जब अपोलो 11 के ईगल लूनर मॉड्यूल ने पहली बार 20 जुलाई 1969 को मनुष्यों को चंद्रमा पर उतारा, तो अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर कदम रखने से पहले अपनी उड़ान से उबरने में समय लगा। अंतरिक्ष यात्री बज़ एल्ड्रिन को रोटी और वाइन (दाखरस) लाने की अनुमति मिली थी ताकि वह प्रभु भोज ले सके। पवित्रशास्त्र को पढ़ने के बाद उन्होंने चंद्रमा पर सबसे पहले खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों का स्वाद चखा। बाद में उन्होने लिखा, “मैंने उस प्याले में दाखरस डाला जो हमारे चर्च ने मुझे दिया था। चंद्रमा के एक छटवें भाग के गुरुत्वाकर्षण के कारण वाइन धीरे–धीरे और सुंदर रूप से कप के किनारे पर आ गई।” जैसे ही एल्ड्रिन ने इस स्वर्गीय भोज का आनंद लिया, उसके कार्यों ने क्रूस पर मसीह के बलिदान में उसके विश्वास को और उसके दूसरे आगमन की गारंटी की घोषणा की।
प्रेरित पौलुस हमें यह याद करने के लिए प्रोत्साहित करता है कि “जिस रात वह पकड़वाया गया” कैसे यीशु अपने शिष्यों के साथ बैठा था (1 कुरिन्थियों 11:23) । मसीह ने अपने शीघ्र ही बलिदान किए जाने वाले देह की तुलना रोटी से की (पद 24)। उसने दाखरस को “नई वाचा” के प्रतीक के रूप में घोषित किया जिसने क्रूस पर बहाए उसके लहू के द्वारा हमारी क्षमा और उद्धार को सुरक्षित किया (पद 25)। जब भी और जहाँ भी हम प्रभु भोज लेते हम यीशु के बलिदान की वास्तविकता और प्रतिज्ञा किये गये उसके दूसरे आगमन में अपनी आशा में अपने विश्वास की घोषणा करते हैं(पद 26)।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहीं भी हैं — हम एक, और जी उठे, और आने वाले उद्धारकर्ता यीशु मसीह में विश्वास के साथ अपने विश्वास का जश्न मना सकते हैं।