“हम पुस्तकालय में हैं, और ठीक बाहर लपटों को देख सकते हैं!” वह डर गयी थी l हम इसे उसकी आवाज़ में सुन सकते थे l हम उसकी आवाज़ पहचानते हैं – हमारी बेटी की आवाज़ l इसके साथ ही हम जानते थे कि उसका कॉलेज परिसर उसके और उसके लगभग 3,000 साथी विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित जगह थी l 2018 में कॉलेज परिसर में किसी की अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से आग फ़ैल गयी – जिसमें अग्नि शामकों की अपेक्षा सबसे कम थी l अमरीका में इस स्थान में रिकॉर्ड गर्मी और शुष्क परिस्थितियों के साथ निसंदेह छोटी चिंगारियाँ ही थीं जिन्होंने अंततः 97,000 एकड़ को जला डाला, 1,600 से अधिक भवनों को नष्ट कर डाला और जिससे तीन लोगों की मृत्यु हुई l आग के बुझा दिए जाने के बाद ली गयी तस्वीरों में सामान्य हरे-भरे तट चंद्रमा की बंजर सतह सी दिखाई दे रही थी l
याकूब की पुस्तक में, लेखक ने कुछ छोटी लेकिन शक्तिशाली चीजों का नाम लिया है : “घोड़ों के मुँह में लगाम(bit)” और जहाज़ के पतवार(rudder) (3:3-4) l और जब कि परिचित, ये उदाहरण कुछ हद तक हमसे दूर हो गए हैं l लेकिन फिर वह घर के करीब एक नाम लेता है, कुछ छोटी वस्तु जो हर इंसान के पास होती है – एक जीभ l और जब यह अध्याय प्राथमिक रूप से शिक्षकों को निर्देशित किया जाता है (पद.1), तो इसका लागू किया जाना जल्दी से हम में से प्रत्येक तक विस्तारित होता है l जीभ, जैसा कि छोटा है, विनाशकारी परिणाम पैदा कर सकता है l
हमारी छोटी जीभें शक्तिशाली हैं, परन्तु हमारा बड़ा परमेश्वर अधिक शक्तिशाली है l दैनिक आधार पर उसकी सहायता हमारे शब्दों को रोकने और निर्देशित करने की शक्ति प्रदान करती है l
आखिरी बार कब आपकी जीभ आपके नियंत्रण में नहीं थी? परमेश्वर की सामर्थ्य में आपको अपने शब्दों पर दृढ़ लगाम लगाने में क्या मदद करेगी?
हे यीशु, मुझे जलानेवाले शब्दों का सामना करना पड़ा है l और कितनी बार मैंने कुछ ऐसा कहा है जिससे नुक्सान या दर्द हुआ है? मेरे जीभ पर एक मजबूत लगाम रखने में मेरी मदद करें l
याकूब की पुस्तक के विषय अधिक सीखने के लिए, christianuniversity.org/NT336 देखें l