एक छोटे से टुकड़े से ज्यादा
जब हम किसी नई जगह पर जाते हैं तो हम सभी अपने आप का कुछ थोड़ा पीछे छोड़ देते हैं। लेकिन विलास लास एस्ट्रेलस, अंटार्कटिका, एक ठंडी और उजाड़ जगह का एक दीर्घकालिक निवासी बनने के लिए, अपने आप को पीछे छोड़ना एक शाब्दिक बात है। निकटतम अस्पताल ही 625 मील दूर है, यदि उनका किसी व्यक्ति का अपेंडिक्स फट जाए तो गंभीर संकट में पड़ जाएगा। इसलिए प्रत्येक नागरिक को वहां जाने से पहले एपेन्डेक्टॉमी से गुजरना होता है।
कठिन, है ना? लेकिन यह परमेश्वर के राज्य का निवासी बनने जितना कठिन नहीं है। क्योंकि लोग यीशु का अनुसरण अपनी शर्तों पर करना चाहते हैं न कि उसकी (मत्ती 16:25-27), वह इसे पुनः परिभाषित करता है कि चेला होने का क्या अर्थ है। उसने कहा, "जो कोई मेरा चेला बनना चाहे वह अपने आप से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर मेरे पीछे हो ले" (पद. 24)। इसमें हमारा हर उस चीज़ को छोड़ना शामिल है जो उसके और उसके राज्य के बीच में आए। और जैसे ही हम अपना क्रूस उठाते हैं, हम मसीह की भक्ति के लिए सामाजिक और राजनीतिक उत्पीड़न और यहाँ तक कि मृत्यु को सहने की इच्छा की घोषणा करते हैं। जाने देने और क्रूस उठाने के साथ-साथ, हमें वास्तव में उसका अनुसरण करने की इच्छा भी रखनी है। ये पल दाई पल उसकी अगुवाई में चलने का ढंग है जैसे-जैसे वह अपनी सेवा और बलिदान में हमारा मार्गदर्शन करता है।
यीशु के पीछे चलने का अर्थ हमारे जीवन के एक छोटे से हिस्से को पीछे छोड़ने से कहीं अधिक है। जैसे -जैसे वह हमारी मदद करता है, तो यह हमारे पूरे जीवन को उसके आधीन और उसे समर्पित करने की बात है - हमारे शरीर सहित - केवल उसी को।
यीशु में घर पर
कई साल पहले, हम स्थानीय पशु आश्रय से जूनो नाम की एक वयस्क काली बिल्ली को घर लाये थे। सच कहूँ तो, मैं केवल हमारे चूहों की आबादी को कम करने में मदद चाहता था, लेकिन परिवार के बाकी सदस्य एक पालतू जानवर चाहते थे। आश्रय ने हमें इस बारे में सख्त निर्देश दिए कि पहले सप्ताह में भोजन की दिनचर्या कैसे स्थापित की जाए ताकि जूनो को पता चले कि हमारा घर उसका घर है, वह स्थान जहाँ का वो सदस्य है और जहाँ उसे हमेशा भोजन और सुरक्षा मिलेगी। इस तरह, भले ही जूनो कही भी घूमे, वह हमेशा घर वापस आ जाएगा।
यदि हम अपने सच्चे घर को नहीं जानते हैं, तो हम हमेशा भलाई, प्रेम और अर्थ की तलाश में व्यर्थ भटकने के लिए ललचाते रहेंगे। यदि हम अपने सच्चे जीवन को पाना चाहते हैं, तथापि, यीशु ने कहा, "मुझ में बने रहो" (यूहन्ना 15:4 ईएसवी)। बाइबिल के विद्वान फ्रेडरिक डेल ब्रूनर इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे बने रहना (एक समान शब्द, निवास की तरह) परिवार और घर की भावना पैदा करता है। इसलिए ब्रूनर ने यीशु के शब्दों का इस तरह अनुवाद किया: "मुझ में घर में रहो।"
इस विचार को घर तक पहुँचाने के लिए, यीशु ने दाखलता से जुड़ी शाखाओं का उदाहरण दिया। शाखाएँ, यदि वे जीना चाहती हैं, तो उन्हें हमेशा घर पर रहना होगा, जहाँ की वे हैं, वहाँ दृढ़ता से स्थिर (निरंतर) रहना।
हमारी समस्याओं को ठीक करने या हमें कुछ नया "ज्ञान" या उत्साहजनक भविष्य प्रदान करने के खोखले वादों के साथ कई आवाजें हमें बुलाती हैं। लेकिन अगर हमें सच में जीना है, तो हमें यीशु में बने रहना होगा। हमें घर में रहना होगा।
परमेश्वर का आश्वासन
उसने आप ही कहा है इसलिये हम निड़र होकर कहते हैं । इब्रानियों 13:5–6
मेरा आश्वासन मेरे लिये परमेश्वर के आश्वासन…
हिम्मत से खड़ा होना
तू हियाव बांध और दृढ़ हो, मत ड़र और तेरा मन कच्चा न हो। व्यवस्थाविवरण 31:6, 8
जबकि अधिकांश जर्मन…
अपने साहस को थामें रहें
यदि मैं परमेश्वर का जन हूं, तो आकाश से आग गिरे। 2 राजा 1:10
एंड्रयू एक ऐसे देश में रहता…
साहस की पुकार
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लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर में पुरुष मूर्तियों (नेल्सन मंडेला, विंस्टन चर्चिल,…
असामान्य साहस
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