जब मैंने इस पर ध्यान दिया तो हम लगभग घर पहुँच चुके थे : हमारी कार के तापमान गेज की सुई तेजी से ऊपर की ओर भाग रही थी । जैसे ही हम अंदर आए, मैंने इंजन बंद करके कार से बाहर निकल गया । गाड़ी से धूएँ का गुब्बार निकल रहा था l इंजन एक तले हुए अंडे की तरह कड़कड़ाने लगा l मैंने कार को कुछ फीट पीछे किया और नीचे मुझे एक पोखर मिला : तेल । तुरंत, मुझे पता चल गया कि क्या हुआ था : अग्रभाग का गैसकेट(gasket) टूट गया था ।

मैं कराह उठा । हमनें हाल ही में दूसरे महँगे मरम्मतों में पैसे लगाए थे l चीजें काम क्यों नहीं करती? मैं ज़ोर से बड़बड़ाने लगा l चीजें टूटना बंद क्यों नहीं होती?

क्या आप सम्बद्ध(relate) कर सकते हैं? कभी-कभी हम एक संकट को टालते हैं, एक समस्या को हल करते हैं, एक बड़े बिल का भुगतान करते हैं, केवल दूसरे का सामना करने के लिए । कभी-कभी वे परेशानियाँ एक आत्म-विनाशकारी इंजन से बहुत बड़ी होती हैं : एक अप्रत्याशित निदान, एक असामयिक मृत्यु, एक भयानक नुकसान ।

उन क्षणों में, हम एक ऐसी दुनिया के लिए तरसते हैं जो कम टूटी, कम परेशानी से भरी है । यीशु ने जिस संसार का वादा किया था वह आनेवाला है । लेकिन अभी नहीं : “संसार में तुम्हें क्लेश होता है,” उसने यूहन्ना 16 में शिष्यों को याद दिलाया l “परन्तु ढाढ़स बाँधो, मैं ने संसार को जीत लिया है” (पद.33) । यीशु ने उस अध्याय में गंभीर मुसीबतों के बारे में बात की, जैसे कि आपके विश्वास के लिए सताव । लेकिन इस तरह की परेशानी, उन्होंने सिखाया, उनके लिए अंतिम शब्द कभी नहीं होगा जो उसमें आशा करते हैं ।

छोटी और बड़ी परेशानियाँ हमें दबा सकती हैं l लेकिन उसके साथ बेहतर कल का यीशु का वादा हमें प्रोत्साहित करता है कि हम अपनी परेशानियों को आज अपने जीवन को परिभाषित न करने दें l