कुछ साल पहले मैं अपने पिता के साथ उनके प्रिय शहर गई थी और उस पारिवारिक खेत का दौरा किया जहाँ वह पले-बढ़े थे। मैंने अजीब पेड़ों का एक समूह देखा। मेरे पिताजी ने समझाया कि जब बचपन में उन्हें शरारत करने की सूझती, तो वह एक फल के पेड़ से एक टूटी हुई शाखा लेते, एक अलग प्रकार के फल के पेड़ में चीरा लगाते, और टूटी हुई शाखा को तने से बाँध देते थे, जैसा की उन्होंने बड़ो को करते देखा था। उनकी शरारतों पर तब तक ध्यान नहीं गया जब तक कि उन पेड़ों पर उम्मीद से अलग फल लगने नहीं लगे।
जैसे ही मेरे पिताजी ने ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया का वर्णन किया(जिसमे दो अलग-अलग पौधों के तनों को एक साथ जोड़ा जाता है, और वें एक ही पौधे के रूप में विक्सित होने लगते है), मुझे एक तस्वीर दिखी यह दर्शाते हुए कि परमेश्वर के परिवार में जोड़े जाने का हमारे लिए क्या मतलब है। मैं जानती हूँ कि मेरे दिवंगत पिता अब स्वर्ग में हैं क्योंकि यीशु में विश्वास के द्वारा उन्हें परमेश्वर के परिवार में जोड़ा गया था।
अंततः हमें भी स्वर्ग में होने का आश्वासन मिला है। प्रेरित पौलुस ने रोम में विश्वासियों को समझाया कि परमेश्वर ने अन्यजातियों, या गैर-यहूदियों के लिए एक मार्ग बनाया है जिससे परमेश्वर और उनका मेल-मिलाप हो सके: ” उनकी जगह पर कलम लगाये गये और जैतून के रस के भागीदार बने हुए।” (रोमियों 11:17)। जब हम मसीह में अपना विश्वास रखते हैं, तो हम उसके साथ जुड़ जाते हैं और परमेश्वर के परिवार का हिस्सा बन जाते हैं। “यदि तुम मुझ में बने रहो और मैं तुम में, तो तुम बहुत फल फलोगे” (यूहन्ना 15:5)।
जोड़े गए पेड़ों के समान, जब हम मसीह पर भरोसा करते हैं, तो हम एक नई रचना बन जाते हैं और बहुत फल पैदा कर सकते हैं।
आपको यह जानकर कैसा लगता है कि आप परमेश्वर के परिवार में शामिल हो सकते हैं ? आप मसीह के लिए अच्छे फल कैसे उत्पन्न कर सकते हैं?
प्रिय परमेश्वर, मुझसे प्रेम करने और मुझे अपने परिवार में स्वीकार करने के लिए धन्यवाद।