अपने जीवन के अगले चरण में ईश्वर उन्हें क्या करने के लिए बुला रहा था, इस बारे में प्रार्थना करने के बाद, मार्क और नीना ने निर्धारित किया कि उन्हें नगर के बीच के शहरी इलाके में रहने जाना होगा । उन्होंने एक खाली घर खरीदा और नवीकरण अच्छी तरह से चल रहा था – फिर तूफान आया । मार्क ने मुझे एक संदेश भेजा : “आज सुबह हमें आश्चर्य हुआ । हमारे शहर से होकर आए तूफान ने हमारे नवीनीकरण को नष्ट कर दिया – कुछ नहीं बचा l परमेश्वर कुछ करने वाला है l”
अनियंत्रित तूफान ही एकमात्र ऐसी चीज नहीं है जो हमें हैरान करती है और हमारे जीवन में घबराहट पैदा करती है । दुर्भाग्य के बीच परमेश्वर से दृष्टि नहीं हटाना, हालांकि, जीवित रहने की एक कुंजी है ।
अय्यूब के जीवन में मौसम की तबाही, जिसका परिणाम उसकी संपत्ति का नुकसान और उसके बच्चों की मृत्यु थी (अय्यूब 1:19), जो एक चौंकाने वाला आश्चर्य था जिसका उसे सामना करना पड़ा । उससे पहले, तीन संदेशवाहक बुरी खबर लेकर आए थे (पद.13-17) ।
किसी भी दिन, हम दावत देने से लेकर शोक मनाने तक, जीवन का जश्न मनाने से लेकर मौत को पार करने तक, या जीवन की किसी और चुनौती की ओर बढ़ सकते हैं । हमारे जीवन शीघ्र ही “लकड़ी-ईंट/मलबे” में बदल सकते हैं – आर्थिक रूप से, सम्बन्धात्मक रूप से, शारीरिक रूप से, भावनात्मक रूप से, आध्यात्मिक रूप से । लेकिन परमेश्वर किसी भी तूफान से अधिक शक्तिशाली है । जीवन की आजमाइशों से बचने के लिए विश्वास की आवश्यकता होती है, जो उस पर केंद्रित है – विश्वास जो हमें अय्यूब और अन्य लोगों के साथ कहने में सक्षम बनाता है, “यहोवा का नाम धन्य है” (पद.21) ।
जब आपने परमेश्वर की दृष्टि खो दी है, तो आपकी दृष्टि को साफ करने में किससे मदद मिली है? आप अय्यूब से क्या सीख सकते हैं जो जीवन के तूफान आने पर आपकी मदद करेंगे?
पिता, मुझे उन समयों के लिए क्षमा करें जब जीवन की कठिनाइयों के बीच में मैं आपको भूल गया l आपको नई आँखों से देखने में मेरी मदद करें ।