अज्ञात मार्ग
शायद मुझे एक दौड़ में ब्रायन से नहीं जुड़ना चाहिए था l मैं विदेश में था, और अज्ञान था कि हम कहाँ या कितनी दूर जाएंगे या इलाका कैसा होगा l साथ ही, वह एक तेज धावक था l क्या उसके साथ बने रहने की कोशिश में मेरा टखना तो नहीं मुड़ जाएगा? मुझे ब्रायन पर जो रास्ता जानता था भरोसा करना ही था l आरम्भ में, मैं बहुत चिंतित हो गया l पगडण्डी उबड़-खाबड़, असमतल भूमि पर घने जंगल से होकर गुजरती थी l शुक्र है कि ब्रायन मुझ पर नज़र रखता रहा और मुझे आगे के असमतल रास्ते के बारे में चेतावनी देता रहा l
शायद बाइबल के समय में कुछ लोगों ने अपरिचित क्षेत्र में प्रवेश करते समय ऐसा ही महसूस किया था—कनान में अब्राहम, जंगल में इस्राएली, और यीशु के चेले सुसमाचार सुनाने के अपने मिशन पर l उन्हें अंदाजा नहीं था कि यात्रा कैसी होगी, सिवाय इसके कि यह निश्चित ही कठिन होगी l लेकिन उनका नेतृत्व करने वाला आगे का रास्ता जनता था l उन्हें भरोसा करना था कि परमेश्वर उन्हें सामना करने की शक्ति देगा और उनकी देखभाल करेगा l वे उसका अनुसरण कर सकते थे क्योंकि वह जानता था कि आगे क्या है l
इस आश्वासन ने दाऊद को यह दिलासा दिया जब वह भाग रहा था l बड़ी अनिश्चितता के बावजूद, उसने परमेश्वर से कहा : “जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो . . . तब तू मेरा पथ जानता [है]” (भजन संहिता 142:3) l जीवन में कई बार हम डरते हैं कि आगे क्या है l परन्तु हम यह जानते हैं कि हमारे संग चलने वाला हमारा परमेश्वर, मार्ग जानता है l
मसीहियों को संदेह क्यों?
एक यादगार टेलीविज़न विज्ञापन में कहा गया, “जब ई. एफ. हटन बोलते हैं, लोग सुनते हैं।” हर्ब वेंडर लुग्ट के बारे में मैं ऐसा ही महसूस करता हूं।
अब अस्सी और नब्बे के बीच की अपनी आयु में, हर्ब हमारे लिए जानकारी और प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रहें हैं । धर्मग्रंथ के एक विचारशील छात्र और कई चर्चों के प्रेमी…
पथ पर स्वतंत्रता
बीप बेसबॉल में, नेत्रहीन खिलाड़ी यह जानने के लिए कि क्या करना है और कहाँ जाना है, बीपिंग बॉल या बज़िंग बेस को सुनते हैं l आँखों पर पट्टी वाला बल्लेबाज (दृष्टिहीनता की विभिन्न डिग्री के कारण) और देखनेवाला बॉल फेंकनेवाला एक ही टीम में होते हैं l बल्लेबाज बीपिंग बॉल को मारकर, बीपिंग बेस की ओर दौड़ता हैं l बल्लेबाज आउट हो जाता है यदि एक क्षेत्ररक्षक गेंद को बल्लेबाज के बेस तक पहुँचने से पूर्व पकड़ लेता है; अन्यथा, बल्लेबाज एक रन बनाता है l एक खिलाड़ी ने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि वह “दौड़ने में बड़ी स्वतंत्रता” महसूस करता है क्योंकि वह जानता है कि एक स्पष्ट पथ और दिशा है l
यशायाह की पुस्तक हमें बताती है कि परमेश्वर, “जो स्वयं सच्चाई है, वह धर्मी की अगुवाई करता है” (26:7) l जब यह लिखी गयी थी, तब इस्राएलियों का मार्ग बिलकुल चौरस नहीं था; वे अनाज्ञाकारिता के लिए ईश्वरीय न्याय सह रहे थे l यशायाह ने उन्हें विश्वास और आज्ञाकारिता में चलने का उपदेश दिया—जो अक्सर कठिन लेकिन सुगम मार्ग होता है l परमेश्वर के “नाम के स्मरण” के लिए लालायित होना (पद.8) उनके दिलों का केंद्र होना था l
यीशु में विश्वासी होकर, हम परमेश्वर के बारे में और अधिक जानते हैं और उसके विश्वासयोग्य चरित्र में अपना भरोसा बढ़ाते हैं क्योंकि हम आज्ञा मानकर उसके मार्गों का पालन करते हैं l हो सकता है कि जीवन में हमारा मार्ग हमेशा सहज न दिखे या महसूस हो, लेकिन हम भरोसा करके निश्चित हैं कि परमेश्वर साथ है और रास्ता बना रहा है l हम भी स्वतंत्रता महसूस कर सकते हैं जब हम अपने लिए परमेश्वर के सर्वोत्तम मार्ग पर आज्ञाकारिता से दौड़ते हैं l
शिक्षक दिवस की मुबारक!
शिक्षक न केवल बच्चों को विषय और पाठ पढ़ाने में, बल्कि उन्हें उस प्रकार बनाने में भी विशेष भूमिका निभाते हैं जो वह हैं। वे उनमें ईश्वर द्वारा दी ग्ई योग्यताओं और क्षमताओं को सामने लाते हैं, और उन्हें उनकी पूरी क्षमता तक उभरने को प्रेरित करते हैं। जब आप इस विशेष लेख को पढ़ते हैं कि कैसे एक शिक्षक…
जब आप थके हुए हो
मैं एक कार्यदिवस के अंत की शांति में बैठी थी, मेरा लैपटॉप मेरे सामने था l उस दिन के काम से मुझे खुश होना चाहिए था, लेकिन मैं थक गयी थी l काम पर एक समस्या की चिंता से मेरे कन्धों में दर्द था, और एक परेशान रिश्ते से मेरा दिमाग थका हुआ था l उस रात इन सबसे बचने के लिए मैं टीवी देखने लगी l
लेकिन “प्रभु,” मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं l मैं अत्यधिक थकान से और अधिक नहीं कह पायी l मेरी सारी थकान उस एक शब्द में समा गयी l और किसी तरह, मैं जान गयी कि मुझे कहाँ जाना चाहिए l
यीशु हमसे कहता है, “मेरे पास आओ,” जो थके हुए और बोझ से दबे हुए हुए हो, “मैं तुम्हें विश्राम दूँगा” (मत्ती 11:28) l रात की अच्छी नींद से, टेलीविजन द्वारा प्रदान की जाने वाली वास्तविकता से विश्राम नहीं l समस्या समाधान से भी राहत नहीं मिलती l हालाँकि ये आराम के अच्छे श्रोत हो सकते हैं, लेकिन ये अल्पकालिक हैं और हमारी परिस्थितयों पर निर्भर करती हैं l
इसके विपरीत, यीशु द्वारा प्रदत्त विश्राम उसके अपरिवर्तनीय चरित्र द्वारा स्थायी और निश्चित है l वह हमेशा अच्छा है l वह हमें हमारी आत्मा के लिए सच्चा विश्राम देता है क्योंकि सब कुछ उसके वश में है l हम उस पर भरोसा कर सकते हैं और उसके प्रति समर्पित हो सकते हैं, सहन कर सकते हैं और यहाँ तक कि कठिन स्थितियों में भी बढ़ सकते हैं क्योंकि वही सामर्थ्य और पुनर्स्थापन दे सकता है l
“मेरे पास आओ,” यीशु हमसे कहता है l “मेरे पास आओ l”