हाल ही में जब मेरी सहेली ने मुझे एक उपहार दिया तो मैं हैरान रह गयी। मुझे नहीं लगता था कि मैं उससे इतने अच्छे उपहार पाने की हकदार हूं। मेरे काम के कुछ तनाव के बारे में सुनने के बाद उसने इसे भेजा था। फिर भी वह एक वृद्ध माता-पिता, चुनौतीपूर्ण बच्चों, काम में उथल-पुथल, और अपनी शादी में तनाव के साथ, अगर अधिक नहीं तो उतने ही तनाव से गुजर रही थी। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसने स्वयं के बारे में सोचने से पहले मेरे बारे में सोचा था, और उसके साधारण उपहार ने मेरी आँख में आंसू ला दिए थे।

सच में, हम सभी उस उपहार के प्राप्तकर्ता हैं जिसके हम कभी हकदार नहीं हो सकते। पौलुस ने इसे इस तरह से कहा : “मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया – जिनमें सबसे बड़ा मैं हूँ” (1 तीमुथियुस 1:15) हालाँकि वह “एक समय निन्दा करनेवाला, और सतानेवाला, और क्रूर मनुष्य था, . . . हमारे प्रभु का अनुग्रह [उस पर] बहुतायत से उण्डेला गया” (पद. 13-14) पुनुरुत्थित यीशु ने पौलुस को अनुग्रह के मुफ्त उपहार की गहरी समझ दी। परिणामस्वरूप, उसने सीखा कि उस उपहार का अनर्जित प्राप्तकर्ता होने का क्या मतलब है और वह परमेश्वर के प्रेम का एक शक्तिशाली साधन बन गया और उसने बहुत से लोगों को बताया कि परमेश्वर ने उसके लिए क्या किया है।

यह केवल परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा ही है कि हम निंदा के बदले प्रेम और न्याय के बदले दया प्राप्त करते हैं। आज, आइए उस अनर्जित/अपात्र अनुग्रह का उत्सव मनाएं जो परमेश्वर ने दिया है और दूसरों को उस अनुग्रह को प्रदर्शित करने के तरीकों की तलाश में रहें।