फिलिप्प के पिता गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित थे और सड़कों पर रहने के लिए घर छोड़कर चले गए थे। सिंडी और उसके छोटे बेटे फिलिप्प द्वारा उन्हें  ढूँढ़ते हुए एक दिन बिताने के बाद, फिलिप्प उनकी भलाई के लिए चिंतित हुआ। उसने अपनी मां से पूछा कि क्या उसके पिता और अन्य बेघर लोग ठण्ड से सुरक्षित हैं। जवाब में, उन्होंने क्षेत्र के बेघर लोगों के लिए कंबल और ठंड के मौसम के लिए सामान  इकट्ठा करने और वितरित करने का प्रयास शुरू किया। एक दशक से अधिक समय से, सिंडी ने इसे अपने जीवन का कार्य माना है, सोने के लिए गर्म जगह के नहीं होने की कठिनाई के प्रति जागृत होने का श्रेय अपने बेटे और परमेश्वर में अपने गहरे विश्वास को देती है।

बाइबल ने हमें लंबे समय से दूसरों की ज़रूरतों का प्रतिउत्तर देना सिखाया है। निर्गमन के पुस्तक में, मूसा ने उन लोगों के साथ हमारे बातचीत को निर्देशित करने के लिए सिद्धांतों का एक सेट दर्ज किया है जिनके पास प्रचुर संसाधनों की कमी है । जब हम दूसरे के जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रेरित होते हैं, हमें “इसे एक व्यापारिक सौदे के तरह नहीं मानना चाहिए” और इससे कोई लाभ या मुनाफा नहीं कमाना चाहिए (निर्गमन 22:25)। यदि किसी का वस्त्र बन्‍धक के रूप में लिया गया था, तो उसे सूर्यास्त तक वापस करना था “क्योंकि वह उसका एक ही ओढ़ना है, उसकी देह का वही अकेला वस्त्र होगा; फिर वह किसे ओढ़कर सोएगा?” (पद.27)।

आइए परमेश्वर से कहे कि वह हमारे आँखों और दिल को खोले ताकि हम यह देख सकें कि पीड़ित लोगों का दर्द कैसे कम कर सकते हैं। चाहे हम कई लोगों की ज़रूरतों को पूरा करना चाहते हों—जैसा कि सिंडी और फिलिप्प ने किया है—या किसी एक व्यक्ति का, उनका सम्मान और देखभाल करके हम उनका सम्मान करते हैं।