वर्ष था 1917, केवल तेईस वर्ष की उम्र में, नेल्सन ने अपने मूल स्थान वर्जिनिया में मेडिकल स्कूल से स्नातक किया था l और फिर भी वे चीन में “लव एंड मर्सी” अस्पताल के नए अधीक्षक के रूप में थे, कम से कम बीस लाख चीनी निवासियों के क्षेत्र में वह एकमात्र अस्पताल था l नेल्सन ने अपने परिवार के साथ,चौबीस वर्षों तक उस क्षेत्र में रहते हुए,अस्पताल चलाया, और हज़ारों लोगों को सुसमाचार साझा करते रहे थेl एक बार विदेशियों पर अविश्वास करने वालों द्वारा “विदेशी शैतान/foreign devil” कहे जानेवाले, नेल्सन बेल (Nelson Bell) बाद में “बेल जो चीनी लोगों का प्रेमी है” के रूप में जाने जाने लगे l कुछ समय पश्चात  उनकी बेटी रुथ का विवाह सुसमाचार प्रचारक बिली ग्राहम से हुआ थाl 

यद्यपि नेल्सन एक प्रतिभाशाली शल्यचिकित्सक/सर्जन और बाइबल शिक्षक थे, यह उनका कौशल नहीं था जो बहुतों को यीशु की ओर आकर्षित करता था; यह उनका चरित्र था और जिस तरह से उन्होंने सुसमाचार को जीया l तीतुस को लिखे पौलुस के पत्र में, युवा गैरयहूदी अगुवा से जो क्रेते में चर्च की देखभाल कर रहा था, प्रेरित ने कहा कि मसीह के समान जीवन जीना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुसमाचार को “शोभायमान” बनाता है (तीतुस 2:10) फिर भी हम इसे अपनी सामर्थ से नहीं करते हैंl परमेश्वर का अनुग्रह हमें “संयम और धर्म और भक्ति से जीवन” बिताने में सहायता करता है (पद.12) हमारे विश्वास की सच्चाइयों को प्रतिबिंबित करता हैI (पद.1) 

हमारे आस-पास के बहुत से लोग अभी भी मसीह के सुसमाचार को नहीं जानते हैं, परन्तु वे हमें जानते हैं l वे (मसीह) हमें अपने सन्देश को शोभायमान तरीके से प्रतिबिंबित करने और प्रकट करने में सहायता करे l