कई कैदी अपने जेल के समय को कम करने के लिए सड़क के किनारे का कचरा इकठ्ठा कर रहे थे जब उनके पर्यवेक्षक/जेलर, जेम्स अचानक गिर गए l वे उनकी सहायता के लिए दौड़े और महसूस किया कि वह एक चिकित्सीय आपात स्थिति में है l एक कैदी ने मदद के लिए जेम्स का फोन लिया l पुलिस विभाग ने बाद में अपने पर्यवेक्षक को तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के लिए कैदियों को धन्यवाद दिया, विशेष रूप से इसलिए कि वे उनकी उपेक्षा कर सकते थे – उनकी बड़ी हानि में क्योंकि उन्हें आघात(stroke) पहुंचा था – या भागने के लिए स्थिति का खुद लाभ उठा सकते थे l 

कैदियों की दया के कार्य पौलुस और सीलास के विपरीत नहीं है जब वे जेल में थे l जब उनके कपड़े उतारकर, बेंत लगाकर, उन्हें जेल में डाल दिया गया, एक बड़ा भूकंप आया जिससे उन के सब बंधन खुल गए और जेल की नींव हिल गयी और उसके दरवाजे खुल गए (प्रेरितों 16:23-26) l जब जेलर जागा, वह स्वाभाविक रूप से अनुमान लगाया कि कैदी भाग गए होंगे, इसलिए उसने अपने आप को मार डालने की तयारी की (कल्पना करके कि उनके भागने के लिए उसको क्या सज़ा मिलेगी) l जब पौलुस ने ऊंचे शब्द से पुकारा , “हम सब यहीं है!” (पद.28) जेलर उनके व्यवहार से द्रवित हो गया – कैदियों के विषय जो असामान्य था – कि वह उस परमेश्वर के विषय उत्सुक हो गया जिसके वे उपासक थे, और अंततः वह भी उसमें विश्वास कर लिया (पद.29-34) l

जिस प्रकार हम दूसरों के साथ व्यवहार करते हैं दर्शाता है कि हम क्या विश्वास करते हैं और किसको महत्व देते हैं l जब हम हानि के बदले भलाई करने का निर्णय करते हैं, हमारे व्यवहार उनको उस परमेश्वर के विषय जिसको हम जानते और प्रेम करते हैं सोचने के लिए प्रेरित करेंगे l