क्लिफोर्ड विलियम्स को एक हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी l मौत की कतार से उसने अपने खिलाफ सबूतों पर पुनर्विचार करने के लिए व्यर्थ ही कदम उठाए l प्रत्येक याचिका का खंडन किया गया──बयालीस साल तक l तब वकील शेली तिबडो ने उनके मामले की जानकारी ली l उसने पाया कि न केवल विलियम्स को दोषी ठहराने के लिए कोई सबूत था, बल्कि यह कि दूसरे व्यक्ति ने अपराध कबुल कर लिया था l छिहत्तर साल की उम्र में, विलियम्स को आखिरकार छोड़ दिया गया और रिहा कर दिया गया l
भविष्यवक्ता यिर्मयाह और उरिय्याह भी गहरे संकट में थे l उन्होंने यहूदा से कहा था कि परमेश्वर अपने लोगों का न्याय करने की प्रतिज्ञा की है यदि वे पश्चाताप नहीं करते हैं (यिर्मयाह 26:12-13, 20) l इस सन्देश ने यहूदा के लोगों और अधिकारियों को नाराज़ कर दिया, जिन्होंने दोनों नबियों को मारने के लिए तलाश की l उरियाह के साथ वे सफल हुए l वह मिस्र भाग गया, लेकिन राजा का सामना करने के लिए वापस लाया गया, जिसने उसे “तलवार से मरवा [दिया]” (पद.23) l उन्होंने यिर्मयाह को क्यों नहीं मारा? कुछ हद तक क्योंकि अहिकाम यिर्मयाह की सहायता करने लगा,” “और वह लोगों के वश में वध होने के लिए नहीं दिया गया” (पद.24) l
हम शायद किसी को मौत का सामना करते हुए नहीं जानते हैं, लेकिन हम शायद किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो हमारे समर्थन का उपयोग कर सकता है l किसके अधिकारों को रौंदा जाता है? किसकी प्रतिभा को खारिज किया जाता है? किसकी आवाज नहीं सुनी जा रही है? तिबडो या अहिकाम की तरह बाहर निकलना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन यह इतना सही है l जब परमेश्वर हमारा मार्गदर्शन करता है किसको ज़रूरत है कि हम उनके साथ खड़े हो?
आप किसके साथ खड़े हो सकते हैं? यदि आप अपना समर्थन देते हैं, तो आपको क्या लगता है कि उनके साथ, आपके और दूसरों के साथ क्या हो सकता है?
प्रेमी परमेश्वर, मुझे दूसरों से प्यार करने में मदद कीजिये जैसे आपने मुझसे प्यार किया है l
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