जब हेदर की नौकरी उसे टिम के घर ले गयी, तो उसने उससे खाने की थैली में गांठ खोलने में मदद करने के लिए कहा l टिम को कुछ साल पहले दौरा पड़ा था और अब वह स्वयं इस गाँठ को नहीं खोल पाता था l हेदर ख़ुशी-ख़ुशी स्वीकार की l अपने पूरे दिन में, हेदर के विचार बार-बार टिम के पास लौटते रहे और वह उसके लिए एक देखभाल पैकेज तैयार करने के लिए प्रेरित हुयी l जब बाद में टिम को गर्म कोको और लाल-कम्बल मिला जो वह उत्साहवर्धक शब्दों के साथ उसके दरवाजे पर छोड़ गयी थी, तो उसकी आँखों में आंसू आ गए l
हेदर का यह उसको मदद पहुँचना उसके मूल अनुमान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गयाl यही बात तब सच थी जब यिशै ने अपने छोटे बेटे दाऊद को अपने भाइयों को भोजन देने के लिए भेजा था जब इस्राएलियों ने “इकट्ठे होकर . . . युद्ध के लिए पलिश्तियों के विरुद्ध पांति बाँधी ”(1 शमूएल 17:2) l जब दाऊद रोटी और पनीर लेकर पहुँचा, तो उसे पता चला कि गोलियत अपने दैनिक ताने देकर परमेश्वर के लोगों में भय पैदा कर रहा था (पद.8-10, 1, 6, 24) l गोलियत द्वारा “जीवित परमेश्वर की सेना” की आज्ञा न मानने से दाऊद क्रोधित हुआ(पद.26) और उसने जवाब देने के लिए प्रेरित होकर राजा शाऊल से कहा, “किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा”(पद.32) l
परमेश्वर कभी-कभी हमें उन स्थानों पर रखने के लिए हमारे दैनिक जीवन की परिस्थितियों का उपयोग करता है जहां वह हमारा उपयोग करना चाहता है l आइये यह देखने के लिए अपनी आँखें(और हृदय!) खुली रखें कि वह कहाँ और कैसे चाहता है कि हम किसी की सेवा करें l
परमेश्वर ने कब आपकी जरूरतों को किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा पूरा किया है? वह आज आपको दूसरे के जीवन में कैसे उपयोग करना चाहेगा?
हे पिता, कृपया मेरी आँखें यह देखने के लिए खोलिए कि आप आज मेरा कहाँ उपयोग कर सकते हैं l