एक घरेलू उड़ान के लिए उड़ान से पहले जांच करते समय, एक फ्लाइट अटेंडेंट ने देखा कि एक महिला यात्री उड़ान के बारे में बहुत ही व्याकुल और चिंतित दिख रही थी l अटेंडेंट गलियारे वाली सीट पर बैठ गया, और उसका हाथ पकड़ लिया, उड़ान प्रक्रिया के प्रत्येक चरण को समझाया, और उसे निश्चित किया कि वह अच्छी रहेगी l उसने कहा, “जब आप विमान पर चढ़ते हैं, तो यह हमारे बारे में नहीं है, यह आपके बारे में है l” “और यदि आप अच्छा महसूस नहीं कर रही हैं, तो मैं यह कहने के लिए वहाँ रहना चाहता हूँ, ‘अरे, क्या परेशानी है? क्या ऐसा कुछ है जो मैं कर सकता हूँ?” उनकी देखभाल करने वाली उपस्थिति इस बात की एक तस्वीर हो सकती है कि यीशु ने क्या कहा था कि पवित्र आत्मा उसके विश्वासियों के लिए क्या करेगा l

मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण लोगों को उनके पापों से बचाने के लिए आवश्यक और लाभदायक था, लेकिन यह शिष्यों के हृदयों में भावनात्मक अशांति और गहरा दुःख भी पैदा करने वाला था(यूहन्ना 14:1) l इसलिए उसने उन्हें निश्चित किया कि संसार में उसके उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाएगा l वह पवित्र आत्मा को उनके साथ रहने के लिए भेजने वाला था—“एक सलाहकार उनकी सहायता करने के लिए और हमेशा के लिए उनके साथ रहने के लिए एक वकील”(पद.16) l आत्मा यीशु के बारे में साक्षी देगा और उन्हें मसीह द्वारा किये और कहे गए सभी कार्यों की याद दिलाएगा(पद.26) l कठिन समय में उसके द्वारा उनकी “उन्नति” होगी(प्रेरितों 9:31) l

इस जीवन में, हर कोई—मसीह में विश्वासियों सहित—चिंता, भय और दुःख की अशांति का अनुभव करेगा l लेकिन उसने वादा किया है कि उसकी अनुपस्थिति में, पवित्र आत्मा हमें सांत्वना देने के लिए मौजूद है l