तुझे इससे क्या?
“जब उसके पास अंगूर है तो मुझे स्ट्रॉबेरी लॉलीपॉप क्यों मिलना चाहिए?” मेरी छह वर्षीय भतीजी ने पुछा l मेरी भांजियों और भांजे ने मुझे शुरू से ही सिखाया था कि बच्चे अक्सर जो उन्हें दिया जाता है उसकी तुलना दूसरों को जो मिलता है उससे करते हैं l इसका मतलब यह है कि दयालु मौसी के रूप में, मेरे लिए अच्छा निर्णय लेना होगा!
मैं भी कभी-कभी उन चीज़ों की तुलना करती हूँ जो ईश्वर ने मुझे दी हैं और जो उसने दूसरों को दी हैं l “मेरे पास यह क्यों है, और उसके पास वह है?” मैं परमेश्वर से पूछती हूँ l मेरा प्रश्न मुझे याद दिलाता है कि शमौन पतरस ने गलील के झील के पास यीशु से क्या पूछा था l यीशु ने अभी-अभी पतरस को उसके पिछले इनकार के लिए पुनर्स्थापना और क्षमा दी थी और अब वह उससे कह रहा था कि वह शहीद की मृत्यु मरकर परमेश्वर की महिमा करेगा (यूहन्ना 21:15-19) l हालाँकि, अपने पीछे चलने के यीशु के निमंत्रण का हाँ में उत्तर देने के बजाय, पतरस ने पुछा, “हे प्रभु, इसका [यूहन्ना का] क्या?”(पद.21) l
यीशु ने उत्तर दिया, “तुझे इससे क्या?” और कहा, “तू मेरे पीछे हो ले”(पद.22) l मेरा मानना है कि यीशु भी हमसे यही कहेगा l जब वह पहले से ही हमें हमारे जीवन के किसी क्षेत्र में दिशा दे चुका है, तो वह हमारा विश्वास चाहता है l हमें अपने मार्ग की तुलना दूसरों के मार्ग से नहीं करनी चाहिए, बल्कि हमें बस उसका अनुसरण करना है l
तीस से अधिक वर्षों तक, प्रेरित पतरस ने आरंभिक चर्च के एक साहसी अगुआ के रूप में परमेश्वर का अनुसरण किया l ऐतिहासिक अभिलेखों से यह भी पता चलता है कि उसने दुष्ट सम्राट नीरो के अधीन निडर होकर मृत्यु को गले लगा लिया l हम भी परमेश्वर का अनुसरण करने, उसके प्रेम और दिशा-निर्देश पर भरोसा करने में दृढ़ और निर्विवाद रहें l
आप अतिप्रिय हैं
अपना दुःख व्यक्त करने के लिए, ऐली नाम की एक युवा लड़की ने लकड़ी के एक टुकड़े पर लिखा और उसे एक पार्क में रख दिया : “ईमानदारी से कहूँ तो, मैं दुखी हूँ l कोई भी कभी भी मेरे साथ घूमना नहीं चाहता, और मैंने उस एकमात्र व्यक्ति को खो दिया है जो मेरी बात सुनता है l मैं हर दिन रोती हूँ l”
जब किसी को वह लकड़ी का टुकड़ा मिला, तो वह पार्क में फुटपाथ पर लिखने वाले चौक(chalk) ले आयी और लोगों से ऐली के लिए अपने विचार लिखने के लिए कहा l पास के स्कूल के छात्रों द्वारा समर्थन के दर्जनों शब्द छोड़े गए : “हम आपसे प्रेम करते हैं l” “ईश्वर आपसे प्यार करता है l” “तुम प्रिय हो l” स्कूल के प्राचार्य ने कहा, “यह एक छोटा सा तरीका है जिससे हम पहुँच सकते हैं और शायद [उसकी कमी] को भरने में मदद कर सकते हैं l वह हम सभी का प्रतिनिधित्व करती है क्योंकि किसी न किसी समय हम सभी को दुःख और पीड़ा का अनुभव होता है या होगा l”
वाक्यांश “तू प्रिय है” मुझे मूसा द्वारा अपने मरने से ठीक पहले बिन्यामीन के इस्राएली गोत्र को दिए गए एक सुन्दर आशीष की याद दिलाता है : “यहोवा के प्रिय को उस में सुरक्षित रहने दो” (व्यवस्थाविवरण 33:12) l मूसा परमेश्वर के लिए एक मजबूत अगुआ था, उसने शत्रु राष्ट्रों को हराया, दस आज्ञाएँ प्राप्त कीं और उन्हें परमेश्वर का अनुसरण करने के लिए चुनौती दी l उसने उन्हें परमेश्वर के दृष्टिकोण के साथ छोड़ दिया l प्रिय शब्द का प्रयोग हमारे लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि यीश ने कहा, “परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया” (यूहन्ना 3:16) l
जैसा कि ईश्वर हमें इस सच्चाई पर सुरक्षित रूप से भरोसा करने में सहायता करता है कि यीशु में प्रत्येक विश्वासी “प्रिय” है, हम दूसरों से प्यार करने के लिए आगे बढ़ सकते हैं जैसा कि ऐली के दोस्तों ने किया l
आशा का एक भविष्य देखना
2005 में तूफ़ान कैटरीना(Hurricane Katrina) की तबाही के बाद, न्यू ओरलियंस ने धीरे-धीरे पुनःनिर्माण के लिए काम किया l सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक निचला नौवां वार्ड/क्षेत्र था, जहां कैटरीना के बाद वर्षों तक निवासियों को बुनियादी संसाधनों तक पहुँचने का अभाव था l बर्नेल कोटलोन ने इसे बदलने के लिए काम किया l नवम्बर 2014 में उन्होंने कैटरीना के बाद निचले नौवां वार्ड/क्षेत्र में पहला किराना स्टोर खोला l कोटलोन ने याद करते हुए कहा, “जब मैंने इमारत खरीदी, तो सभी ने सोचा कि मैं पागल हूँ l” लेकिन “सबसे पहला ग्राहक रोया क्योंकि वह . . . कभी नहीं सोचा था कि [पड़ोस] वापस आ रहा है l” उसकी माँ ने कहा कि उसके बेटे ने “कुछ ऐसा देखा जो मैंने नहीं देखा l मुझे ख़ुशी है [वह] . . . मौका ले लिया l”
परमेश्वर ने नबी यशायाह को विनाश के सामने आशा का अप्रत्याशित भविष्य देखने में सक्षम बनाया l यह देखकर कि “दीन और दरिद्र लोग जल [ढूँढते हैं] पर [नहीं पाते]” (यशायाह 41:17), परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की कि “मुंडे टीलों से भी नदियाँ और मैदानों के बीच में सोते बहाऊंगा” (पद.18) l जब भूख और प्यास के बजाय, उनकी लोगों को एक बार फिर समृद्धि का अनुभव हुआ, तो उन्हें पता चला कि “यह यहोवा के हाथ का किया हुआ” है (पद.20) l
वह अभी भी पुनर्स्थापना का रचयिता है, एक ऐसे भविष्य के निर्माण पर काम कर रहा है जब “सृष्टि . . . आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा [पाएगी]” (रोमियों 8:21) l जब हम उसकी अच्छाई पर भरोसा करते हैं, वह हमें ऐसा भविष्य देखने में मदद करता है जहां आशा संभव है l
जीवन की यात्रा/तीर्थ यात्रा
प्रत्येक वर्ष विभिन्न धर्मों के दो सौ मिलियन(200,000,000) से अधिक लोग तीर्थयात्रा करते हैं l सदियों से कई लोगों के लिए, एक तीर्थयात्री का कार्य किसी प्रकार का आशीष प्राप्त करने के लिए किसी पवित्र स्थान की यात्रा करना रहा है l यह सब मंदिर, बड़ा चर्च, तीर्थस्थान या अन्य गंतव्य तक पहुँचने के बारे में है जहां आशीष प्राप्त किया जा सकता है l
हालाँकि, ब्रिटन के सेल्टिक मसीहियों(Britain’s Celtic Christians) ने तीर्थयात्रा को अलग तरह से देखा l वे दिशाहीन होकर जंगल की ओर निकल पड़े या अपनी नावों को जहाँ कहीं भी महासागर ले गया, वहीँ बहने दिया—उनके लिए तीर्थयात्रा अपरिचित क्षेत्र में ईश्वर पर भरोसा करने के बारे में है l कोई भी आशीष मंजिल पर नहीं बल्कि सफ़र के दौरान मिली l
इब्रानियों 11 सेल्ट्स लोगों(Celts) के लिए महत्वपूर्ण परिच्छेद था l चूँकि मसीह में जीवन संसार के तरीकों को पीछे छोड़ने और परदेशियों की तरह ईश्वर के देश की ओर बढ़ने के बारे में है(पद.13-16), तीर्थयात्रा ने उनके जीवन की यात्रा को प्रतिबंधित किया l अपने कठिन, निर्जन मार्ग को प्रदान करने के लिए ईश्वर पर भरोसा करके, तीर्थयात्रियों ने उस प्रकार का विशवास विकसित किया जो पुराने वीर/योद्धा/नायक द्वारा जीया जाता था (पद.1-12) l
सीखने के लिए क्या सबक है, चाहे हम शारीरिक रूप से लम्बी पैदल यात्रा करें या नहीं : उन लोगों के लिए जिन्होंने यीशु पर भरोसा किया है, जीवन परमेश्वर के स्वर्गीय देश की तीर्थयात्रा है, जो अँधेरे जंगलों, बन्द मार्गों और आजमाइशों से भरा है l जैसे-जैसे हम यात्रा करते हैं, हम मार्ग में परमेश्वर के प्रावधानों का अनुभव करने की आशीष से न चूकें l