ा है जो पांच शताब्दी पुरानी कहानी बताता है l 1942 में, दो परिवारों, बटलर्स और फिट्ज़जेरेल्ड्स ने, उस क्षेत्र में उच्च-स्तरीय स्थान/मोर्चा के लिए लड़ाई शुरू कर दी l लड़ाई बढ़ गयी, और बटलर लोगों ने इस कैथेड्रल में शरण ली l जब फिट्ज़जेरेल्ड्स संधि करने के लिए पूछने आए, तो बटलर लोग दरवाज़ा खोलने से डर गए l इसलिए फिट्ज़जेरेल्ड्स लोगों ने इसमें एक छेद कर दिया, और उनके नेता ने शांति के लिए अपना हाथ बढ़ाया l फिर दोनों परिवारों में मेल हो गया, और विरोधी मित्र बन गए l

परमेश्वर के पास मेल-मिलाप का एक द्वार है जो प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस की कलीसिया को लिखे अपने पत्र में भावुक होकर लिखा l उसकी पहल पर और उनके असीम प्रेम के कारण, परमेश्वर ने क्रूस पर मसीह की मृत्यु के द्वारा एक पुनःस्थापित सम्बन्ध के लिए मनुष्यों के साथ टूटे हुए सम्बन्ध का आदान-प्रदान किया l हम परमेश्वर से बहुत दूर थे, लेकिन अपनी दया में उसने हमें वहाँ नहीं छोड़ा l वह हमारे सामने अपने साथ हमारे पुनः स्थापना का प्रस्ताव रखता है – “उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगता” (2 कुरिन्थियों 5:19) l न्याय पूरा हुआ जब “[यीशु] जो पाप से अज्ञात था, उसी को [परमेश्वर ने] हमारे लिए पाप ठहराया,” कि उसमें हमारा मेल परमेश्वर से हो जाए (पद.21) l

एक बार जब हम शांति से परमेश्वर का हाथ स्वीकार कर लेते हैं, तो हमें उस सन्देश को दूसरों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य दिया जाता है l हम अद्भुत, प्रेम करनेवाले परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करते हैं जो विश्वास करने वाले सभी लोगों को पूर्ण क्षमा और पुनःस्थापन प्रदान करता है l