निराश और अधिक सार्थक जीवन चाहते हुए, लिओन ने वित्त(finance) में अपनी नौकरी छोड़ दी l फिर एक दिन उसने एक बेघर आदमी को एक गली के कोने पर इस चिन्ह को पकडे हुए देखा : “दयालुता सबसे अच्छी औषधि है(KINDNESS IS THE BEST MEDICINE) l” लियोन कहते हैं, “वे शब्द सीधे मेरे अन्दर धुस गए l” यह एक दिव्य प्रकाशन था l

लियोन ने दयालुता को बढ़ावा देने के लिए एक अन्तराष्ट्रीय संगठन बनाकर अपना नया जीवन शुरू करने का फैसला किया l वह दुनिया भर में यात्रा करता है, अजनबियों पर भरोसा करते हुए उन्हें भोजन, गैस और रहने के लिए जगह का प्रबंध करता है l फिर वह अपने संगठन के माध्यम से उन्हें पुरस्कार देता है, अच्छे कार्यों जैसे कि अनाथ बच्चों को खिलाने के लिए या सुविधा से वंचित स्कूल में निर्माण करने के लिए l वे कहते हैं, “यह कभी-कभी नरमदिल होना दिखाई देता है l लेकिन दया एक गंभीर ताकत है l”

परमेश्वर के रूप में मसीह भलाई, इसलिए दया स्वभाविक रूप से उससे बहती है l जब यीशु ने एक विधवा के इकलौते बेटे के अंतिम संस्कार के जुलुस में जो किया (लूका 7:11-17) वह  कहानी मुझे बहुत पसंद है l दुखी महिला आर्थिक सहायता के लिए संभवतः अपने बेटे पर निर्भर थी l हम उस कहानी में नहीं पढ़ते कि किसी ने यीशु को हस्तक्षेप करने के लिए कहा था l विशुद्ध रूप से अपने स्वभाव की भलाई से (पद.13), वह चिंतित हुआ और उसके बेटे को पुनः जीवन दान दिया l लोगों ने मसीह के बारे में कहा, “परमेश्वर ने अपने लोगों पर कृपादृष्टि की है” (पद.16) l