जे.आर.आर. टॉकिंस की पुस्तक द फेलोशिप ऑफ़ द रिंग्स(The Fellowship of the Rings) में, बिल्बो बैग्गिंस ने छह दशकों तक, अँधेरे शक्तियों वाली एक जादुई अंगूठी वहन करने का प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया l धीरे-धीरे उसकी संक्षारक(corrosive) प्रकृति/स्वभाव से परेशान होकर, वह जादूगर गंडाल्फ़ से कहता है, “क्यों, मैं बिलकुल दुबला, फैला हुआ महसूस करता हूँ, यदि आप जानते हैं कि मेरा क्या मतलब है : मक्खन की तरह जिसे रोटी पर बहुत अधिक खुरच दिया गया है l” वह आराम की खोज में अपना घर छोड़ने का फैसला करता है, कहीं “शांति और सुकून में, जहाँ आसपास बहुत सारे सम्बन्धी/रिश्तेदार न हों l”

टॉकिन की कहानी का यह पहलु मुझे पुराने नियम के एक भविष्यवक्ता के अनुभव की याद दिलाता है l इज़ेबेल से भागते समय और झूठे भविष्यवक्ताओं के साथ युद्ध के बाद थके हुए एलिय्याह को कुछ आराम की सख्त ज़रूरत थी l कमजोर महसूस करते हुए, उसने परमेश्वर से उसे मरने देने की प्रार्थना करते हुए कहा, ” हे यहोवा, बस है”(1 राजा 19:4) l उसके सो जाने के बाद, परमेश्वर के दूत ने उसे जगाया ताकि वह खा-पी सके l वह फिर सो गया, और बाद में स्वर्गदूत द्वारा दिया गया भोजन अधिक खा लिया l पुनः ऊर्जा प्राप्त करने के बाद, उसके पास परमेश्वर के पर्वत तक चालीस दिन की पैदल यात्रा के लिए पर्याप्त शक्ति थी l 

जब हम थके हुए महसूस करते हैं, तो हम भी सच्ची ताज़गी के लिए परमेश्वर की ओर देख सकते हैं l हमें अपने शरीर की देखभाल करने की आवश्यकता हो सकती है, साथ ही हम उससे उसकी आशा, शांति और विश्राम से भरने के लिए भी प्रार्थना करते हैं l यहाँ तक कि जैसे स्वर्गदूत ने एलिय्याह की देखभाल की, हम भरोसा कर सकते हैं कि परमेश्वर हम पर अपनी ताज़गी भरी उपस्थिति प्रदान करेगा (मत्ती 11:28 देखें) l