जब एंड्रयू और उनका परिवार केन्या में सफारी की सैर पर गया, तो उन्हें एक छोटी सी झील में बार-बार आनेवाले कई तरह के जानवरों को देखने का आनंद मिला, जो हलचल भरे परिदृश्य में दिखाई दिए l जिराफ़, अफ़्रीकी बारासिंघे, दरियाई घोड़े, और जलपक्षी सभी इस जीवन देनेवाले पानी के स्रोत पर आते थे l जब एंड्रयू ने उनके आने और जाने का अवलोकन किया, उन्होंने सोचा कि कैसे “बाइबल एक दिव्य पानी के गड्ढे/झील की तरह है” —न केवल यह मार्गदर्शन और बुद्धि का स्रोत है, बल्कि यह एक ताज़ा मरुउद्यान है जहाँ जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग अपनी प्यास बुझा सकते हैं l 

एंड्रयू के अवलोकन ने भजनकार को प्रतिध्वनित किया जिसने लोगों को “धन्य” कहा जब वे ईश्वर की व्यवस्था से प्रसन्न होते हैं और उस पर ध्यान देते हैं, पुराने नियम में उनके निर्देश और आज्ञाओं का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जानेवाला शब्द l जो लोग पवित्रशास्त्र पर मनन करते हैं, वे “उस वृक्ष के समान हैं, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है,और अपनी ऋतु में फलता हैI” (भजन 1:3)जिस प्रकार एक पेड़ की जड़ें ताज़गी के स्रोत को खोजने के लिए मिट्टी में पहुँचती हैं, वैसे ही जो लोग वास्तव में परमेश्वर में विश्वास करते हैं और उनसे प्यार करते हैं, वे खुद को पवित्रशास्त्र में गहराई से जड़ पकड़ लेंगे और उन्हें वह ताकत मिलेगी जिसकी उन्हें ज़रूरत है l 

अपने आप को परमेश्वर की बुद्धि के अधीन करना हमारी नींव को उसमें गहराई से जोड़े रखेगा; हम “भूसी के समान नहीं होंगे जो पवन से उड़ाई जाती हैI” (पद.4) जब हम मनन करते हैं कि परमेश्वर ने हमें बाइबल में क्या दिया है, तो हम पोषण प्राप्त करते हैं जो हमें स्थायी फल उत्पन्न करने की ओर ले जा सकता है l