बारबेक्यू चिकन, हरी बीन्स, पास्ता, ब्रेड l अक्टूबर के एक ठन्डे दिन पर, लगभग चौवन(54) बेघर लोगों ने जीवन के चौवन वर्ष का जश्न मनाने वाली एक स्त्री से यह गरमा-गर्म भोजन प्राप्त किया l उस स्त्री ने अपने जन्मदिन पर अपने साथियों के साथ एक रेस्टोरेंट में सामान्य तौर पर जन्मदिन का भोजन न खाकर उसके स्थान पर भोजन बनाकर शिकागो की सड़कों पर के लोगों के लिए परोसा l सोशल मीडिया पर, उसने दूसरों को जन्मदिन के उपहार के रूप में दयालुता का एक अनियत कार्य करने को कहा l 

यह कहानी मुझे मत्ती 25 में यीशु के शब्दों की याद दिलाती है: मैं तुम से सच कहता हूँ कि तुमने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों (और बहनों) में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया” (पद.40) l यह घोषणा करने के बाद कि उसकी भेड़ें उस अनंत राज्य में अपना मीरास पाने के लिए आमंत्रित की जाएंगी, उसने ये शब्द कहे (पद.33,34) l उस वक्त, यीशु यह मान लेगा कि यही वे लोग हैं जिन्होंने उसे भोजन खिलाया और उसे कपडे पहनाए क्योंकि वे उसमें अपना असली विश्वास रखे थे (उन अहंकारी धार्मिक लोगों के विपरीत जो उसपर विश्वास नहीं करते थे (देखें 26:3-5) l यद्यपि “धर्मी लोग” पूछेंगे कि कब उन्होंने यीशु को भोजन खिलाया और उसे कपड़े पहनाए (25:37), वह उन्हें आश्वस्त करेगा कि जो उन्होंने दूसरों के लिए किया वही उसके लिए भी किया था (पद.40) l

भूखे को खाना खिलाना केवल एक तरीका है जिससे परमेश्वर अपने लोगों की देखभाल करने में हमारी सहायता करता है— जिससे की हम उसके लिए अपना प्रेम और उसके साथ अपना सम्बन्ध दर्शा सकें l आज हमें दूसरों की ज़रूरतों को पूरा करने में वह हमारी मदद करे l