लंदन के सेंट पॉल कैथेड्रल(प्रधान गिरजाघर) के विशाल गुम्बज में, आगंतुक फुस्फुसानेवाला गुम्बज(Whispering Gallery) तक पहुंचने के लिए 259 सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं l वहाँ आप फुसफुसा सकते हैं और वृत्ताकार पथ में कहीं भी लगभग एक सौ फीट की दूरी पर भी बड़े फासले के पार दूसरा व्यक्ति आपको सुन सकता है l इंजीनियर्स इस विषमता को गुम्बज के गोलाकार आकार और एक फुसफुसाहट की कम तीव्रता वाली ध्वनि तरंगों का परिणाम बताते हैं l

हम इस बात के लिए कितना अधिक निश्चित होना चाहते हैं कि परमेश्वर हमारे कष्टदायी फुसफुसाहट को सुनता है! भजन इस बात से भरे पड़े हैं कि वह हमारी पुकार, प्रार्थना, सुनता है – और फुसफुसाता है l दाऊद लिखता है, अपने संकट में मैंने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैंने अपने परमेश्वर की दोहाई दी” (भजन 18:6) l बार-बार, उन्होंने और अन्य भजनकार अनुनय करते हैं, “मेरी प्रार्थना सुन ले” (4:1), मेरी वाणी (5:3), [मेरा] कराहना (102:20) l कभी-कभी अभिव्यक्ति एक फुसफुसाहट से अधिक होती है, “मेरी ओर कान [लगा] (77:1), जहाँ पर “हृदय में ध्यान” और “आत्मा खोज . . . करती है” (77:6 Hindi – C.L.) l

इन दलीलों के जवाब में, भजनकार – दाऊद की तरह भजन 18:6 में – प्रगट करते हैं कि परमेश्वर सुन रहा है : “उसने अपने मंदिर में से मेरी बातें सुनी; और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी l” चूँकि वास्तविक मंदिर अभी तक नहीं बनाया गया था, हो सकता है कि दाऊद परमेश्वर द्वारा अपने स्वर्गीय निवास में सुनने का सन्दर्भ दे रहा हो?

पृथ्वी के ऊपर स्वर्ग के अपने “फुसफुसाने वाले गुम्बज” से, परमेश्वर हमारी गहरी मंद ध्वनि, हमारी फुसफुसाहट की ओर भी झुकता है, और सुनता है l