जेम्स इनेल पैकर, जिन्हें जे. आई. पैकर के नाम से जाना जाता है, का 2020 में उनके चौरानवे जन्मदिन से केवल पांच दिन पहले निधन हो गया l एक विद्वान और लेखक, उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक, नोइंग गॉड(Knowing God), अपने प्रकाशन के बाद से 1.5 मिलियन(10,00,000) से अधिक प्रतियां बेच चुकी है l पैकर ने बाइबल के अधिकार और शिष्य-निर्माण(disciple-making) का समर्थन किया और हर जगह यीशु मसीह में विश्वास करने वालों से यीशु के लिए जीने को गंभीरता से लेने का आग्रह किया l जीवन के अंतिम क्षणों में उनसे चर्च में कहे गए उनके अंतिम शब्दों के बारे में पूछा गया l पैकर की एक पंक्ति थे, केवल चार शब्द : “मसीह की महिमा करें(Glorify Christ every way) l”
ये शब्द प्रेरित पौलुस के जीवन को दर्शाते हैं, जिन्होंने अपने नाटकीय रूपांतरण के बाद, विश्वासयोग्यता से अपने सामने काम करना आरम्भ किया और परिणामों के लिए परमेश्वर पर भरोसा किया l रोमियों की पुस्तक में पाए गए पौलुस के शब्द पूरे नए नियम में सबसे अधिक धर्मवैज्ञानिक(theologically) रूप से भरे हुए हैं, और पैकर ने प्रेरित द्वारा लिखी गयी बातों का बारीकी से सारांश दिया है : “प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की स्तुति करो” (15:6) l
पौलुस का जीवन हमारे लिए एक उदाहरण है l हम कई तरीकों से ईश्वर की महिमा(सम्मान) कर सकते हैं, लेकिन एक है हमारे सामने निर्धारित जीवन जीना और परिणामों को ईश्वर के अपरिवर्तनीय हाथों में छोड़ना l चाहे पुस्तकें लिखना हो या मिशनरी यात्राएं करना हो या प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाना हो या बूढ़े माता-पिता की देखभाल करना हो—एक ही लक्ष्य है : मसीह की महिमा करें! जैसे ही हम प्रार्थना करते हैं और पवित्रशास्त्र पढ़ते हैं, परमेश्वर हमें समर्पित आज्ञाकारिता के साथ जीने में मदद करता है और हम जो कुछ भी कहते हैं करते हैं उसमें यीशु का सम्मान करने के लिए हमारे दैनिक जीवन को ट्रैक/पटरी पर रखता है l
आपको किन परिणामों को परमेश्वर के साथ छोड़ना कठिन लगता है? आज किस तरह से आप उसकी योजनाओं पर भरोसा कर सकते हैं और ऐसा करके मसीह का सम्मान कर सकते हैं?
प्रिय पिता, कृपया आज आपका सम्मान करने में मेरी सहायता करें l