Month: नवम्बर 2019

नयी मानवता

जब मैं लन्दन की टेट मॉडर्न गैलरी(दीर्घा) का भ्रमण कर रहा था, तो कला के एक भाग ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा l ब्राज़ील के कलाकार सिल्डो मेयिरलेस द्वारा बनाया गया, यह सैंकड़ो पुराने रेडियो से बना एक विशाल मीनार था l प्रत्येक रेडियो को चालु कर दिया गया था और हर एक से एक अलग स्टेशन बज रहा था, जिससे भ्रमित करनेवाला, अशोभनीय कोलाहलपूर्ण भाषण दिया जा रहा था l मेयिरलेस ने मूर्तिकला को बाबेल कहा l

शीर्षक उपयुक्त है l बाबेल के मूल मीनार पर, परमेश्वर ने मानव जाति की भाषाओं को भर्मित करके स्वर्ग को अपने कब्जे में करने के मानव जाति के प्रयास को विफल कर दिया (उत्पत्ति 11:1-9) l एक दूसरे के साथ संवाद करने में असफल, मानव जाति विभिन्न बोलियों की जातियों में विभाजित हो गयी (पद.10-26) l भाषा द्वारा विभाजित, हम उस समय से एक दूसरे को समझने में संघर्ष करते रहे हैं l

कहानी का दूसरा भाग है जब पवित्र आत्मा पिन्तेकुस्त के दिन पहले मसीहियों पर उतरा, तो उसने उस दिन यरूशलेम आने वालों की विभिन्न भाषाओं में परमेश्वर की स्तुति करने के लिए उन्हें सक्षम किया (प्रेरितों 2:1-12) l इस आश्चर्यकर्म के द्वारा, सभी ने एक ही सन्देश सुना, चाहे उनकी राष्ट्रीयता या भाषा कोई भी थी l बाबेल की गड़बड़ी उलट दी गयी थी l

जातीय और सांस्कृतिक विभाजन के संसार में, यह शुभ सन्देश है l यीशु के द्वारा, परमेश्वर प्रत्येक राष्ट्र, जनजाति और जीभ से एक नयी मानवता का गठन कर रहा है (प्रकाशितवाक्य 7:9) l जब मैं टेट मॉडर्न में खड़ा था, मैंने उन सभी रेडियो को अचानक एक नए संकेतक के लिए स्वर अनुकूल करने और कमरे में सभी के लिए एक ही गाना बजाने की कल्पना की : “फज़ल अजीब क्या खुश इलहान(Amazing Grace, how sweet the sound) l”

सबसे सुरक्षित स्थान

जैसा कि तूफ़ान फ्लोरेंस विनाशकारी बल के साथ, उत्तरी कैरोलिना के विल्मिंगटंग पर असर डाल रहा था, मेरी बेटी ने अपना घर छोड़ने की तैयारी की l उसने अंतिम क्षण तक इंतज़ार किया था, इस उम्मीद से कि तूफ़ान दिशा बदल देगा l लेकिन अब वह जल्दी-जल्दी महत्वपूर्ण काग़ज़ों, चित्रों, और सामानों को अपने साथ ले जाने के लिए छाँट रही थी l “मुझे उम्मीद नहीं थी कि इसे छोड़ना इतना कठिन होगा,” उसने मुझे बाद में बताया, “लेकिन उस क्षण मुझे नहीं पता था कि जब मैं लौटूंगी तो वहाँ कुछ भी नहीं होगा l”

जीवन के तूफ़ान कई रूप में आते हैं : तूफ़ान, बवंडर, भूकंप, बाढ़, विवाह में या बच्चों के साथ अप्रत्याशित समस्याएँ, स्वास्थ्य या पैसे की अचानक हानि l जिनको हम इतना अधिक अहमियत देते हैं वे एक पल में बह जा सकते हैं l

तूफानों के बीच, पवित्र वचन हमें सबसे सुरक्षित स्थान की ओर इशारा करता है : “परमेश्वर हमारा शरणस्थान और गढ़ है, संकट में अति सहज से मिलनेवाला सहायक l इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएँ” (भजन 46:1-2) l  

भजन के लिखनेवाले एक ऐसे व्यक्ति के वंशज थे, जो पीढ़ियों पहले परमेश्वर की सेवा करते थे, लेकिन फिर उनके विरुद्ध विद्रोह कर दिया और भूकंप में मारे गए (गिनती 26:9-11) l उनके द्वारा साझा किया गया दृष्टिकोण परमेश्वर की महानता, करुणा और छुड़ानेवाला प्रेम है l

मुसीबतें आती हैं, लेकिन परमेश्वर उन सभी को पीछे छोड़ देता है l जो लोग उद्धारकर्ता के पास जाते हैं वे जान जाते हैं कि वह डिग नहीं सकता है l उनके शाश्वत प्रेम की भुजाओं में हमें अपनी शांति का स्थान मिलता है l  

मेल का द्वार

आयरलैण्ड के डबलिन में सैंट पैट्रिक कैथेड्रल(प्रधान गिरजाघर) के अन्दर, एक दरवाज़ा है जो पांच शताब्दी पुरानी कहानी बताता है l 1942 में, दो परिवारों, बटलर्स और फिट्ज़जेरेल्ड्स ने, उस क्षेत्र में उच्च-स्तरीय स्थान/मोर्चा के लिए लड़ाई शुरू कर दी l लड़ाई बढ़ गयी, और बटलर लोगों ने इस कैथेड्रल में शरण ली l जब फिट्ज़जेरेल्ड्स संधि करने के लिए पूछने आए, तो बटलर लोग दरवाज़ा खोलने से डर गए l इसलिए फिट्ज़जेरेल्ड्स लोगों ने इसमें एक छेद कर दिया, और उनके नेता ने शांति के लिए अपना हाथ बढ़ाया l फिर दोनों परिवारों में मेल हो गया, और विरोधी मित्र बन गए l

परमेश्वर के पास मेल-मिलाप का एक द्वार है जो प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस की कलीसिया को लिखे अपने पत्र में भावुक होकर लिखा l उसकी पहल पर और उनके असीम प्रेम के कारण, परमेश्वर ने क्रूस पर मसीह की मृत्यु के द्वारा एक पुनःस्थापित सम्बन्ध के लिए मनुष्यों के साथ टूटे हुए सम्बन्ध का आदान-प्रदान किया l हम परमेश्वर से बहुत दूर थे, लेकिन अपनी दया में उसने हमें वहाँ नहीं छोड़ा l वह हमारे सामने अपने साथ हमारे पुनः स्थापना का प्रस्ताव रखता है – “उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगता” (2 कुरिन्थियों 5:19) l न्याय पूरा हुआ जब “[यीशु] जो पाप से अज्ञात था, उसी को [परमेश्वर ने] हमारे लिए पाप ठहराया,” कि उसमें हमारा मेल परमेश्वर से हो जाए (पद.21) l

एक बार जब हम शांति से परमेश्वर का हाथ स्वीकार कर लेते हैं, तो हमें उस सन्देश को दूसरों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य दिया जाता है l हम अद्भुत, प्रेम करनेवाले परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करते हैं जो विश्वास करने वाले सभी लोगों को पूर्ण क्षमा और पुनःस्थापन प्रदान करता है l