बानू ने रेस्तरां में अपने सहकर्मी से कहा, “वह आदमी है! वह आदमी है!” वह मेल्विन का जिक्र कर रही थी, जिसने भिन्न परिस्थितियों में पहली बार उसका सामना किया l जब वह अपने चर्च के लॉन में काम कर रहा था, तब आत्मा ने उसे एक स्त्री के साथ बातचीत शुरू करने के लिए कहा, जो एक वेश्या जान पड़ती थी l चर्च में आमंत्रित करने पर उसका जवाब था : “क्या तुम जानते हो कि मैं क्या करती हूँ? वे मुझे वहां पसंद नहीं करेंगे l” जब मेल्विन ने उसे यीशु के प्यार के बारे में बताया और उसकी सामर्थ्य के विषय उसे आश्वस्त किया जो उसकी जिंदगी बदल सकती थी, उसके चेहरे पर आंसू बह निकले l अब, कुछ हफ्ते बाद, बानू एक नए वातावरण में काम कर रही थी, जो जीवन को बदलने के लिए यीशु की सामर्थ्य का जीवित प्रमाण था l

विश्वासियों को प्रार्थना के लिए समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित करने के संदर्भ में, प्रेरित पौलुस ने एक दुहरा अनुरोध किया : “हमारे लिए भी प्रार्थना करते रहो कि परमेश्वर हमारे लिए वचन सुनाने का ऐसा द्वार खोल दे, कि हम मसीह के उस भेद का वर्णन कर सकें जिसके कारण मैं कैद में हूँ, और उसे ऐसा प्रगट करूँ, जैसा मुझे करना उचित है” (कुलुस्सियों 4:3-4) l

क्या आपने यीशु के लिए साहसपूर्वक और स्पष्ट रूप से बोलने के अवसरों के लिए प्रार्थना की है? कितनी सटीक प्रार्थना है! ऐसी प्रार्थनाएँ मेल्विन की तरह उनके अनुयायियों को अनापेक्षित स्थानों और अनापेक्षित लोगों से उसके विषय बात करने में मार्गदर्शन कर सकती हैं l यीशु के लिए बोलना असहज लग सकता है, लेकिन पुरस्कार – परिवर्तित जीवन – हमारी असुविधाओं की भरपाई कर सकते हैं l