जब जॉनी एरिक्सन टाडा राइका के बारे में बात करती है, तो वह अपने दोस्त की “ईश्वर में गहरी, समय-परीक्षणिक आस्था” और एक दुर्बल पुरानी स्थिति के साथ रहते हुए उसके द्वारा विकसित किए गए धैर्य पर प्रकाश डालती है l राइका पिछले पंद्रह वर्षों से भी अधिक समय से बिस्तर पर पड़ी है और अपने कमरे की छोटी सी खिड़की से चाँद को देखने में भी असमर्थ है l लेकिन उसने उम्मीद नहीं खोई है; वह ईश्वर पर भरोसा करती है, बाइबल पढ़ती है और उसका अध्ययन करती है, और जैसा कि जॉनी इसका वर्णन करती है, वह “जानती है कि निराशा के विरुद्ध भयंकर लड़ाई के दौरान कैसे दृढ रहना है l” 

जॉनी ने राइका की दृढ़ता की तुलना एलीआज़र से की, जो राजा दाऊद के समय का एक सैनिक था, जिसने पलिश्तियों से भागने से इनकार कर दिया था l भागने वाले सैनिकों में शामिल होने के बजाय, एलीआज़र अपनी बात पर अड़ा रहा “जब तक उसका(एलीआज़र) [का] हाथ थक न गया, और तलवार हाथ से चिपट न गयी” (2 शमूएल 23:10) l परमेश्वर की सामर्थ के द्वारा, “यहोवा ने बड़ी विजय कराई(प्राप्त की)” (पद.10) l जैसा कि जॉनी ने देखा, जैसे एलीआज़र ने दृढ संकल्प के साथ तलवार को पकड़ लिया, वैसे ही राइका भी “आत्मा की तलवार, जो परमेश्वर का वचन है” से चिपक गयी (इफिसियों 6:17) l और वहाँ, ईश्वर में वह अपनी शक्ति पाती है l 

चाहे चमकता हुआ अच्छा स्वास्थ्य हो या पुरानी स्थिति से निराशा से जूझना हो, हम भी अपनी आशा के भण्डार को गहरा करने और हम सहन करने में मदद करने के लिए ईश्वर की ओर देख सकते हैं l मसीह में हम अपनी शक्ति पाते हैं l