यह हमारे घर के भीतरी भाग को एक तरोताजा, नया रूप देने का समय था l लेकिन जैसे ही मैंने पेंटिंग के लिए एक कमरा तैयार करना आरम्भ किया, हमारे राज्य सरकार ने घोषणा की, कि कोविड-19 महामारी के कारण घर सुधार की कई वस्तुओं की बिक्री रोक लगा देगी l जैसे ही मैं यह घोषणा सुना, मैं शीघ्रता से दूकान जाकर आवश्यक सामग्री खरीद ले आया l आप उचित आपूर्ति के बगैर अपने घर को नया रूप नहीं दे सकते हैं l 

इफिसियों 4 लिखते समय पौलुस के मस्तिष्क में भी नया रूप देने की कुछ योजना थी l लेकिन बदलाव जिसकी बात वह कर रहा था सतही तबदीली से बहुत दूर थी l यद्यपि यीशु को उद्धारकर्ता ग्रहण करना हमें नई सृष्टि बना देता है, के बावजूद कुछ निरंतर चलने वाले काम हैं जो पवित्र आत्मा को करना अनिवार्य है l और “सत्य की धार्मिकता और पवित्रता” (इफिसियों 4:24) प्राप्त करने में उसे समय लगता है और उसे काम करना पड़ता है l 

पवित्र आत्मा की उपस्थिति अन्दर आवश्यक बदलाव करता है जो हमें हमारे शब्दों और कार्यों में यीशु को प्रतिबिंबित करने में मदद कर सकता है l वह झूठ के स्थान पर “सच” (पद.25) बोलने में हमारी मदद करता है l वह क्रोध से सम्बंधित पाप से बचने में मदद करता है (पद.26) l और वह ऐसे शब्द बोलने में अगुवाई करता है जो “उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि उससे सुननेवालों पर अनुग्रह हो” (पद.29) l आत्मा द्वारा नियंत्रित ये क्रियाएं आंतरिक बदलाव के हिस्से हैं जो कृपा, करुणा, और क्षमा जैसी चीजों में प्रगट होती हैं (पद.32) l आत्मा हमारे अन्दर काम करके हमें स्वयं यीशु का अनुकरण करने और हमारे स्वर्गिक पिता के हृदय को प्रतिबिंबित करने में योग्य बनाता है (पद.24; 5:1) l