अकेलापन, और उसके समान चीजों के द्वारा प्रभावित कर रहा है l एक अध्ययन के अनुसार सभी लोगों में से लगभग दो-तिहाई उम्र या लिंग की परवाह किए बिना कम से कम कुछ समय तक अकेलापन महसूस करते हैं l एक ब्रिटिश सुपरमार्केट ने लोगों के बीच सम्बन्ध को बढ़ावा देने के तरीके के रूप में अपने स्टोर कॉफ़ी हाउस में “टॉकिंग टेबल” बनाए हैं l जो मनुष्यों के बीच बातचीत करने की इच्छा रखते हैं वे उस उद्देश्य के साथ एक निर्धारित टेबल पर बैठकर, दूसरों से जुड़ते हैं या जुड़ने की इच्छा का संकेत देते हैं l कनेक्शन/ सम्बन्ध और समुदाय की भावना प्रदान करने के लिए बातचीत होती है l
प्रारंभिक कलीसिया के लोग भी साझा कनेक्शन/सम्बन्ध के लिए प्रतिबद्ध थे l एक दूसरे के बिना, वे संभवतः अपने विशवास के अभ्यास में बहुत अकेले महसूस करते थे, जो संसार के लिए अभी भी नया था l केवल, उन्होंने यीशु के पीछे चलने के बारे में जानने के लिए प्रेरितों के “शिक्षण” के लिए अपने आप को “समर्पित” ही नहीं किया, वे “मंदिर में इकठ्ठा” होते थे और आपसी प्रोत्साहन और संगति के लिए अपने घरों में “रोटी तोड़ते थे” (प्रेरितों 2:42,46) l
हमें मानवीय कनेक्शन/सम्बन्ध चाहिये; परमेश्वर ने हमें इस तरह से रचा है! अकेलेपन के दर्दनाक मौसम उस ज़रूरत की ओर इशारा करते हैं l प्रारंभिक कलीसिया के लोगों की तरह, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम मानव सहचारिता को हमारी भलाई के लिए संलग्न करें और इसे हमारे आस-पास के उन लोगों के लिए भी प्रस्तुत करें जिनको इसकी आवश्यकता है l
आज आप किसी के साथ जानबूझकर कैसे जुड़ सकते हैं? आप दोस्ती के लिए अवसरों की अनदेखी कैसे कर सकते हैं?
हे परमेश्वर, हमारी खातिर और दूसरों के लिए कनेक्शन/सम्बन्ध खोजने के लिए मदद कर!