जब हाई स्कूल गायक मंडल ने अर्जेंटीना का गीत “एल सिएलो केंटो एलेग्रिया(El Cielo Canta Alegria)” गया तो उनकी आवाज़ में ख़ुशी स्पष्ट थी l मैं प्रदर्शन का आनंद ले रही थी लेकिन गीत के बोल समझ नहीं पा रही थी क्योंकि मैं स्पेनिश नहीं जानती l लेकिन जब तक गाना बजानेवालों ने ख़ुशी से घोषणा करना आरम्भ नहीं किया तब तक मुझे एक परिचित शब्द पहचानने में अधिक समय नहीं लगा, “अलेलुया!” बार-बार मैंने सुना, ” अलेलुया” ईश्वर की स्तुति की घोषणा है जो संसार भर की अधिकाँश भाषाओँ में समान लगती है l गाने की पृष्ठभूमि जानने के लिए उत्सुक, मैं संगीत कार्यक्रम के बाद ऑनलाइन गयी और पाया कि शीर्षक का अनुवाद “स्वर्ग आनंद के लिए गा रहा है l”
प्रकाशितवाक्य 19 में एक उत्सव पूर्ण अंश में, हमें उस सामूहिक गीत में व्यक्त वास्तविकता की एक झलक दी गयी है—पूरा स्वर्ग आनंदित हो रहा है! नया नियम की आखिरी पुस्तक में प्रेरित यूहन्ना के भविष्य के दृष्टिकोण में, उसने स्वर्ग में लोगों और स्वर्गदूतों की एक विशाल सभा की एक विशाल सभा को परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए देखा l यूहन्ना ने लिखा कि स्वरों के समूह ने ईश्वर की शक्ति का जश्न मनाया जिसने बुराई और अन्याय पर जीत प्राप्त की, पूरी पृथ्वी पर उसका राज्य और उसके साथ हमेशा के लिए अनंत जीवन l बार-बार, स्वर्ग के सभी निवासी “हल्लिलूय्याह” की घोषणा करते हैं(पद.1,3,4,6) या “परमेश्वर की स्तुति करो!”
एक दिन “हर एक कुल और भाषा और लोग और जाति में से” (5:9) परमेश्वर की महिमा की घोषणा करेंगे l और ख़ुशी के साथ हर अलग-अलग भाषा में हमारी सभी आवाजें एक साथ चिल्लएंगी, “हल्लिलूय्याह!”
क्या कारण है कि आप आज “हल्लिलूय्याह” कह सकते हैं? नियमित रूप से परमेश्वर की स्तुति करना क्यों आवश्यक है?
हल्लिलूय्याह! मैं उस ख़ुशी के लिए बहुत आभारी हूँ जिसे मैं जानता हूँ क्योंकि हे परमेश्वर, मैं आपसे प्रेम करता हूँ l