हाथ मिलाने ने बहुत कुछ कह दियाl1963 में मार्च की एक रात को, कॉलेज के दो बास्केटबॉल खिलाड़ियों ने—एक अश्वेत, एक श्वेत—अलगाववादियों की नफरत को झुठलाया और हाथ मिलाकर, मिसिसिपी राज्य के इतिहास में पहली बार चिन्हित किया कि इसकी सभी श्वेत पुरुषों की टीम एक एकीकृत(integrated) टीम के खिलाफ खेलीl एक राष्ट्रीय टूर्नामेंट में लोयोला यूनिवर्सिटी शिकागो के खिलाफ “परिवर्तन के खेल/game of change” में प्रतिस्पर्धा करने के लिए,मिसिसिपी राज्य टुकड़ी(squad) ने अपने राज्य को छोड़ने के लिए नकली खिलाड़ियों का उपयोग करके उन्हें रोकने के लिए निषेधाज्ञा से परहेज किया l इस बीच, लोयोला के अश्वेत खिलाड़ियों ने, पॉपकॉर्न और बर्फ की मार, और यात्रा के दौरान बंद दरवाजों का सामना करते हुए, पूरे सीजन(उप्युक्त् काल/ अवधि) में नस्लीय अपमान सहा था l

इसके बावजूद युवक खेलते रहे l “लोयोला रैम्बलर्स” ने “मिसिसिपी स्टेट बुलडॉग” को 61-51 से पराजित किया, और लोयोला ने आख़िरकार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीत ली l लेकिन उस रात वास्तव में किसकी जीत हुयी? नफरत से प्यार की ओर एक कदम l जैसा कि यीशु ने सिखाया, “अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, जो तुम से बैर करें, उनका भला करो” (लूका 6:27)

परमेश्वर का निर्देश जीवन बदलने वाली अवधारणा थी l अपने शत्रुओं से प्रेम करने के लिए जैसा कि मसीह ने सिखाया है, हमें परिवर्तन के उनके क्रांतिकारी आदेश का पालन करना चाहिए l जैसा कि पौलुस ने लिखा, “यदि कोई मसीह में है, तो वह नयी सृष्टि है : पुरानी बातें बीत गयी हैं; देखो, सब बातें नयी हो गयी हैं” (2 कुरिन्थियों 5:17) लेकिन हमारे भीतर उसका नया तरीका पुराने को कैसे पराजित करता है? प्रेम से l फिर, एक दूसरे में, हम अंततः उसे देख सकते हैं l