Month: मार्च 2025

परमेश्वर की सुनना

जब मैं कॉलेज जाने के लिए गाड़ी चला रहा था और फिर वापसी में घर लौट रहा था, तो रेगिस्तान में हमारे घर की ओर जाने वाली सड़क कष्टदायी रूप से बेहद निष्क्रय और सुस्त लग रही थी l क्योकि यह सड़क लम्बी और सीधी थी, मैंने पाया कि मैं एक से अधिक बार तेज़ गति से गाड़ी चला रहा था l सबसे पहले, मुझे राजमार्ग गश्ती(highway patrol) से चेतावनी दी गयी l उस समय मुझे जुर्माना देना पड़ा l फिर मुझे उसी स्थान पर दूसरी बार तलब किया गया l 

सुनने से इनकार करने के दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम हो सकते हैं l इसका एक दुखद उदाहरण एक अच्छे और विश्वासयोग्य राजा योशिय्याह के जीवन से है l जब मिस्र का राजा नको बाबुल के विरुद्ध युद्ध में अश्शुर की सहायता करने को यहूदा के देश में होकर गया, तब योशिय्याह उसका मुकाबला करने को निकला l नको ने दूतों से योशिय्याह को यह कहला भेजा, “परमेश्वर ने मुझे फुर्ती करने को कहा है l इसलिए परमेश्वर जो मेरे संग है, उससे अलग रह” (2 इतहास 35:21)परमेश्वर ने वास्तव में नको को भेजा था, परन्तु योशिय्याह ने “नको के उन वचनों को नहीं माना जो उसने परमेश्वर की ओर से कहे थे, और मगिद्दो की तराई में उससे युद्ध करने को गया” (पद.22) युद्ध में योशिय्याह घातक रूप से घायल हो गया, “और यहूदियों और यरूशलेमियों ने . . . उसके लिए विलाप कियाI” (पद.24) 

योशिय्याह, जो परमेश्वर से प्रेम करता था, उसने पाया कि उसकी परमेश्वर की बात सुनने या दूसरों के द्वारा उसकी बुद्धि को सुनने के लिए समय निकाले बिना अपने तरीके पर ज़ोर देना कभी भी अच्छा नहीं होता l ईश्वर हमें वह विनम्रता प्रदान करे जिसकी हमें हमेशा अपने आप को जांचने और उसकी बुद्धि को अपने हृदय में धारण करने की ज़रूरत है l 

सुसमाचार के लिए

वर्ष था 1917, केवल तेईस वर्ष की उम्र में, नेल्सन ने अपने मूल स्थान वर्जिनिया में मेडिकल स्कूल से स्नातक किया था l और फिर भी वे चीन में “लव एंड मर्सी” अस्पताल के नए अधीक्षक के रूप में थे, कम से कम बीस लाख चीनी निवासियों के क्षेत्र में वह एकमात्र अस्पताल था l नेल्सन ने अपने परिवार के साथ,चौबीस वर्षों तक उस क्षेत्र में रहते हुए,अस्पताल चलाया, और हज़ारों लोगों को सुसमाचार साझा करते रहे थेl एक बार विदेशियों पर अविश्वास करने वालों द्वारा “विदेशी शैतान/foreign devil” कहे जानेवाले, नेल्सन बेल (Nelson Bell) बाद में “बेल जो चीनी लोगों का प्रेमी है” के रूप में जाने जाने लगे l कुछ समय पश्चात  उनकी बेटी रुथ का विवाह सुसमाचार प्रचारक बिली ग्राहम से हुआ थाl 

यद्यपि नेल्सन एक प्रतिभाशाली शल्यचिकित्सक/सर्जन और बाइबल शिक्षक थे, यह उनका कौशल नहीं था जो बहुतों को यीशु की ओर आकर्षित करता था; यह उनका चरित्र था और जिस तरह से उन्होंने सुसमाचार को जीया l तीतुस को लिखे पौलुस के पत्र में, युवा गैरयहूदी अगुवा से जो क्रेते में चर्च की देखभाल कर रहा था, प्रेरित ने कहा कि मसीह के समान जीवन जीना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुसमाचार को “शोभायमान” बनाता है (तीतुस 2:10) फिर भी हम इसे अपनी सामर्थ से नहीं करते हैंl परमेश्वर का अनुग्रह हमें “संयम और धर्म और भक्ति से जीवन” बिताने में सहायता करता है (पद.12) हमारे विश्वास की सच्चाइयों को प्रतिबिंबित करता हैI (पद.1) 

हमारे आस-पास के बहुत से लोग अभी भी मसीह के सुसमाचार को नहीं जानते हैं, परन्तु वे हमें जानते हैं l वे (मसीह) हमें अपने सन्देश को शोभायमान तरीके से प्रतिबिंबित करने और प्रकट करने में सहायता करे l 

तरोताजगी देनेवाला मरुद्यान

जब एंड्रयू और उनका परिवार केन्या में सफारी की सैर पर गया, तो उन्हें एक छोटी सी झील में बार-बार आनेवाले कई तरह के जानवरों को देखने का आनंद मिला, जो हलचल भरे परिदृश्य में दिखाई दिए l जिराफ़, अफ़्रीकी बारासिंघे, दरियाई घोड़े, और जलपक्षी सभी इस जीवन देनेवाले पानी के स्रोत पर आते थे l जब एंड्रयू ने उनके आने और जाने का अवलोकन किया, उन्होंने सोचा कि कैसे “बाइबल एक दिव्य पानी के गड्ढे/झील की तरह है” —न केवल यह मार्गदर्शन और बुद्धि का स्रोत है, बल्कि यह एक ताज़ा मरुउद्यान है जहाँ जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग अपनी प्यास बुझा सकते हैं l 

एंड्रयू के अवलोकन ने भजनकार को प्रतिध्वनित किया जिसने लोगों को “धन्य” कहा जब वे ईश्वर की व्यवस्था से प्रसन्न होते हैं और उस पर ध्यान देते हैं, पुराने नियम में उनके निर्देश और आज्ञाओं का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जानेवाला शब्द l जो लोग पवित्रशास्त्र पर मनन करते हैं, वे “उस वृक्ष के समान हैं, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है,और अपनी ऋतु में फलता हैI” (भजन 1:3)जिस प्रकार एक पेड़ की जड़ें ताज़गी के स्रोत को खोजने के लिए मिट्टी में पहुँचती हैं, वैसे ही जो लोग वास्तव में परमेश्वर में विश्वास करते हैं और उनसे प्यार करते हैं, वे खुद को पवित्रशास्त्र में गहराई से जड़ पकड़ लेंगे और उन्हें वह ताकत मिलेगी जिसकी उन्हें ज़रूरत है l 

अपने आप को परमेश्वर की बुद्धि के अधीन करना हमारी नींव को उसमें गहराई से जोड़े रखेगा; हम “भूसी के समान नहीं होंगे जो पवन से उड़ाई जाती हैI” (पद.4) जब हम मनन करते हैं कि परमेश्वर ने हमें बाइबल में क्या दिया है, तो हम पोषण प्राप्त करते हैं जो हमें स्थायी फल उत्पन्न करने की ओर ले जा सकता है l 

यीशु में विश्राम पाना

फ़ुजियान, चीन में शोधकर्ता गहन देखभाल इकाई(ICU) के मरीजों को अधिक अच्छी तरह से सोने में मदद करना चाहते थे l उन्होंने सिमुलेटेड/simulated ICU वातावरण (किसी वास्तविक चीज़,प्रक्रम या कार्यकलाप का किसी अन्य विधि से नक़ल करना)में परीक्षण मरीजों पर नींद में सहायक(sleep aids) के प्रभावों को मापा, तेज/साफ़, अस्पताल-ग्रेड प्रकाश व्यवस्था और मशीनों की बीप की आवाज़ और नर्सों की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग की l उनके शोध से पता चला कि स्लीप मास्क(sleep mask) और ईयर प्लग(ear plug) जैसे उपकरणों ने उनके मरीजों के आराम में सुधार किया l लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वास्विक ICU में वास्तव में बीमार मरीजों के लिए, शांतिपूर्ण नींद अभी भी मुश्किल होगी l 

जब हमारा संसार संकट में है, तो हम विश्राम कैसे पा सकते हैं? बाइबल स्पष्ट है : उनके लिए शांति है जो परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, चाहे उनकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों l नबी यशायाह ने भविष्य के समय के बारे में लिखा जब प्राचीन इस्राएलियों को कठिनाई के बाद पुनर्स्थापित किया जाएगा l वे नगर में निडर बसे रहेंगे, क्योंकि वे जानते थे, कि परमेश्वर ने उसे सुरक्षित किया है (यशायाह 26:1)  वे भरोसा करेंगे कि वह उनके चारों ओर के संसार में भलाई लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था—“वह ऊँचे पदवाले को झुका देता [है],” उत्पीड़ितों को ऊँचा  उठाता है, और न्याय लाता है (पद.5-6) वे जानेंगे कि “यहोवा सनातन चट्टान है,” और वे हमेशा के लिए उस पर भरोसा रख सकते थे (पद.4) 

यशायाह ने लिखा, “जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए है, उसकी तू पूर्ण शांति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है” (पद.3) परमेश्वर आज भी हमें शांति और विश्राम प्रदान कर सकता है l हम उसके प्रेम और शक्ति की निश्चयता में आराम कर सकते हैं, चाहे हमारे आसपास कुछ भी हो रहा हो l