आपका रैटटल स्नेक से कभी निकट से सामना हुआ है? यदि हाँ, तो आपने देखा होगा कि जैसे-जैसे आप रैटटल स्नेक के निकट जाते हैं, खड़खड़ाहट की आवाज़ और तेज हो जाती है l  वैज्ञानिक पत्रिका करंट बायोलॉजी में किए गए शोध से पता चलता है कि जब कोई खतरा करीब आता है, तो सांप अपनी खड़खड़ाहट की दर बढ़ा देते हैं। खडखडाहट की इस उच्च दर का तरीका हमें  यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि वे वास्तविकता से कहीं ज़्यादा करीब हैं। जैसा कि एक शोधकर्ता ने कहा, “श्रोता द्वारा दूरी की गलत व्याख्या सुरक्षा की सीमा  को कम करती हैं और खतरा बढ़ जाता है। ।

लोग कभी-कभी कठोर शब्दों के साथ तेज आवाज़ का उपयोग करते हैं जो झगड़े के दौरान दूसरों को दूर djrs हैं—क्रोध दर्शाना और चीख का सहारा लेना l नीतिवचन का लेखक ऐसे समय के लिए कुछ बुद्धिपूर्ण परामर्श साझा करता है : “कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है,  परन्तु कटुवचन से क्रोध भड़क उठता है l ” (नीतिवचन 15:1) l वह आगे कहता है कि “ शान्ति देनेवाली बात जीवन- वृक्ष है” , और “बुद्धिमान लोग बातें करने से ज्ञान को फैलाते हैं” (पद.4,7) l

यीशु ने उन लोगों से कोमलता से निवेदन करने के लिए मुख्य कारण बताए जिनके साथ हम संघर्ष करते हैं: प्रेम का विस्तार करना जो हमें उसके बच्चे होने का खुलासा करता है (मैथ्यू 5:43-45) और सुलह की कोशिश करना – “[उन्हें जीतना]” (18:15)। संघर्षों के दौरान अपनी आवाज़ उठाने या निर्दयी शब्दों का उपयोग करने के बजाय, हमें दूसरों के प्रति सभ्यता, ज्ञान और प्रेम दिखाना चाहिए क्योंकि परमेश्वर अपनी आत्मा के द्वारा हमारा मार्गदर्शन करता है।

यीशु ने बुनियादी ज्ञान/अंतर्दृष्टि प्रदान की है कि जिनके साथ हमारा टकराव/झगड़े की स्तिथि उत्पन्न होती है उनसे नम्रता से आग्रह करने के लिए: ताकि प्रेम का विस्तार करते हुए हम उसकी संतान के रूप में प्रकट होI (मत्ती 5:43-45) और मेल करने की तलाश—“[उन्हें राज़ी कर लेना]” (18:15) l और जैसे परमेश्वर अपनी आत्मा के द्वारा हमारा मार्गदर्शन करता है झगड़े के दौरान अपनी आवाज़ तेज करना या कठोर शब्दों का उपयोग करने के स्थान पर, हम दूसरों को सभ्यता, ज्ञान और प्रेम दिखाएँI