जोहान्सबर्ग के स्टेडियम में लगभग 1,00,000 लोग इंतज़ार में खड़े थे क्योंकि 2007 के T20 विश्व कप फाइनल में भारत को हराने के लिए पाकिस्तान को आखिरी ओवर में केवल 13 रन बनाने थे l मिस्बाह(Misbah) ने सबसे पहले छक्का लगाया और फिर 3 गेंद बच गए l हालाँकि अभी भी शांत दिख रहे जोगिंदर शर्मा ने दोबारा गेंदबाजी की l इस बार गेंद का स्वागत दो भारतीय हाथों से किया गया—एक विकेट गिर गया था l मिस्बाह चले गए और स्टेडियम में भगदड़ मच गयी, भारत ने अपना पहला T20 विश्व कप जीत लिया है l 

ऐसे गहन क्षणों में भजन 23:1 जैसे बाइबल पद अहम् स्थान पर आते हैं l भजनकार लिखता है, “यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी l” जब हमें सामर्थ्य और निश्चयता की ज़रूरत होती है, तो हम एक चरवाहे के रूप में परमेश्वर के गहन व्यक्तिगत रूपक(metaphor) का सहारा ले सकते हैं l 

भजन 23 एक प्रिय भजन है क्योंकि यह हमें निश्चय देता है कि हम शांति में रह सकते हैं, या आराम पा सकते हैं, क्योंकि हमारे पास एक प्रेमी और भरोसेमंद चरवाहा है जो सक्रीय रूप से हमारी देखभाल करता है l दाऊद ने गहन या कठिन स्थितियों में डर की वास्तविकता के साथ-साथ परमेश्वर द्वारा प्रदान की जाने वाली शांति की भी गवाही दी(पद.4) l “शांति” शब्द का अनुवाद आश्वासन, या उसकी मार्गदर्शक उपस्थिति के कारण आगे बढ़ते रहने का आत्मविश्वास और साहस दर्शाता है l 

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चलते समय—यह न जानते हुए कि परिणाम क्या होगा—हम साहस रख सकते हैं क्योंकि हम उस कोमल ताकीद को दोहराते हैं कि अच्छा चरवाहा हमारे साथ है l