परमेश्वर उन लोगों को उपयोग करना पसंद करता है जिन्हें दुनिया अनदेखा कर सकती है l विलियम कैरी की परवरिश 1700 के दशक में एक छोटे से गाँव में हुई थी और उनकी औपचारिक शिक्षा बहुत कम थी l उन्हें अपने चुने हुए धंधे में सीमित सफलता मिली और उन्हेंने गरीबी में जीवन व्यतीत किया l लेकिन परमेश्वर ने उसे खुशखबरी सुनाने की चाहत दी और उसे मिशनरी होने के लिए बुलाया l कैरी ने यूनानी(Greek), इब्री(Hebrew), लतीनी(Latin) भाषा सीखी और अंततः बंगाली भाषा में पहले नए नियम का अनुवाद किया l आज उन्हें “आधुनिक मिशनों का जनक” माना जाता है, लेकिन अपने भतीजे को लिखे पत्र में उन्होंने अपने क्षमताओं का यह विनम्र आंकलन किया : “मैं निरंतर परिश्रम कर सकता हूँ l मैं डटा रह सकता हूँ l”

जब परमेश्वर हमें किसी कार्य के लिए बुलाता है, तो वह हमें हमारी सीमाओं की परवाह किये बिना इसे पूरा करने की शक्ति भी देता है l न्यायियों 6:12  में प्रभु का दूत गिदोन को दिखाई दिया और कहा, “हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है l” तब स्वर्गदूत ने उसे बताया कि वह इस्राएलियों को उन मिद्यानियों से छुड़ाएगा जो उसके कस्बों और फसलों पर हमला कर रहे थे l लेकिन गिदोन, जिसने “शूरवीर सूरमा” की उपाधि प्राप्त नहीं की थी, ने विनम्रतापूर्वक जबाब दिया, “मेरा कुल मनश्शे में सब से कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सब से छोटा हूँ” (पद.15) l फिर भी, परमेश्वर ने अपने लोगों को छुटकारा देने के लिए गिदोन का इस्तेमाल किया l

गिदोन की सफलता की कुंजी इन शब्दों में थी, “यहोवा तेरे संग है” (पद.12) l जैसा कि हम विनम्रतापूर्वक अपने उद्धारकर्ता के साथ चलते हैं और उसकी ताकत पर भरोसा करते हैं, वह हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सशक्त करेगा जो केवल उसके माध्यम से संभव है l