दशकों तक, लन्दन दुनिया के सबसे महानगरीय शहरों में से एक रहा है l 1933 में, एक पत्रकार ने इंग्लैंड की महान राजधानी के बारे में लिखा था, “मुझे अभी भी लगता है कि लोगों का भीड़ और रंग और भाषा लन्दन की सबसे अच्छी बात है l” यह “भीड़” आज भी मिश्रित महक, आवाज़ और एक वैश्विक समुदाय के दर्शनीय स्थलों में दिखाई देते हैं l विविधता की सुन्दरता दुनिया के महानतम शहरों में से एक लुभावनी अपील का हिस्सा है l
जैसा कि किसी भी शहर में जहाँ मनुष्य बसे हुए है, हालाँकि, लन्दन अपनी समस्याओं के बिना नहीं है l बदलाव चुनौतियाँ लाता है l संस्कृतियाँ कभी-कभी टकराती हैं l और यह एक कारण है कि मानव हाथों द्वारा निर्मित कोई भी शहर हमारे शास्वत घर के आश्चर्य की तुलना नहीं कर सकता है l
जब प्रेरित यूहन्ना परमेश्वर की उपस्थिति में पहुँचाया गया, स्वर्गिक आराधना का एक अंश विविधता थी, जैसे कि छुटकारा पाए हुए लोग गा रहे थे, “तू इस पुस्तक को लेने, और इसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से हर एक कुल और भाषा और लोग और जाति में से परमेश्वर के लिए लोगों को मोल लिया है, और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिए एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं” (प्रकाशितवाक्य 5:9-10) l
स्वर्ग की कल्पना करें : जीवित परमेश्वर की संतान होने के आश्चर्य का – मिलकर – उत्सव मनाता हुआ संसार के प्रत्येक समूह की एक भीड़! यीशु में विश्वासी होकर, हम आज भी उस विविधता का उत्सव मनाएं l
कलीसिया के इतने विविध होने के विषय कौन सी सर्वोत्तम बातें हैं? कौन सी बात उस विविधता को कभी-कभी चुनौतीपूर्ण बना सकती है?
हे पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपके प्रेम से कोई भी मानव समूह बाहर नहीं है l जैसे आपने हमसे इतने उदारता से प्रेम किया है, हमें भी एक दूसरे से सच्चा प्रेम करना सिखाइये l