Month: अप्रैल 2025

पूंछ और जीभ हिलाना

अखबार ने घोषणा की कि पेप  ने गवर्नर की पत्नी की बिल्ली की जान ली है—लेकिन उसने ऐसा नहीं किया था । एक बात जिसका वह दोषी हो सकता था वह थी गवर्नर की हवेली में सोफा चबाने का। 
पेप 1920  के दशक में, पेंसिल्वेनिया के गवर्नर गिफोर्ड पिंचोट का एक उग्र युवा लैब्राडोर रिट्रीवर (एक प्रकार का शिकारी कुत्ता) कुत्ता था। कुत्ते को वास्तव में ईस्टर्न स्टेट पेनिटेंटरी भेजा गया था,  जहां कैदी की पहचान संख्या के साथ उसकी तस्वीर ली गई थी। जब एक अखबार के रिपोर्टर ने इसके बारे में सुना तो उसने बिल्ली की कहानी बनाई। क्योंकि उनकी रिपोर्ट अखबार में छपी थी,  कई लोगों का मानना था कि पेप वास्तव में एक बिल्ली का हत्यारा  था।  
 
इस्राएल का राजा सुलैमान अच्छी तरह जानता था कि गलत जानकारी की ताकत क्या होती है। उसने लिखा, “कानाफूसी करनेवाले के वचन स्वादिष्ट भोजन के समान लगते हैं; वे पेट में पाच जाते हैं” (नीतिवचन 18:8) । कभी-कभी हमारा पतित मानव स्वभाव हमें दूसरों के बारे में उन बातों पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करता है जो सत्य नहीं हैं। फिर भी जब दूसरे हमारे बारे में झूठ पर विश्वास करते हैं,  तब भी परमेश्वर हमें भलाई के लिए उपयोग कर सकता है l वास्तव में,  गवर्नर ने पेप को जेल भेज दिया ताकि वह वहां के कैदियों का दोस्त बन सके—और उसने कई वर्षों तक अग्रणी चिकित्सा कुत्ते के रूप में सेवा की। 
 
दूसरे क्या कहते या सोचते हैं,  इसकी परवाह किए बिना हमारे जीवन के लिए परमेश्वर के उद्देश्य अभी भी कायम हैं। जब दूसरे हमारे बारे में कानाफूसी करते हैं,  तो याद रखें कि उसके विचार—और हमारे लिए उसका प्रेम—ही है जो अत्यधिक मायने रखता है। 

हमेशा भरोसेमंद

 
मैं एक चिंता करने वाली  हूँ।  सुबह की शुरुआत ख़राब होती है क्योंकि मैं अपने विचारों के साथ अकेली होती हूं। इसलिए मैंने अपने बाथरूम के शीशे पर हडसन टेलर (चीन जाने वाले एक ब्रिटिश मिशनरी) के इस उद्धरण को चिपका दिया, जहां मैं इसे तब देख सकती हूं जब मैं कमजोर महसूस कर रही हूं : “परमेश्वर एक जीवित परमेश्वर है। उसने बाइबल के द्वारा हमसे बात की हैं। वह जो कहता है उसका मतलब होता है। और वह अपने हर वायदे को पूरा करेगा।”  
टेलर के शब्द परमेश्वर के साथ वर्षों चलने के अनुभव से आए हैं और हमें याद दिलाते हैं कि परमेश्वर कौन है और वह हमारी बीमारी,  गरीबी,  अकेलेपन और दुःख के समय में क्या कर सकता है। वह केवल यह नहीं जानते थे कि परमेश्वर भरोसे के योग्य है—उन्होंने उसकी विश्वासयोग्यता का अनुभव किया था। और क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के वादों पर भरोसा किया था और उसकी आज्ञा मानी थी, हजारों चीनी लोगों ने यीशु को अपना जीवन दिया।  
परमेश्वर और उसके  तौर तरीकों का अनुभव करने से दाऊद को यह जानने में मदद मिली कि वह भरोसेमंद है। उसने भजन 145 लिखा –  परमेश्वर की स्तुति का एक गीत जिसे उसने अनुभव किया कि वह अच्छा,  दयालु और अपने सभी वादों के प्रति वफादार है। जब हम परमेश्वर पर भरोसा करते हैं और उसका अनुसरण करते हैं,  तो हम महसूस करते हैं (या बेहतर समझते हैं) कि वह वही है जो वह कहता है कि वह है और वह अपने वचन के प्रति विश्वासयोग्य है (पद. 13)। और,  दाऊद की तरह,  हम उसकी स्तुति करने और दूसरों को उसके बारे में बताने के द्वारा प्रत्युत्तर देते हैं (पद. 10-12)। जब हम चिंताजनक समय का सामना करते हैं,  तो परमेश्वर हमारी सहायता कर सकता है कि हम उसके साथ चलने में न डगमगाएं,  क्योंकि वह भरोसे के योग्य है (इब्रानियों 10:23)। 

जोर से हंसना

अमेरिकी कॉमेडियन और लेखक जॉन ब्रैनियन ने कहा,  “हमने हँसी के बारे में नहीं सोचा था;  यह हमारा विचार नहीं था। यह हमें परमेश्वर ने दी, जो जानता था कि हमें जीवन से गुजरने के लिए इसकी आवश्यकता होगी । क्योंकि वह जानता था कि हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, वह जानता था कि हमें संघर्ष करना होगा,  वह जानता था कि बहुत कुछ होगा । . . . हँसना एक उपहार है।” 
 
परमेश्वर के  बनाये जीवों पर जल्दी से एक नज़र डालने से हंसी आ सकती है; चाहे उनकी विचित्रताओं के कारण— (जैसे बत्तख के मुँह की तरह प्लैटिपस/platypus) या अद्भुत (जैसे चंचल ऊदबिलाव) । परमेश्वर ने समुद्र में रहने वाले स्तनधारियों और लंबी टांगों वाले पक्षियों को बनाया जो उड़ नहीं सकते। परमेश्वर स्पष्ट रूप से हास्य की भावना रखते हैं;  और क्योंकि हम उसके स्वरूप में सृजे गए हैं,  हमें भी हमें हँसी का आनंद मिला  है । 
हम सबसे पहले बाइबल में अब्राहम और सारा की कहानी में हँसी शब्द देखते हैं। परमेश्वर ने इस वृद्ध दंपत्ति को एक बच्चे का वादा किया : “तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा ” (उत्पत्ति 15:4) । और परमेश्वर ने कहा था,  “आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन . . . तेरा वंश ऐसा ही होगा” (पद.5) l जब सारा ने आखिरकार नब्बे वर्ष की उम्र में जन्म दिया,  तो इब्राहीम ने अपने बेटे का नाम इसहाक रखा,  जिसका अर्थ है “हँसी l” जैसा कि सारा ने कहा,  “परमेश्‍वर ने मुझे हँसाया है,  और जो कोई इस बात को सुनेगा वह मेरे साथ हँसेगा” (21:6) l उसे आश्चर्य हुआ कि वह अपनी उम्र में एक बच्चे का पालन-पोषण कर सकती है! जब उसने सुना कि वह बच्चे को जन्म देगी (18:12) तो परमेश्वर ने उसकी शक्की हँसी को पूर्ण आनन्द की हँसी में बदल दिया । 
हँसी के उपहार के लिए परमेश्वर का धन्यवाद हो!  
 

जंगली घास को पानी देना

 
इस वसंत में,  जंगली घास ने हमारे पीछे के आँगन में ऐसे हमला किया जैसे कुछ जुरासिक पार्क  जैसा हो। एक इतनी बड़ी हो गयी कि जब मैंने उसे हटाने की कोशिश की,  तो मुझे डर लगा कि कहीं मैं खुद को चोट न पहुँचा दूँ । इससे पहले कि मैं उसे कुदाल से मारता,  मैंने देखा कि मेरी बेटी वास्तव में उस पर पानी डाल रही थी। “तुम जंगली घास को पानी क्यों दे रही हो?”  मैंने कहा । “मैं देखना चाहती हूं कि यह वह कितनी बड़ी हो सकती है !” उसने एक शरारती मुस्कराहट के साथ उत्तर दिया l  
जंगली घास कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हम जानबूझकर उगाते और बढ़ाते हैं । लेकिन जैसा कि मैंने इसके बारे में सोचा,  मुझे एहसास हुआ कि कभी-कभी हम अपने आत्मिक जीवन में “जंगली घास” को पानी देते हैं,  इच्छाओं को पोषित करते हैं (पालते हैं) जो हमारे विकास को रोकती हैं।   
पौलुस इसके बारे में गलातियों 5:13-26 में लिखता है,  जहाँ वह शरीर के द्वारा जीने और आत्मा के द्वारा जीने का अंतर बताता है। वह कहता है कि अकेले नियमों का पालन करने की कोशिश करने से हम “जंगली घास-मुक्त” जीवन की स्थापना नहीं कर पाएंगे। इसके बजाय,  जंगली पौधों को सींचने से बचने के लिए,  वह हमें “आत्मा के अनुसार चलने” का निर्देश देता है। वह आगे कहता हैं कि परमेश्वर के साथ प्रतिदिन चलना ही हमें “शरीर की लालसाओं को तृप्त करने” के आवेग से मुक्त करता है (पद. 16)। 
पौलुस की शिक्षा को पूरी तरह से समझने की यह प्रक्रिया आजीवन चलती रहती है। लेकिन मुझे उनके मार्गदर्शन की सरलता पसंद है : अपनी आत्म-केंद्रित इच्छाओं को पोषित करके कुछ अवांछित विकसित करने के बजाय, जब हम ईश्वर के साथ अपना रिश्ता विकसित कर रहे होते हैं, तो हम फल उगाते हैं और एक ईश्वरीय जीवन की फसल काटते हैं।(पद. 22-25)