दोस्त किराए पर लें?
दुनिया भर में कई लोगों के लिए, जीवन अकेला होता जा रहा है। 1990 के बाद से ऐसे अमेरिकियों की संख्या चार गुना हो गई है जिनका कोई मित्र नहीं है। कुछ यूरोपीय देशों में उनकी आबादी का 20 प्रतिशत तक अकेलापन महसूस कर रहा है, जबकि जापान में, कुछ बुजुर्ग लोगों ने अपराध का सहारा लिया है ताकि वे जेल में कैदियों की संगति कर सकें । उद्यमी इस अकेलेपन की महामारी के लिए एक "समाधान" लेकर आए हैं—किराए-पर-मित्र(rent –a-friend) । घंटे के हिसाब से किराए पर लिए गए, ये लोग आपसे बात करने या किसी पार्टी में आपके साथ जाने के लिए एक कैफे में मिलेंगे । ऐसे ही एक “दोस्त” से पूछा गया कि उसका ग्राहक कौन था। उसने कहा, “अकेला, 30- से 40-वर्षीय पेशेवर, जो लंबे समय तक काम करते हैं और उनके पास कई दोस्त बनाने के लिए समय नहीं है l”
सभोपदेशक 4 एक ऐसे व्यक्ति का वर्णन करता है जो बिल्कुल अकेला है, जिसके पास “बेटा या भाई” नहीं है । इस कार्यकर्ता के परिश्रम का “अंत नहीं” है, फिर भी उसकी सफलता पूर्ण नहीं है (पद. 8) । “मैं किसके लिए मेहनत कर रहा हूँ . . . ?” वह अपनी दुर्दशा के प्रति जागते हुए पूछता है । रिश्तों में निवेश करना कहीं बेहतर है, जो उसके काम का बोझ हल्का कर देगा और परेशानी में मदद करेगा (पद. 9-12) । क्योंकि, अंततः, मित्रता के बिना सफलता “अर्थहीन है” (पद. 8) ।
सभोपदेशक हमें बताता है कि जो डोरी तीन तागे से बटी हो जल्दी नहीं टूटती (पद. 12) । लेकिन न तो यह जल्दी से बुनी जाती है। चूँकि सच्चे दोस्त किराए पर नहीं लिए जा सकते हैं, परमेश्वर को हमारे तीसरी लड़ी के रूप में, हमें एक साथ मजबूती से बुनते हुए आइए हम उन्हें बनाने के लिए आवश्यक समय का निवेश करें ।

भविष्य की विश्वासयोग्यता
सारा ने अपनी मां को तब खोया जब वह सिर्फ चौदह साल की थी । वह और उसके भाई-बहन जल्द ही अपना घर खो बैठे और बेघर हो गए । वर्षों बाद, सारा भविष्य में अपने बच्चों को एक ऐसी विरासत प्रदान करना चाहती थी जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ सके । उसने एक घर खरीदने के लिए कड़ी मेहनत की, अपने परिवार को वह स्थिर घर दिया जो उसके पास कभी नहीं था ।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए घर में निवेश करना उस भविष्य के प्रति विश्वास का कार्य है जिसे आपने अभी तक नहीं देखा है । बेबीलोनियों द्वारा यरूशलेम की हिंसक घेराबंदी से ठीक पहले परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह को भूमि खरीदने के लिए कहा (यिर्मयाह 32:6-12) । भविष्यवक्ता के लिए, परमेश्वर के निर्देशों का अर्थ समझना थोड़ा मुश्किल था । जल्द ही उनकी सारी संपत्ति और सामान जब्त होने वाला था ।
परन्तु परमेश्वर ने यिर्मयाह को यह प्रतिज्ञा दी : “जैसे मैं ने इस प्रजा पर यह सब बड़ी विपत्ति डाली दी, वैसे ही निश्चय इन से वह सब भलाई भी करूँगा जिसके करने का वचन मैं ने दिया है” (पद. 42) । भविष्यवक्ता का संपत्ति में निवेश किसी दिन इस्राएलियों को उनकी मातृभूमि में बहाल करने के लिए परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का भौतिक चिन्ह था। एक भयानक हमले के बीच भी, परमेश्वर ने अपने लोगों से वादा किया था कि शांति फिर से आएगी—घरों और संपत्ति को फिर से खरीदा और बेचा जाएगा (पद. 43-44)।
आज हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर अपना भरोसा रख सकते हैं और विश्वास में “निवेश” करना चुन सकते हैं । यद्यपि हम हर परिस्थिति की सांसारिक बहाली नहीं देख सकते हैं, हमारे पास आश्वासन है कि वह एक दिन सब कुछ ठीक कर देगा ।

स्तुति करना याद रखे
जब हमारी कलीसिया ने हमारी पहली इमारत का निर्माण किया, तो लोगों ने इमारत का आंतरिक भाग पूरा होने से पहले, दीवार के स्टड(stud) (एक सीधा सहायक फ्रेम जो मुख्य दीवार को सहारा देता है) और कंक्रीट के फर्श पर आभारी अनुस्मारक लिखे। स्टड से शुष्क दीवार को वापस खींच लें और आप उन्हें वहां पाएंगे। पवित्रशास्त्र से एक के बाद एक पद, स्तुति की प्रार्थनाओं के साथ लिखे गए हैं जैसे “आप कितने भले हैं!” हमने उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक साक्षी के रूप में छोड़ दिया कि हमारी चुनौतियों के बावजूद, परमेश्वर दयालु बना रहा और हमारी देखभाल करता रहा l
हमें यह याद रखना चाहिए कि परमेश्वर ने हमारे लिए क्या किया है और दूसरों को इसके बारे में बताना चाहिए। यशायाह ने इसका उदाहरण दिया जब उसने लिखा, “जितना उपकार यहोवा ने हम लोगों का किया अर्थात् इस्राएल के घराने पर दया और अत्यन्त करूणा करके उस ने हम से जितनी भलाई, कि उस सब के अनुसार मैं यहोवा के करूणामय कामों का वर्णन और उसका गुणानुवाद करूंगा।" (यशायाह 63:7)। बाद में, भविष्यवक्ता पूरे इतिहास में अपने लोगों के लिए परमेश्वर की करुणा को भी याद करता है, यहाँ तक कि यह भी बताता है कि कैसे “उनके सारे संकट में उस ने भी कष्ट उठाया” (पद.9) । परन्तु यदि आप उस अध्याय को पढ़ते रहेंगे, तो आप देखेंगे कि इस्राएल फिर से संकट के समय में है, और भविष्यवक्ता परमेश्वर के हस्तक्षेप (बीच बिचाव) के लिए तरस रहा है।
परमेश्वर की पिछली दयालुता को याद करना कठिन समय में मदद करता है I चुनौतीपूर्ण मौसम आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन उसका विश्वासयोग्य चरित्र कभी नहीं बदलता। जब हम उसके द्वारा किए गए सभी कामों की याद में आभारी हृदय से उसकी ओर मुड़ते हैं, तो हमें नए सिरे से पता चलता है कि वह हमेशा हमारी प्रशंसा के योग्य है।

एक छोटे से टुकड़े से ज्यादा
जब हम किसी नई जगह पर जाते हैं तो हम सभी अपना कुछ हिस्सा पीछे छोड़ देते हैं। लेकिन विलास लास एस्ट्रेलास, अंटार्कटिका, एक ठंडी और उजाड़ जगह का एक दीर्घकालिक निवासी बनने के लिए, अपने आप को पीछे छोड़ना एक वास्तविक बात है। वहां निकटतम अस्पताल ही 625 मील दूर है, यदि किसी व्यक्ति का अपेंडिक्स(appendix) फट जाए तो गंभीर संकट में पड़ जाएगा। इसलिए प्रत्येक नागरिक को वहां जाने से पहले अपेंडिक्स को निकालने के लिए सर्जिकल ऑपरेशन से गुजरना पड़ता है।
कठिन, है ना? लेकिन यह परमेश्वर के राज्य का निवासी बनने जितना कठिन नहीं है। क्योंकि लोग यीशु का अनुसरण अपनी शर्तों पर करना चाहते हैं न कि उसकी शर्तों पर (मत्ती 16:25-27)), वह इसे पुनः परिभाषित करता है कि चेला होने का क्या अर्थ है। उसने कहा, “जो कोई मेरा चेला बनना चाहे वह अपने आप से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर मेरे पीछे हो ले” (पद. 24)। इसमें हमारा हर उस चीज़ को छोड़ना शामिल है जो उसके और उसके राज्य के बीच में आए। और जैसे ही हम अपना क्रूस उठाते हैं, हम मसीह की भक्ति के लिए सामाजिक और राजनीतिक उत्पीड़न और यहाँ तक कि मृत्यु को सहने की इच्छा की घोषणा करते हैं। जाने देने और क्रूस उठाने के साथ-साथ, हमें वास्तव में उसका अनुसरण करने की इच्छा भी रखनी है। ये बहुत तेजी से उसकी अगुवाई में चलने का ढंग है जैसे-जैसे वह अपनी सेवा और बलिदान में हमारा मार्गदर्शन करता है।
यीशु के पीछे चलने का अर्थ हमारे जीवन के एक छोटे से हिस्से को पीछे छोड़ने से कहीं अधिक है। जब वह हमारी मदद करता है, तो यह हमारे पूरे जीवन को, हमारे शरीर सहित, उसके आधीन और उसे समर्पित करने की बात है——केवल उसी को।
मसीहा के अंतिम वचन (Messiah's Last Words)
“काश कि ये लंबे समय के लिए खिलते,” मेरी पत्नी ने बड़े ही उत्साह से कहा जब वह विशाल गुलाबी और सफेद फूलों को देख रही थी। वह बीस साल पहले लगाए गए फूलों की खुशबू का आनंद लेने के लिए झुकी। वे मेरी माँ की ओर से एक उपहार थे, जो जानती थीं कि वह इस दुनिया में लंबे समय…
