मैंने कभी बर्फ नहीं देखी। लेकिन मैंने इसे महसूस किया। मैं जिस पिकअप को चला रहा था – मेरे दादाजी की – उसका पिछला हिस्सा फिशटेल की तरह मुड़ गया। एक मोड़, दो, तीन – और मैं हवा में उड़ गया, बांध से 15 फीट दूर । मुझे याद है कि मैंने सोचा था, अगर मैं मरने वाला नहीं होता तो यह बहुत बढ़िया होता। एक पल बाद, ट्रक खड़ी ढलान में जा गिरा और नीचे लुढ़क गया। मैं कुचली हुई गाड़ी से बाहर रेंगकर आया, बिना किसी चोट के।
1992 की दिसंबर की सुबह ट्रक पूरी तरह जलकर खाक हो गया। परमेश्वर ने मुझे बचा लिया था । लेकिन मेरे दादा जी के बारे में क्या? वह क्या कहेंगे? दरअसल, उन्होंने ट्रक के बारे में एक शब्द नहीं कहा। एक भी नहीं। कोई डांट-फटकार नहीं थी, कोई पुनर्भुगतान योजना नहीं थी, कुछ भी नहीं था। बस माफ़ी। और दादा जी की मुस्कान कि मैं ठीक था।
मेरे दादा जी की अनुग्रह मुझे यिर्मयाह 31 में परमेश्वर की अनुग्रह की याद दिलाती है। वहां, उनकी जबरदस्त असफलताओं के बावजूद, परमेश्वर अपने लोगों के साथ एक पुनर्स्थापित रिश्ते का वादा करते हैं, यह कहते,”मैं उनका अधर्म क्षमा करूँगा, और उनका पाप फिर स्मरण न करूँगा।”(पद 34)
मुझे यकीन है कि मेरे दादा जी कभी नहीं भूले होंगे कि मैंने उनके ट्रक को बर्बाद कर दिया था। लेकिन उसने बिल्कुल वैसा ही व्यवहार किया जैसे परमेश्वर यहाँ करते है, इसे याद नहीं रखा, मुझे शर्मिंदा नहीं किया, मुझसे उस ऋण को चुकाने के लिए काम नहीं कराया जिसका मैं उचित हकदार था। जैसा कि परमेश्वर कहते हैं कि वह ऐसा करेंगे, मेरे दादा जी ने इसे याद नहीं रखने का फैसला किया, जैसे कि मैंने जो विनाशकारी काम किया था वह कभी हुआ ही नहीं।
— एडम आर. होल्ज़
परमेश्वर की क्षमा का आपकी असफलताओं को देखने के तरीके पर क्या प्रभाव पड़ना चाहिए? आप दूसरों पर कृपा कैसे दिखा सकते हैं?
पिता, आपकी क्षमा के लिए धन्यवाद। जब मैं लज्जित महसूस करूं, तो मुझे यह याद दिलाने में मदद करें कि, मसीह में, आप मेरे पापों को अब याद नहीं करते हैं।
